साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल में ही खेली गई तीन मैचों की वनडे सीरीज़ रोमांचक रही। सीरीज़ का नतीजा 2–1 से साउथ अफ्रीका के पक्ष में गया, लेकिन आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया ने रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि वह अब भी किसी भी टीम को टक्कर देने की ताकत रखता है।
पहला ODI – साउथ अफ्रीका की जीत
कैरन्स में खेले गए पहले मुकाबले में साउथ अफ्रीका ने शानदार शुरुआत की। उनकी बल्लेबाज़ी भले ही औसत रही, लेकिन गेंदबाज़ों ने कमाल दिखाया। केशव महाराज के 5 विकेट ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ी को ढेर कर दिया। ऑस्ट्रेलिया टीम निर्धारित स्कोर तक नहीं पहुँच पाई और साउथ अफ्रीका ने पहला मैच 98 रन से जीतकर सीरीज़ में 1–0 की बढ़त हासिल की।
दूसरा ODI – सीरीज़ पर कब्ज़ा
दूसरा मुकाबला मकाय में हुआ और यहाँ भी साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज़ों और गेंदबाज़ों दोनों ने मिलकर टीम को जीत दिलाई। मैथ्यू ब्रेट्ज़के ने लगातार चौथी पचास मारकर इतिहास रच दिया। वहीं मध्यक्रम ने भी अहम योगदान दिया। गेंदबाज़ी में एनगिडी ने 5 विकेट लिया। ऑस्ट्रेलिया 84 रन से हार गया और सीरीज़ साउथ अफ्रीका के नाम हो गई। इस जीत के साथ ही साउथ अफ्रीका ने 2–0 की अजेय बढ़त ले ली।
तीसरा ODI – ऑस्ट्रेलिया की धमाकेदार वापसी
सीरीज़ भले ही साउथ अफ्रीका के नाम हो चुकी थी, लेकिन तीसरा और आखिरी मुकाबला ऑस्ट्रेलिया ने ऐतिहासिक अंदाज़ में जीता। ट्रेविस हेड (142), मिचेल मार्श (100) और कैमरन ग्रीन (118) * ने शतक जमाकर अपनी टीम को 431/2 के विशाल स्कोर तक पहुँचाया। यह घरेलू मैदान पर ऑस्ट्रेलिया का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर रहा। जवाब में साउथ अफ्रीका 155 रन पर ढेर हो गया। युवा स्पिनर कूपर कॉनॉली ने 5 विकेट लेकर सबका ध्यान खींचा। ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 276 रन से जीता।
सीरीज़ का नायक – केशव महाराज
पूरी सीरीज़ में साउथ अफ्रीका के स्पिनर केशव महाराज लगातार प्रभावी रहे। उनकी किफ़ायती गेंदबाज़ी और अहम मौकों पर विकेट झटकने की क्षमता ने उन्हें प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का पुरस्कार दिलाया।
निष्कर्ष:
इस सीरीज़ से यह साफ हो गया कि साउथ अफ्रीका की गेंदबाज़ी ऑस्ट्रेलिया जैसी मज़बूत टीम को भी परेशान कर सकती है। एनगिडी और महाराज की जोड़ी ने साबित कर दिया कि उनके पास हर परिस्थिति में विकेट निकालने की कला है। वहीं ऑस्ट्रेलिया को शुरुआती दो मैचों में बल्लेबाज़ी की अस्थिरता भारी पड़ी। हालांकि, तीसरे मैच की धमाकेदार जीत ने दिखाया कि उनके शीर्ष क्रम में जब लय आती है तो वे किसी भी लक्ष्य को पार कर सकते हैं।
कुल मिलाकर यह सीरीज़ क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद यादगार रही। शुरुआती दो मैचों में साउथ अफ्रीका का दबदबा रहा, जबकि तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी ताक़त का शानदार प्रदर्शन किया। साउथ अफ्रीका ने 2–1 से सीरीज़ जीतकर बढ़त हासिल की, वहीं ऑस्ट्रेलिया ने यह साबित किया कि बड़े टूर्नामेंटों में वह किसी भी टीम के लिए ख़तरा बना रहेगा ।
