12 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के अशोक होटल में Coal Ministry की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई, इस बैठक अध्यक्षता केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री G. Kishan Reddy के द्वारा किया गया। बैठक में मंत्री जी ने कहा कि हिंदी हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जो राष्ट्रीय एकता और जन मन को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस प्रकार हिंदी दिवस से आगे बढ़कर language policy अब मंत्रालयों में व्यावहारिक रूप लेती दिख रही है।

हिंदी को आधिकारिक संवाद माध्यम के रूप में बढ़ावा
बैठक के दौरान मंत्री G. Kishan Reddy ने स्पष्ट रूप से कहा कि हिंदी भाषा की सरलता एवं सहजता अभिव्यक्ति को सार्थकता प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि मंत्रालयों में हिंदी का प्रयोग सिर्फ दस्तावेजी उपकरण तक सीमित न करके इसे आम जनता से संवाद का मुख्य माध्यम के रूप में भी करना चाहिए। यह दृष्टि उन उपायों के अनुरूप है जिन्हें सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों में हिन्दी सचालन बढ़ाने के लिए बहुत पहले ही अपनाया है।
वहीं, मंत्री G. Kishan Reddy ने आगे यह उल्लेख किया कि आज वैश्विक स्तर पर हिंदी की स्वीकार्यता में बढ़ोतरी हो रही है और देश यह चाहता है कि हिंदी को United Nations की आधिकारिक भाषा बनने के प्रयासों में अग्रसर बनाया जाए। इस प्रकार यह बैठक language diplomacy को प्रभावी रूप से आगे ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है।
Coal Ministry स्तर पर हिंदी की क्रियान्वयन चुनौतियाँ एवं सुझाव
सभा में यह भी चर्चा की गई कि मंत्रालयों में हिंदी तथा अंग्रेजी के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं है। मंत्रालय द्वारा जारी सूचना के अनुसार, हिंदी का प्रयोग विभिन्न विभागों की कागजी कार्रवाई, वेबसाइट सामग्री, प्रेस विज्ञप्तियों और नागरिक शिकायत उपायों में लगातार बढ़ रहा है।
सचिभ मंत्री ने सुझाव दिया कि हिंदी संचालन मापदंड (Hindi operational norms) को अधिक स्पष्ट बनाना चाहिए, जैसे कि हिन्दी में standard forms, tender या billing process तथा आम जन प्रविष्टियाँ हिंदी माध्यम से सुनिश्चित करने की आवश्यकता हो सकती है। इसके साथ साथ सलाहकार समिति ने यह अभिप्रेरणा व्यक्त की है कि मंत्रालयों में Hindi Fortnight आयोजन, हिंदी टाइपिंग प्रतियोगिता तथा अन्य भाषा वर्द्धक (language enhancement) गतिविधियों को नियमित रूप से सफल बनाया जाए।
भाषा विविधता और राष्ट्रीय एकता का संवाद
मंत्री G. Kishan Reddy ने यह टिप्पणी किया कि हिंदी निश्चित ही हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, परन्तु हमें इस बात का स्मरण भी कराती है कि भाषा विविधता के बीच एकता स्थापित करना आधुनिक भारत की मूल चुनौतियों में शामिल है। एक ओर जहाँ भारत में कई भाषाएँ बोली जाती हैं, वहीं हिंदी को राष्ट्रीय संवाद का प्रमुख माध्यम बनाने की योजना स्पष्ट साफ दिखाई देनी चाहिए।
साथ ही, हिंदी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ावा देने की दृष्टि हमें यह संकेत देती है कि राज्य स्तर से लेकर केंद्र स्तर तक भाषा नीति में नव सक्रियता देखने को मिल रही है। इस प्रकार, Coal Ministry की बैठक ने सिर्फ भाषा प्रचार ही नहीं बल्कि संवाद सशक्तीकरण (communication empowerment) का संदेश को भी बल दिया।

अगली दिशा प्रस्ताव और अपेक्षित परिणाम
बैठक में यह तय किया गया कि अगले वर्ष मंत्रालय को हिंदी संचालन मापदंडों (Hindi usage benchmarks) की समीक्षा करनी है। इस समीक्षा में विभागीय वेबसाइटों में हिन्दी सामग्री अनुपात, हिंदी में तैयार की गई रिपोर्ट संख्या तथा आम लोगों के लिए हिंदी सहायता सेवाओं का विश्लेषण शामिल करना होगा।
इसके अलावा, मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी युग में हिंदी डिजिटल सामग्री (Hindi digital content) बढ़ाने, भाषा अनुवाद प्लेटफॉर्म (translation platforms) को अपनाने और हिंदी सक्षम कर्मचारी प्रशिक्षण (employee training in Hindi) पर भी बल दिया है। यह कदम मंत्रालय की दिशा दर्शक नीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो आधिकारिक भाषा के तौर पर हिंदी को व्यवहारस्तर पर प्रभावी बनाने की चाहत रखते हैं।
निष्कर्ष
Coal Ministry की हिंदी सलाहकार समिति की यह बैठक उस बदलाव का प्रतीक है जहाँ भाषा नीति सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नहीं बनी बल्कि व्यवहार माध्यम में उतर रही है। मंत्री G. Kishan Reddy द्वारा जो संदेश दिया गया कि हिंदी एक भाषा से बढ़कर हमारी राष्ट्रीय पहचान है, यह सिर्फ एक भावनात्मक बयान नहीं बल्कि मंत्रालय स्तर पर क्रियात्मक दिशा निर्देश भी है।
जब मंत्रालय स्तर पर हिंदी को संवाद माध्यम और नागरिक सेवा की भाषा माना जाएगा, तभी भाषा समर्थन (language support) और सामाजिक समावेशिता (social inclusion) की दिशा में भी असर दिखेगा। इस तरह यह बैठक आधुनिक भारत में भाषा सशक्तीकरण (language empowerment) की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन सकती है।
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2 thoughts on “Coal Ministry की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक में मोदी सरकार की भाषा दृष्टि साफ-साफ दिखाई दी”