राजधानी नई दिल्ली में National Human Rights Commission (NHRC) द्वारा आयोजित किया गया चौथा ITEC Executive Capacity-Building Programme on Human Rights। यह कार्यक्रम Ministry of External Affairs, Government of India के सहयोग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य Global South के National Human Rights Institutions (NHRIs) के बीच सहयोग को अत्यधिक मजबूत करना और मानवाधिकारों के प्रति सामूहिक दृष्टिकोण को विकसित करना था।

NHRC और MEA का संयुक्त प्रयास
NHRC India और Ministry of External Affairs (MEA) का यह संयुक्त प्रयास भारत की human rights diplomacy को सुदृढ़ करेगा और विश्व पटल पर यह संदेश देगा कि भारत वैश्विक स्तर पर capacity-building initiatives का नेतृत्व करने के लिए सक्षम है।
इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और interactive sessions, workshops और policy discussions के माध्यम से अपने अनुभव साझा किया। यह कार्यक्रम अलग-अलग देशों की socio-economic, cultural और political realities को समझने और उनके अनुरूप human rights frameworks तैयार करने के लिए आयोजित किया गया था।
NHRC Chairperson का सशक्त संदेश
कार्यक्रम के समापन के समय NHRC Chairperson, Justice V. Ramasubramanian ने अपने valedictory address में बताया कि ऐसे interactive programme समाज में “good vibrations” जन्म देते हैं जिससे एक बेहतर भविष्य की नींव रखी जा सकती है। उका ऐसा मानना था कि देश-दुनिया आज कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है, जैसे- strife, conflict, socio-economic disparity या cultural differences, परन्तु ऐसे कार्यक्रम और संवाद नई आशा और समाधान की नींव रखते हैं।

उनके द्वारा यह साझा किया गया कि मानवाधिकार किसी एक देश या क्षेत्र का मुद्दा ही नहीं, बल्कि यह वैश्विक एजेंडा है और Global South के लिए ऐसे capacity-building initiatives उनके इस विचार को और अधिक मजबूती प्रदान करते हैं।
Global South में Human Rights सहयोग का नया प्रस्ताव
कार्यक्रम में Global South Human Rights Institutions (NHRIs) का एक संभावित alliance के विचार पर अत्यधिक बल दिया गया। Chairperson ने इस सुझाव के समर्थन में कहा कि “one-size-fits-all” approach मानवाधिकारों के विविध मुद्दों का हल नहीं निकाल सकता है।
क्योंकि प्रत्येक देश की अपनी unique socio-economic और cultural स्थिति होती है, इसलिए ऐसे alliance का क्षेत्रीय जरूरतों के हिसाब से अधिक प्रभावी नीतियाँ बनाने की आवश्यकता है। यह प्रस्ताव Global South के देशों को एक नया मंच देने का काम करेगा, यहां लोग knowledge-sharing, training और joint initiatives के माध्यम से एक मजबूत नेटवर्क को तैयार कर सकेंगे।

कार्यक्रम के प्रमुख प्रभाव और संभावनाएँ
- Capacity-Building: Global South के NHRIs को आधुनिक उपकरणों, training modules और best practices तक पहुँच मिल रही है।
- Diplomatic Significance: भारत ने यह दिखाया है कि वह human rights leadership में सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है।
- Regional Cooperation: इस कार्यक्रम ने South-South cooperation को और मजबूती प्रदान की है।
- Future Prospects: Alliance बनने की स्थिति में यह मंच collective policy advocacy और cross-border human rights initiatives को अधिक बढ़ावा देगा।
निष्कर्ष
नई दिल्ली में सम्पन्न किया गया NHRC का चौथा ITEC Executive Capacity-Building Programme एक आयोजन के साथ यह Global South के देशों के बीच human rights cooperation की दिशा में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कदम था।
Justice V. Ramasubramanian का ऐसा मानना है कि ऐसे कार्यक्रम समाज में “आशा और परिवर्तन के बीज” के रूप में कार्य करते हैं। अगर यह प्रस्ताव Global South Human Rights Alliance सफल होता है, तो निश्चित ही आने वाले वर्षों में diverse socio-economic और cultural realities को ध्यान में रखते हुए एक अधिक न्यायपूर्ण और मानव-केंद्रित विश्व व्यवस्था की राह को प्रशस्त करेगा।
भारत के द्वारा किए गए इस आयोजन ने human rights commitment को पुनः स्थापित करने का काम किया है और यह भी सुनिश्चित किया है कि वह Global South की सामूहिक आवाज़ को दुनिया के सामने रखने के लिए एक bridge-builder और facilitator के रूप में हमेशा तैयार है।
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1 thought on “NHRC का ITEC Executive Capacity-Building Programme, Global South में Human Rights सहयोग”