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हेपेटाइटिस ए महामारी की चेतावनी — अहमदाबाद में मामला बढ़ा, 224 रिकॉर्ड किए गए

बीते दिनों में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में 224 हेपेटाइटिस ए के मरीज की गणना की गई है। विशेषज्ञों की माने तो यह बीमारी बढ़ते मानसून की वजह से तेजी से फैल रहा है। यह खबर पूरे देश में बहुत ही तेजी से फैल रहा है। इसकी एक मुख्य वजह यह भी है कि जलजनित बीमारियों में तेजी से बढ़ोतरी होने पर यह एक महामारी का रूप भी धारण कर सकती है।

कुल स्थिति का हाल

• पूरे शहर में अब तक हेपेटाइटिस ए के मामलों की कुल 224 मरीज की गणना ही सामने आई है। यह संख्या प्रतिदिन 8 मामलों से बढ़कर इस महीने 11 मामले प्रतिदिन तक पहुंच चुकी है।
• मामले की गंभीरता को देखा जाए तो इनमें से कुछ मरीज ऐसे सामने आए हैं जिन्हें तत्कालीन आईसीयू में भर्ती करना पड़ा है। एक मरीज को होश खोने और डिहाइड्रेशन की वजह से अस्पताल में वेंटिलेटर के सहारे रखा गया है।
• विशेषज्ञों की माने तो अक्सर बढ़ाते मानसून के साथ लोगों के पानी और खाने की सफाई पूर्णता बाधित रहती है। जिस वजह से इस तरह की बीमारी अपने चरम पर फैलने लगती है।

हेपेटाइटिस ए

विशेषज्ञों की सलाह और चेतावनी

 

• डॉक्टर भाविन वासवाड़ा और पथिक पारीख ने आगाह किया है कि यह सिर्फ एक संवेदनशील अफवाह नहीं है बल्कि यह स्वास्थ्य आपातकाल की ओर अग्रसर होने के ठोस संकेत हैं।
• डॉ. धीरज मेहता ने कहा कि साधारण बुखार समझकर इलाज शुरू करने की जगह पहले इसका निदान करना जरूरी है। ऐसा इसीलिए क्योंकि हेपेटाइटिस ए की शुरुआती लक्षण फ्लू या पेट दर्द जैसा देखा जा सकता है।
• इस बीमारी से बचने के लिए पानी को उबालकर उसे ठंडा कर कर तभी पिए, खुले हुए खाना खाने से खुद को बचाएं, अपने आप को स्वच्छ रखें और आसपास स्वच्छता का ध्यान रखें। और अगर किसी भी तरह का कोई लक्षण दिखाई पड़े तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

वजह और प्रभाव

क्यों बढ़ रहे हैं मामले?

• मानसून के वक्त हमें प्राप्त होने वाले जल स्रोत बहुत हद तक प्रदूषित हो जाते हैं जिस वजह से लोगों के बीच हैजा और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां फैलने लगती है।
• इस समय स्वच्छता के अभाव में लोगों के बीच संक्रमण का खतरा तेजी से फैलने लगता है। और हर बीमारी के तरह इसके चपेट में अधिक संक्रमित बच्चे और बूढ़े होते हैं।

इससे सामान्य जनता पर क्या असर होगा?

• इस तरह की बीमारी फैलने से अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ जाएगी जिससे समान बीमारी के संसाधनों पर असर पड़ेगा।
• संक्रमण के तेजी से फैलने से पूरे शहर पर अपितु पूरे देश पर महामारी आने का खतरा बढ़ सकता है।

निष्कर्ष: तैयारी ही बचाव है

देश में फैल रहे इस खबर से या सुनिश्चित हो गया है कि मानसून में सिर्फ मौसम का परिवर्तन नहीं होता बल्कि लोगों के बीच स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां भी आ जाती है। शहर में व्याप्त 224 मामले एक गिनती नहीं यह लोगों को सतर्क करने के लिए एक अलार्म है। लोगों को अपने आसपास सफाई पर बेहद ध्यान देने की आवश्यकता है। किसी भी तरह के कोई भी आशंका होने पर आम जनता को जागरुक होकर स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करने की अत्यंत आवश्यकता है।

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