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Asia Cup Archery 2025: पैरा तीरंदाज Sheetal Devi का चयन, इतिहास में पहली बार

भारतीय खेल इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। पैरा तीरंदाज Sheetal Devi ने वो कर दिखाया है जो अब तक किसी पैरा खिलाड़ी ने नहीं किया था। उन्होंने आगामी Asia Cup Archery 2025 के तीसरे चरण के लिए भारत की सक्षम जूनियर टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है। यह उपलब्धि इसलिए खास है क्योंकि Sheetal Devi इस टीम में जगह पाने वाली भारत की पहली पैरा तीरंदाज बन गई हैं।

कौन हैं Sheetal Devi?

Sheetal Devi जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हैं और उनका जन्म बिना दोनों हाथों के हुआ था। लेकिन उन्होंने अपनी कमजोरी को कभी अपनी रुकावट नहीं बनने दिया। उन्होंने अपने पैरों से धनुष चलाना सीखा और आज वे दुनिया की पहली महिला पैराआर्चर हैं जो केवल पैरों की मदद से निशाने साधती हैं।

Asia Cup पैरा तीरंदाज में पहली बार Sheetal Devi का चयन

शीतल की कहानी प्रेरणा से भरी है। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने खेल के प्रति अपना जुनून बरकरार रखा और कड़ी मेहनत से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचीं। अब उनका नाम पूरे देश में गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बन चुका है।

एशिया कप में जगह बनाने की ऐतिहासिक उपलब्धि

6 नवंबर 2025 को हुए चयन ट्रायल्स में Sheetal Devi ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत की सक्षम जूनियर टीम में जगह बनाई। यह वही टीम है जो एशिया कप के तीसरे चरण में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी।

एशिया कप के लिए सामान्य खिलाड़ियों के बीच चयनित होना किसी भी पैरा एथलीट के लिए बड़ी चुनौती होती है। लेकिन शीतल ने यह साबित कर दिया कि प्रतिभा और मेहनत शरीर की सीमाओं से कहीं आगे होती है।

शीतल की उपलब्धियाँ और रिकॉर्ड

शीतल देवी ने 2023 एशियन पैरागेम्स में भारत के लिए दो गोल्ड मेडल जीते थे। वे वर्ल्ड आर्चरी पैरा चैम्पियनशिप में भी पदक जीत चुकी हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके प्रदर्शन ने भारत को पैरा खेलों में नई पहचान दिलाई है और अब, उन्होंने सक्षम टीम में शामिल होकर यह दिखा दिया कि ‘Para’ और ‘Able-bodied’ खिलाड़ियों में फर्क सिर्फ सोच का होता है।

Asia Cup पैरा तीरंदाज में पहली बार Sheetal Devi का चयन

कड़ी मेहनत और मेंटरशिप की कहानी

Sheetal Devi की इस सफलता के पीछे उनके कोचों और ट्रेनिंग स्टाफ का भी बड़ा योगदान है। कोच कुलदीप वर्मा और टीम ने उन्हें लगातार मार्गदर्शन दिया और मानसिक रूप से मजबूत बनाया। कहा जाता है कि शीतल रोज़ाना कई घंटे अभ्यास करती हैं, और उनका ध्यान और धैर्य उन्हें दूसरों से अलग बनाता है।

एशिया कप में Sheetal Devi का चयन सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव की बात है। यह देश के पैरा स्पोर्ट्स सिस्टम के विकास और खिलाड़ियों की मेहनत का प्रमाण है। खेल मंत्रालय और भारतीय तीरंदाजी संघ (Archery Association of India) ने भी शीतल की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है और इसे भारत के पैरा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक बताया है।

Sheetal Devi के इस चयन के बाद सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़ आ गई है। देश के कई नामचीन खिलाड़ी, नेता और आम लोग उन्हें ‘Inspiration of India’ कहकर सराह रहे हैं।

शीतल का संदेश

अपनी सफलता के बाद शीतल देवी ने कहा कि उन्होंने कभी खुद को दूसरों से अलग नहीं समझा। उनके शब्दों में –
“अगर मन में जुनून हो, तो शरीर की सीमाएँ कोई मायने नहीं रखतीं। मैं चाहती हूँ कि हर युवा, खासकर दिव्यांग खिलाड़ी, अपने सपनों को पूरा करने से कभी न डरें।”

निष्कर्ष

Sheetal Devi ने जो किया, वह केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं बल्कि भारत के खेल इतिहास का जीत है। एशिया कप 2025 में उनका प्रदर्शन न सिर्फ देश को गौरवान्वित करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।

ऐसी जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे, धन्यवाद।

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