दहेज के लालच में देश की एक और बेटी निक्की की दर्दनाक मौत, आरोपी पति विपिन गिरफ्तार। ग्रेटर नोएडा में घटी इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। महज दहेज की मांग को लेकर पति और उसके परिवार द्वारा एक महिला को जिंदा जलाकर मार देना आज के समय में समाज की कुरूप को दर्शाता है।
क्या-क्या हुआ?
घटना 21 अगस्त 2025 की रात की है, जब ग्रेटर नोएडा के पायला गांव निवासी निक्की भाटी को उसके पति विपिन भाटी और ससुराल पक्ष के लोगों ने मिलकर बुरी तरह पीटा और फिर आग लगा दिया। गंभीर रूप से झुलसी निक्की को पहले फोर्टिस अस्पताल और फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
निक्की के परिजनों का आरोप है कि विपिन और उसके परिवार वाले लंबे समय से दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे। बताया जा रहा है कि 36 लाख रुपये की मांग को लेकर विवाद बढ़ता गया और आखिरकार इस निर्मम हत्या का कारण बना। इतना ही नहीं, निक्की का मासूम बेटा भी इस पूरी घटना का गवाह बना।
प्रशासन का कदम:
मामला फैलते ही पुलिस ने तेजी दिखाई। आरोपी पति विपिन भाटी को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी से पहले उसने भागने की कोशिश की, जिस दौरान पुलिस मुठभेड़ में उसके पैर में गोली लगी। इसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया और फिर अदालत में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
महिलाओं की सुरक्षा:
इस घटना के बाद महिला सुरक्षा और दहेज कानूनों पर फिर से बहस छिड़ गई है। एक ओर लोग पूछ रहे हैं कि जब दहेज प्रताड़ना और हत्या को रोकने के लिए सख्त कानून मौजूद हैं, तो फिर आए दिन ऐसे मामले क्यों सामने आते हैं। दूसरी ओर निक्की के परिवार और ग्रामीणों ने इस अपराध के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की है।
गांव के लोगों का कहना है कि विपिन और उसका परिवार लंबे समय से निक्की को प्रताड़ित कर रहा था, लेकिन निक्की ने अपने बेटे के भविष्य को देखते हुए रिश्ते को निभाने की कोशिश की। दुर्भाग्य से उसे इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
निष्कर्ष:
यह घटना सिर्फ एक महिला की नहीं, बल्कि पूरे समाज पर प्रश्न खड़ा करती है। दहेज जैसी कुप्रथा, जो कानूनन अपराध है, अब भी कई परिवारों की बर्बादी का कारण बन रही है। निक्की का दर्दनाक अंत इस बात की ओर इशारा करता है कि जब तक समाज में सोच नहीं बदलेगी, तब तक कानून भी पूरी तरह कारगर साबित नहीं हो पाएंगे।
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