भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम पिछले कुछ वर्षों में जिस तेजी से आगे बढ़ा है, वह पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा आश्चर्य और गर्व का विषय बना हुआ है। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने अब अपने आने वाले वर्षों का जो रोडमैप सामने रखा है, वह न केवल तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण है, बल्कि भारत को वैश्विक स्पेस रेस में एक नई पहचान दिलाने वाला भी है।

ISRO ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की है कि वह 2027 तक भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन पूरा करेगा और इसके तुरंत बाद 2028 में Chandrayaan-4 मिशन को लॉन्च किया जाएगा। यह दोनों मिशन भारत के इतिहास में ऐसे माइलस्टोन होंगे, जिन्हें आने वाले दशकों तक याद किया जाएगा और जिनसे भारत स्पेस टेक्नोलॉजी में नए अध्याय लिखेगा।
ISRO का Mega Plan क्या है पूरा रोडमैप?
ISRO ने इस साल के वित्तीय वर्ष के अंत तक कुल 7 लॉन्च मिशन पूरे करने का लक्ष्य रखा है। इनमें पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, नेविगेशन सैटेलाइट, वाणिज्यिक ग्राहक उपग्रह और टेस्ट मिशन शामिल हैं। इन मिशनों से अगले दो वर्षों के बड़े कार्यक्रमों की नींव तैयार होगी। ISRO ने स्पष्ट किया है कि वह सिर्फ मिशनों की संख्या बढ़ाने पर ही ध्यान नहीं दे रहा, बल्कि हर मिशन की तकनीकी गुणवत्ता, सुरक्षा और वैज्ञानिक महत्व को भी नए स्तर पर ले जाने में जुटा है।
यही वजह है कि आने वाले वर्षों को ISRO ने अपने लिए ‘Golden Space Period’ बताया है। 2027 और 2028 के ये दो बड़े मिशन भारत के अंतरिक्ष इतिहास को एक बिल्कुल अलग दिशा देने वाले हैं और ISRO पूरी मजबूती के साथ इस दिशा में कार्य कर रहा है।
2027 का मानव अंतरिक्ष मिशन
भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन ‘Gaganyaan’ लंबे समय से चर्चा में रहा है, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि ISRO इसे 2027 तक पूरा करेगा। यह मिशन केवल भारत को अंतरिक्ष में मानव भेजने की क्षमता दिलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मिशन भारत को USA, रूस और चीन जैसे देशों की श्रेणी में ला खड़ा करेगा, जिन्होंने पहले यह उपलब्धि हासिल की है। Gaganyaan के अंतर्गत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाकर वहां वैज्ञानिक प्रयोग करने की सुविधा दी जाएगी।

इस मिशन की सबसे बड़ी चुनौती अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा है इसलिए ISRO इसके लिए Crew Escape System, Re-entry Safety Test, Heat Shield Reliability, और Life Support Systems पर लगातार काम कर रहा है। इसके साथ ही तीन बड़े Uncrewed टेस्ट फ्लाइट भी लॉन्च किए जाएंगे, जो मिशन की सफलता की रीढ़ साबित होंगे। Astronaut training भी रूस और बेंगलुरु के सेंटर में जारी है, जहाँ उन्हें अंतरिक्ष में रहने, breathing control, तकनीकी ऑपरेशन और emergency protocol की ट्रेनिंग दी जा रही है।
2028 का Chandrayaan-4 Mission
Chandrayaan-3 की सफलता के बाद दुनिया भर में भारत की चांद मिशन क्षमता की खूब तारीफ हुई। अब ISRO इससे आगे बढ़ते हुए 2028 में Chandrayaan-4 को लॉन्च करेगा, जो भारत का पहला Lunar Sample Return Mission होगा। इसका अर्थ है कि भारत चांद की सतह पर रोवर उतारेगा, वहां से मिट्टी और पत्थरों का नमूना इकट्ठा करेगा और उन्हें सुरक्षित रूप से वापस पृथ्वी पर लेकर आएगा।
यह तकनीकी रूप से बेहद कठिन मिशन है, क्योंकि Sample Return Capsule को अंतरिक्ष से पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश कराते समय अत्यधिक तापमान, गति और घर्षण जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस मिशन में सैंपल को इकट्ठा करने के लिए विशेष तकनीक वाले रोबोटिक आर्म, सटीक उतरने वाले लैंडर और पृथ्वी वापसी के लिए मजबूत कैप्सूल तैयार किए जा रहे हैं। Chandrayaan-4 के सफल होने पर भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने चांद से नमूने वापस लाने का कारनामा किया है।
ISRO के 7 लॉन्च मिशन
ISRO द्वारा तय किए गए 7 लॉन्च मिशन भारत की स्पेस इंडस्ट्री को तेजी से आगे बढ़ाएंगे। इनमें EO satellites, Navigation satellites और कई Commercial Launches शामिल हैं जो भारत की आर्थिक और तकनीकी शक्ति को मजबूत करेंगे। इन लॉन्चों से इकट्ठा होने वाले अनुभव और तकनीकी डेटा Gaganyaan और Chandrayaan-4 जैसे बड़े मिशनों की सफलता में भी उपयोगी होंगे। ISRO ने साफ किया है कि आने वाले दो वर्षों में लॉन्च की फ्रीक्वेंसी और टेक्नोलॉजी दोनों में वृद्धि देखने को मिलेगी। इससे भारत न सिर्फ अंतरिक्ष अनुसंधान में अग्रणी बनेगा, बल्कि Space Economy में भी एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरेगा।
लोगों में बढ़ी उत्सुकता
इस खबर से जुड़ी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही हैं, जिनमें विशेष रूप से वह लॉन्च फोटो सबसे अधिक ट्रेंड में है, जिसमें भारी-भरकम LVM-3 रॉकेट आसमान की ओर तेजी से उठता दिखाई देता है। तस्वीर में दिख रही आग की लपटें और धुएं की विशाल परत इसे बेहद शक्तिशाली और प्रेरणादायक बनाती है। इसके अलावा ISRO वैज्ञानिकों की तस्वीरें भी खूब वायरल हो रही हैं, जहां वे कंट्रोल रूम में लगातार निगरानी करते दिखते हैं।
इसके अलावा Chandrayaan-4 का एक Concept Art भी ट्रेंड में है जिसमें रोवर चांद की सतह पर सैंपल इकट्ठा करता दिख रहा है। इन तस्वीरों ने लोगों में बड़े मिशनों को लेकर उत्साह और जिज्ञासा को और बढ़ा दिया है।

इन दोनों मिशनों का महत्व केवल वैज्ञानिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि, आर्थिक लाभ और तकनीकी क्षमता से भी जुड़ा हुआ है। मानव अंतरिक्ष मिशन भारत को विश्व के शीर्ष अंतरिक्ष राष्ट्रों में शामिल कर देगा। वहीं Chandrayaan-4 मिशन उन देशों की श्रेणी में भारत को ले जाएगा जो चांद से Sample वापस लाने में सक्षम हैं। इन मिशनों की सफलता से भारत वैश्विक अंतरिक्ष साझेदारी, अनुसंधान सहयोग और Space Economy में बड़ी छलांग लगाएगा। यह आने वाले वर्षों में युवा वैज्ञानिकों को प्रेरणा देगा और भारत में Space Startups को भी नई दिशा मिलेगी।
निष्कर्ष
ISRO का यह 2027–28 स्पेस रोडमैप भारतीय विज्ञान और तकनीक का भविष्य निर्धारित करेगा। Gaganyaan में इंसान को अंतरिक्ष में भेजने से लेकर चांद से नमूने वापस लाने तक ये दोनों मिशन भारत के अंतरिक्ष इतिहास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। आने वाले दो साल भारत के लिए गर्व, तकनीक और वैज्ञानिक प्रगति के साल होंगे, जिसकी झलक अभी से देखने को मिल रही है। ISRO ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब सिर्फ मिशन भेजने वाला देश नहीं, बल्कि अंतरिक्ष की जटिल तकनीकों पर महारत हासिल करने वाला राष्ट्र बन चुका है।
ऐसी ही जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे, धन्यवाद।
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1 thought on “ISRO Big Plan: 2027 में भारत का Human Space Mission, 2028 में Launch होगा Chandrayaan-4”