अरुणाचल प्रदेश में भारी भूस्खलन, डिरांग-तवांग मार्ग रुका हुआ होने की खबर ने पूरे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को हिला दिया है। सोमवार की दोपहर पश्चिम कामेंग जिले के सैपर कैंप क्षेत्र में पहाड़ से अचानक बड़े-बड़े पत्थर और मिट्टी का मलबा नीचे आ गिरा। इस घटना के चलते डिरांग से तवांग को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पूरी तरह बंद हो गई है। यह मार्ग बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि तवांग बॉर्डर क्षेत्र तक सेना और स्थानीय लोगों की आवाजाही का यही मुख्य रास्ता है।
भूस्खलन का प्रभाव:
भूस्खलन इतना तीव्र था कि देखते ही देखते करीब 120 मीटर सड़क का हिस्सा पूरी तरह पत्थरों और मिट्टी के मलबे से भर गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि अचानक पहाड़ से पत्थरों की तेज आवाज सुनाई दी और इसके बाद सड़क पर अफरा-तफरी मच गई। घटना स्थल पर खड़े कई वाहन समय रहते पीछे हट गए, लेकिन दो वाहनों को गंभीर क्षति पहुंची। गनीमत रही कि इस दुर्घटना में किसी भी यात्री की जान नहीं गई।
पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश ने पहाड़ियों को कमजोर कर दिया था, जिसके कारण यह भूस्खलन हुआ। अरुणाचल प्रदेश वैसे भी पहाड़ी और संवेदनशील इलाकों में आता है, जहां हर साल मॉनसून के दौरान लैंडस्लाइड की घटनाएं आम होती हैं। लेकिन इस बार पत्थरों का गिरना इतना बड़ा था कि डिरांग-तवांग जैसी अहम सड़क तक प्रभावित हो गई।
BRO का कार्य:
इस घटना के बाद Border Roads Organisation की टीम मौके पर पहुंची और कार्य शुरू कर दिया। बड़े-बड़े पत्थरों को हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का सहारा लिया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया है कि अगर मौसम साफ रहा तो अगले 24 घंटों के भीतर सड़क को फिर से चालू करने की संभावना है। तब तक यात्रियों को वैकल्पिक रास्तों से यात्रा करने की सलाह दी गई है।
स्थानीय प्रशासन ने भी यात्रियों से अपील की है कि वे बिना जरूरत यात्रा से बचें और पहाड़ी क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतें। क्षेत्र में अभी भी पत्थरों के गिरने का खतरा बना हुआ है। कई यात्रियों ने बताया कि जैसे ही पहाड़ से पत्थर गिरे, लोग घबराकर अपनी गाड़ियों को तेजी से पीछे करने लगे और कुछ लोग पैदल सुरक्षित स्थान की ओर भागे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह भारी-भरकम चट्टानें सड़क पर आकर गिर रही हैं और लोग डर से चिल्लाते हुए भाग रहे हैं ।
हाल ही में इसी तरह की एक घटना में बना-सेप्पा मार्ग पर भूस्खलन की वजह से एक कार गहरी खाई में गिर गई थी, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे में सरकार और BRO की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इन घटनाओं को समय रहते रोका जाए और सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाया जाए।
निष्कर्ष:
फिलहाल इस हादसे से कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन लोगों की दिक्कतें जरूर बढ़ गई हैं। खासकर स्थानीय व्यापारियों और पर्यटकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तवांग एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहां जाने वाले यात्रियों की संख्या काफी अधिक होती है। सड़क बंद होने से उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि पहाड़ी राज्यों में भूस्खलन से निपटने के लिए सरकार को और ठोस कदम उठाने होंगे। सड़कें केवल यातायात के लिए ही नहीं बल्कि सामरिक दृष्टि से भी अहम हैं। ऐसे में सड़क सुरक्षा और निगरानी की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
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