Green Hydrogen Sector में भारत का बड़ा कदम: पहली R&D Green Hydrogen Conference सम्पन्न

भारत में Green Hydrogen Sector को लेकर एक ऐतिहासिक पहल की गई है। हाल ही में आयोजित हुई पहली R&D Green Hydrogen Conference का समापन इस आह्वान के साथ किया गया कि अनुसंधान, नवाचार और Startup Ecosystem को देश में तेज़ी से आगे बढ़ाना चाहिए। इस कॉन्फ्रेंस में Union Minister of State Shripad Yesso Naik ने स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आने वाले समय में Global Hub for Green Hydrogen Innovation बनने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा रहा है।

R&D Green Hydrogen Conference सम्पन्न
R&D Green Hydrogen Conference सम्पन्न

कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य

यह सम्मेलन भारत में ग्रीन हाइड्रोजन पर शोध (Research) और विकास (Development) को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया गया था। इसका लक्ष्य उद्योग (Industry), वैज्ञानिक समुदाय (Scientists) और Startups के बीच समन्वय स्थापित करना था। Shripad Yesso Naik ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन एक ऊर्जा विकल्प (Energy Alternative) के साथ-साथ आने वाले दशकों में भारत की Energy Security और Sustainable Growth की रीढ़ भी साबित होगी।

ग्रीन हाइड्रोजन: भविष्य की ऊर्जा क्रांति

दुनिया भर में ग्रीन हाइड्रोजन को Clean Energy Transition का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है। पारंपरिक जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) पर बढ़ती निर्भरता, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों ने ग्रीन हाइड्रोजन को केंद्र में लाकर खड़ा कर दिया है। भारत जैसे बड़े देश के लिए, जहां ऊर्जा की खपत लगातार बढ़ती जा रही है, ग्रीन हाइड्रोजन पर आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) और Net Zero Emission Target की दिशा में यह पहल गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

विशेषज्ञों की माने तो अगर भारत इस क्षेत्र में शोध और तकनीकी नवाचार पर लगातार निवेश करता रहा, तो घरेलू स्तर पर ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति तो होगी ही साथ में भारत वैश्विक स्तर पर ग्रीन हाइड्रोजन के निर्यात (Export) में भी अग्रणी होगा।

Startup Ecosystem की अहम भूमिका

कॉन्फ्रेंस में Startup Ecosystem को लेकर विशेष चर्चा की गई। मंत्री Shripad Naik ने यह स्पष्ट किया है कि अब समय आ चुका है कि भारतीय Startups ग्रीन हाइड्रोजन पर आधारित नई तकनीकों को अपनाए तथा Storage Solutions, Fuel Cells और Industrial Applications को अत्यधिक विकसित करें। उन्होंने Startups को यह भरोसा भी दिलाया है कि सरकार Research Funding और Policy Support के माध्यम से उनके साथ खड़ी रहेंगी।

Startup Ecosystem की मज़बूती भारत को तेज़ी से Innovation-Driven Economy की ओर अग्रसर करेगी। पहले से ही भारत में कई Startups ग्रीन हाइड्रोजन के साथ Electrolyzer Technology, Hydrogen Mobility Solutions और Green Energy Storage Systems पर काम कर रहे हैं। ऐसे प्रयास आने वाले वर्षों में भारत की तकनीकी क्षमता को और अत्यधिक मज़बूत करेगी।

Industry और Scientists के लिए बड़ा अवसर

इस कॉन्फ्रेंस ने वैज्ञानिकों और उद्योग जगत को यह संदेश दिया है कि अब भारत को “Technology Importer” के साथ “Technology Exporter” बनना होगा। Scientists को Research और Innovation पर ध्यान देने की आवश्यकता है, तथा Industry को इन तकनीकों को बड़े पैमाने पर अपनाने और Commercialization करने के लिए आगे आने की आवश्यकता है।

Minister Naik ने कहा कि “India has the potential to lead the Global Green Hydrogen Movement,” इसमें आवश्यकता है कि सभी Stakeholders आपस में मिलकर काम करें। हालांकि भारत सरकार द्वारा National Green Hydrogen Mission जैसी योजनाएँ शुरू हो चुकी है, जो इस क्षेत्र को गतिशील बनाने के लिए महत्वपूर्ण पहल है।

भारत का ग्लोबल विज़न

दुनिया की नज़र में भारत इस समय सबसे बड़ा ऊर्जा का बाज़ार है और भारत की ग्रीन टेक्नोलॉजी को अपनाने की क्षमता भी विशाल है। भारत का लक्ष्य घरेलू ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ Global Leadership in Clean Energy को स्थापित करना भी है।

भारत को आवश्यकता है कि ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर निरंतर निवेश, नवाचार और Policy Reforms जारी रखे। जिससे Energy Independence के साथ भारत वैश्विक स्तर पर एक Green Hydrogen Powerhouse के रूप में भी ऊपर आएगा ।

निष्कर्ष

पहली R&D Green Hydrogen Conference ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत आने वाले वर्षों में ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध होने वाला है। Shripad Yesso Naik का आह्वान वैज्ञानिकों और Startups के साथ, पूरे देश के लिए इस क्षेत्र में एक प्रेरणा का स्त्रोत है। इस पहल की कामयाबी से भारत को Clean Energy Revolution का नेतृत्व करने में और आने वाले समय में दुनिया को एक नई ऊर्जा दिशा देने का अवसर प्रदान करेगी।

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