27 अगस्त 2025 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में कर रहे वोट अधिकार यात्रा के दौरान खुली रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत विदेश नीति अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इशारों पर चल रही है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार को कमजोर कूटनीति का प्रतीक बताते हुए भारतीय सेवा पर भी सवाल उठाए। उनके इस बयान ने देश भर के राजनीति में भूचाल ला दिया है।
राहुल गांधी के बयान की मुख्य बातें
राहुल गांधी ने बिहार के मुजफ्फरपुर में अपनी रैली की सभा को संबोधित करते हुए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खूब तंज कसा उन्होंने कहा कि-
•भारत सरकार ने पाकिस्तान सीमा पर “ऑपरेशन सिंदूर” जैसी सैन्य कार्रवाई अमेरिकी दबाव में रोक दी।
• “मोदी सरकार की विदेश नीति भारत की संप्रभुता को कमज़ोर कर रही है।”
•उन्होंने दावा किया कि “देश ट्रम्प के इशारों पर चल रहा है और प्रधानमंत्री में इतना साहस नहीं कि वो ट्रम्प को झूठा कह सकें।”
•राहुल ने भाजपा पर चुनावी धांधली और “वोट चोरी” का भी गंभीर आरोप लगाया।
अमेरिका-भारत संबंधों के संदर्भ में विवाद
मौजूदा हालात में भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में मनभेद के चलते टैरिफ की बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि अमेरिका भारत को लेकर किसी संचय में है। ऐसे वक्त में यह कहना कि भारत की राजनीति अमेरिका के दबाव में कार्य कर रही है। यह किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है।
हालांकि भारत-पाकिस्तान पर कार्यवाही रोकने का सुझाव दिए जाने की खबरें जब सामने आई तो नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट किया था कि “यह निर्णय सैन्य वार्ता और कूटनीति के बातचीत का नतीजा है” इसमें किसी तीसरे का दबाव शामिल नहीं है।
सेना पर उठाए गए सवाल
राहुल गांधी द्वारा ऐसा बताया गया है कि मोदी सरकार के कारण भारत की सेवा की आत्म निर्भरता और सम्मान को ठेस पहुंच रही है उन्होंने नरेंद्र मोदी और भाजपा का विरोध करते-करते भारतीय सेवा के अस्तित्व पर भी सवाल उठाने का काम किया है।
“वोट चोरी” मॉडल पर भी हमला
राहुल गांधी ने गुजरात का जिक्र करते हुए इसे “वोट चोरी मॉडल” बताया। उन्होंने दावा किया कि:
• “दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वोटरों के नाम बड़ी संख्या में मतदाता सूची से हटाए गए।”
•चुनावी प्रक्रिया में धांधली कर लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है।
•चुनाव आयोग ने इन आरोपों को “बिना सबूत के” बताते हुए खारिज कर दिया।
निष्कर्ष
दीपक विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने विदेश नीति को चुनावी मुद्दा बनाने का कार्य किया है। सेना और कूटनीति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बयान बाजी करने से देश की राजनीति में आक्रामकता नजर आ सकती है। उनके हिसाब से सत्ता में रह रहे लोगों द्वारा हर तरफ संविधान की हत्या करने की कोशिश की जा रही है।
