आज भारत के खेल इतिहास का बेहद खास दिन है। 7 नवंबर 2025 को Indian Hockey ने अपने 100 गौरवशाली साल पूरे कर लिए हैं। साल 1925 में Indian Hockey Federation (IHF) की स्थापना के साथ शुरू हुई इस कहानी ने आने वाले दशकों में भारत को विश्व हॉकी का बादशाह बना दिया। एक सदी में भारतीय हॉकी ने 8 Olympic Gold Medals, 1 World Cup Title और असंख्य गौरवशाली पल दिए, जिन्होंने हर भारतीय का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया।

Indian Hockey का संगठित रूप 1925 में आकार लिया जब Indian Hockey Federation बनी। यही वह साल था जब भारत ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेली। इसके बाद 1928 के Amsterdam Olympics में भारतीय टीम ने दुनिया को चौंका दिया Major Dhyan Chand की कप्तानी में भारत ने पहला ओलंपिक गोल्ड जीता। उसके बाद तो यह सिलसिला थमने का नाम ही नहीं लिया। भारत ने लगातार 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 में कुल 8 बार Olympic Gold Medal जीता।
Major Dhyan Chand Indian Hockey का जादूगर
जब बात Indian Hockey की होती है तो Major Dhyan Chand का नाम अपने आप जुबान पर आ जाता है। उन्हें “The Wizard of Hockey” कहा गया। उनकी स्टिक से निकलने वाली बॉल पर दुनिया के गोलकीपर भी हैरान रह जाते थे। 1928 से 1936 के बीच उन्होंने 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल दागे और भारत को तीन ओलंपिक गोल्ड जिताए। उनकी याद में आज भी “National Sports Day” 29 अगस्त को मनाया जाता है जो उनके जन्मदिन का प्रतीक है।
स्वतंत्रता के बाद का दौर चुनौतियों के बीच चमक
आजादी के बाद Indian Hockey ने 1948 लंदन ओलंपिक में जब इंग्लैंड को हराया तो यह जीत सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि राष्ट्र गौरव का प्रतीक बन गई। 1950 और 1960 का दशक भारतीय हॉकी का स्वर्ण युग माना जाता है, जब Balbir Singh Sr., Udham Singh, Leslie Claudius जैसे खिलाड़ियों ने मैदान पर भारत की झंडा बुलंद रखा।
1964 टोक्यो ओलंपिक में भी भारत ने गोल्ड जीता, जबकि 1975 में Kuala Lumpur World Cup में भारत ने अपना पहला और अब तक का एकमात्र World Cup Trophy अपने नाम किया।

1980 के बाद Indian Hockey प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली। Astroturf मैदान के आने से यूरोपीय देशों को बढ़त मिली और भारतीय टीम नई परिस्थितियों में एडजस्ट करने में संघर्ष करती रही। लेकिन समय के साथ भारतीय हॉकी ने खुद को आधुनिक बनाया। 2010 के बाद Hockey India ने तकनीकी सुधार, विदेशी कोच और युवा प्रतिभाओं को मौका देकर टीम को फिर से खड़ा किया।
Tokyo Olympics 2020: नए युग की शुरुआत
लंबे इंतजार के बाद Tokyo Olympics 2021 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद मेडल जीतकर इतिहास दोहराया। मनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। वहीं भारतीय महिला टीम ने भी पहली बार सेमीफाइनल तक पहुँचकर नए युग का संकेत दिया। यह जीत आधुनिक Indian Hockey के पुनर्जन्म की शुरुआत थी।
आज 2025 में जब Indian Hockey अपने 100 वर्ष मना रही है, पूरे देश में इस गौरव को याद किया जा रहा है। दिल्ली, भुवनेश्वर, पटियाला और मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम जैसे स्थानों पर “100 Years of Indian Hockey” समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। पूर्व खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा रहा है और युवा पीढ़ी को हॉकी की विरासत से जोड़ा जा रहा है।

भविष्य की राह Paris Olympics 2028 की ओर उम्मीदें
अब Indian Hockey का लक्ष्य है Paris Olympics 2028 में फिर से गोल्ड जीतना। Hockey India लगातार जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को पहचान रहा है, नई Academy खुल रही हैं और फिटनेस व तकनीक पर जोर दिया जा रहा है। अगर यही जुनून बरकरार रहा तो आने वाले दशक में भारत फिर से हॉकी का “बादशाह” बन सकता है।
निष्कर्ष
Indian Hockey सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक भावना है। यह उस संघर्ष, मेहनत और जज्बे की कहानी है जिसने भारत को बार-बार दुनिया के सामने सिर ऊँचा करके खड़ा किया। 100 Years of Indian Hockey का यह जश्न हमें यह याद दिलाता है कि चाहे वक्त कितना भी बदल जाए भारत की हॉकी आत्मा हमेशा जिंदा रहेगी।
ऐसे ही जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे, धन्यवाद।
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