भारत सरकार की आयुष मंत्रालय के तहत आयुर्वेद शिक्षा को आधुनिक बनाना और शिक्षकों की क्षमता को विकसित करना एक प्रमुख उद्देश्य है। इसी दिशा में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा (AIIA), नई दिल्ली ने आयुर्वेद शिक्षकों के लिए तीन महत्वपूर्ण कंटिन्युअस मेडिकल एजुकेशन (CME) कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया। यह कार्यक्रम 8 से 13 सितंबर 2025 के बीच आयोजित किए गए, जिनमें देशभर से आयुर्वेद के विशेषज्ञ शिक्षक शामिल हुए। इस आयोजन का उद्देश्य आयुर्वेद शिक्षकों के व्यावसायिक विकास के साथ-साथ उनके ज्ञान में नवीनतम तकनीकों और शोध विधियों को शामिल करना है।
CME कार्यक्रमों का उद्देश्य
इन CME कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद शिक्षकों की क्षमता निर्माण करना, उन्हें आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों से अपडेट करना और उनके कौशल को मजबूत बनाना है। इससे न केवल शिक्षा का स्तर सुधरेगा, बल्कि विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा। आयुष मंत्रालय की आयुर्वेद योजना के तहत यह कदम शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
तीन प्रमुख विभागों के तहत CME कार्यक्रम
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क्रिया शरीर
इस विभाग में शिक्षकों को शारीरिक क्रियाओं, जैव सूचना विज्ञान (Bioinformatics), नाड़ी मूल्यांकन, कार्डियो रेस्पिरेटरी सिस्टम, मल्टी-ओमिक्स और ट्रांसक्रिप्टोम विश्लेषण जैसी उन्नत विधियों पर प्रशिक्षण दिया गया। इससे आयुर्वेद शिक्षकों को शरीर की कार्यप्रणाली को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझने में मदद मिलेगी।
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रसा शास्त्र एवं भैषज्य कल्पना
इस कार्यक्रम में आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण की प्रक्रियाओं, गुणवत्ता नियंत्रण, औषधीय पौधों का मानकीकरण, और रासायनिक विश्लेषण पर विशेष ध्यान दिया गया। शिक्षकों ने प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक विधियों से जोड़कर प्रशिक्षण प्राप्त किया।
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स्वस्थवृत्त एवं योग
यह विभाग जीवनशैली प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य, योग चिकित्सा, और समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण पर केंद्रित था। इस कार्यक्रम से आयुर्वेद शिक्षक विद्यार्थियों को जीवनशैली सुधार के आधुनिक तरीके भी समझा सकेंगे।
कार्यक्रम की सफलता और योगदान
इन तीन CME कार्यक्रमों में कुल 60 से अधिक विशेषज्ञों ने भाषण दिए और आयुर्वेद शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया। इस क़दम से शिक्षकों को न केवल अपने विषय में गहरी समझ मिली, बल्कि उन्होंने नए शोध विधियों को अपनाने का भी अवसर पाया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले शिक्षकों ने इसे एक उपयोगी अनुभव बताया और कहा कि इससे उनकी ज्ञान में भी वृद्धि होगी।
AIIA द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम आयुर्वेद शिक्षकों की कुशलता को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे आने वाले समय में देशभर के आयुर्वेद कॉलेज और संस्थान ज्यादा प्रभावशाली तरीके से शिक्षा प्रदान कर सकेंगे। साथ ही, यह कार्यक्रम आयुष मंत्रालय की आयुर्वेद योजना की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में भी देखा जा रहा है।
आयुर्वेद शिक्षा का भविष्य
भारत में आयुर्वेद शिक्षा को आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक अनुसंधान विधियों से जोड़ना समय की आवश्यकता बन गई है। वर्तमान में विश्वभर में आयुर्वेद की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसे सही तरीके से सिखाना और समझाना भी उतना ही जरूरी है। AIIA जैसे संस्थानों द्वारा आयोजित यह CME कार्यक्रम शिक्षकों को सक्षम बनाता है ताकि वे भविष्य की पीढ़ी को बेहतर तरीके से आयुर्वेद सिखा सकें।
आयुष मंत्रालय के सचिव ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाते हैं, बल्कि आयुर्वेद के अनुसंधान और विकास को भी प्रोत्साहित करते हैं। यह देश में आयुर्वेद की पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
निष्कर्ष
AIIA द्वारा आयोजित तीन CME कार्यक्रम आयुर्वेद शिक्षकों के व्यावसायिक विकास में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। यह शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने और शिक्षकों को वैज्ञानिक तरीकों से अपडेट करने का बेहतरीन प्रयास है। आने वाले वर्षों में इससे न केवल आयुर्वेद शिक्षा को नई दिशा मिलेगी, बल्कि विद्यार्थियों को भी वैश्विक स्वास्थ्य विज्ञान के अनुरूप प्रशिक्षित किया जाएगा। यह कदम भारत को आयुर्वेद शिक्षा में एक प्रमुख स्थान दिलाने में मदद करेगा।
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