केदारनाथ मंदिर के पीछे चौराबाड़ी ग्लेशियर में मिला नर कंकाल रहस्य विषय बना हुआ है। शुरुआत में जब यह खबर आई तो लोगों ने इसे 2013 की आपदा से जोड़कर देखा, लेकिन अब जांच के बाद साफ हो गया है कि यह कंकाल हाल ही में लापता हुए तेलंगाना निवासी एक युवक का है।
कंकाल की पहचान:
यह युवक वर्ष 2024 में केदारनाथ यात्रा के लिए आया था। बताया जाता है कि यात्रा के दौरान वह अचानक लापता हो गया था। कई दिनों तक उसकी तलाश की गई, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा। परिवार लगातार उम्मीद लगाए बैठा था कि उनका बेटा कभी न कभी वापस लौटेगा। मगर करीब एक साल बाद ग्लेशियर पिघलने पर जब उसका कंकाल मिला, तो यह खबर उसके परिवार के लिए बेहद दर्दनाक रही।
कैसे हुई पहचान?
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कंकाल के पास से एक पहचान पत्र भी बरामद हुआ है। इस ID के आधार पर पुलिस ने तुरंत युवक की पहचान की। फॉरेंसिक जांच और DNA रिपोर्ट से भी यह पुष्टि हो गई कि यह वही युवक है जो 2024 में लापता हुआ था। प्रशासन ने परिजनों को इसकी सूचना दी और उन्हें अंतिम संस्कार के लिए अवशेष सौंप दिए।
परिवार वालों की प्रतिक्रिया:
परिजनों का कहना है कि भले ही यह उनके लिए गहरे दुख की घड़ी है, लेकिन कम से कम अब उन्हें अपने बेटे की सच्चाई तो पता चली। लंबे समय से वे अनिश्चितता और उम्मीद के बीच जी रहे थे। युवक की मां का कहना है कि अब उन्हें यह संतोष है कि उनका बेटा कहां और कैसे मिला।
प्रशासन की चेतावनी:
स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सचेत करते हुए कहा है कि चौराबाड़ी ग्लेशियर का इलाका बेहद खतरनाक और संवेदनशील है। बिना गाइड, सुरक्षा इंतजाम और अनुभव के इस ओर जाने से यात्रियों की जान पर खतरा हो सकता है। अक्सर यहां रास्ता भटकना, अचानक मौसम बिगड़ना और ग्लेशियर की दरारों में फंस जाना हादसों की वजह बनता है।
हिमालयी क्षेत्र जितना आस्था का केंद्र है, उतना ही जोखिम से भरा हुआ भी है। हर साल हजारों यात्री यहां आते हैं, लेकिन कई बार लापरवाही और कठिन परिस्थितियां जानलेवा साबित होती हैं।
निष्कर्ष
केदारनाथ मंदिर के पीछे चौराबाड़ी ग्लेशियर से तेलंगाना के युवक का कंकाल और उसका पहचान पत्र मिलना न सिर्फ उसके परिवार के लिए भावुक क्षण है बल्कि सभी यात्रियों के लिए चेतावनी भी है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि पहाड़ों की सुंदरता के साथ-साथ वहां का खतरा भी हमेशा हमारे साथ रहता है। प्रशासन और विशेषज्ञों की सलाह मानकर ही यात्रा करनी चाहिए, ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाओं से बचा जा सके।
