Bollywood के लिए 24 नवंबर 2025 का दिन एक गहरे सदमे की तरह आया, जब हिंदी सिनेमा के महान कलाकार Dharmaendra के निधन की पुष्टि हुई। 89 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली और पीछे छोड़ गए ऐसी फिल्मी विरासत, जिसे भुलाना असंभव है। सिनेमा के सुनहरे दौर से लेकर आज के आधुनिक युग तक, Dharmaendra ऐसा नाम रहा जो न केवल अपनी शानदार फिल्मों के लिए बल्कि अपने सरल, विनम्र और जमीन से जुड़े व्यक्तित्व के कारण भी हर किसी के दिल में बसता था।
उनके निधन की खबर फैलते ही पूरे फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ गई। देशभर के दर्शकों, प्रशंसकों और नेताओं ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दिया, जो उनके प्रति लोगों के अपार प्रेम और सम्मान को दर्शाता है। Dharmaendra को भारतीय फिल्म इतिहास में ‘He-Man of Bollywood’ कहा जाता था, और यह उपनाम उन्हें यूं ही नहीं मिला था। 1960 के दशक में जब वे पहली बार बड़े पर्दे पर नजर आए थे, तब फिल्मों में हीरो की छवि काफी साधारण हुआ करती थी।
मगर Dharmaendra ने अपनी दमदार काया, रोमांटिक अंदाज, शानदार डायलॉग डिलीवरी और प्रभावशाली अभिनय से दर्शकों को एक नया रूप दिखाया। वे एक साथ एक्शन, रोमांस, ड्रामा और कॉमेडी जैसे हर जॉनर में खुद को ढाल लेने की क्षमता रखते थे। इसलिए उनकी फिल्में 1960 से लेकर 1990 तक लगातार बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाती रहीं। लोगों के मन में उनकी छवि सिर्फ एक अभिनेता की नहीं, बल्कि एक ऐसे सुपरस्टार की थी जो हर पीढ़ी को अपनी ओर खींच लेता था और जिसका करिश्मा आज भी फिल्मों में जिंदा है।
Dharmendra का सुनहरा करियर
उनके करियर की बात करें तो Dharmaendra ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, जो अपने आप में एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड है। “Sholay” में Veeru के किरदार ने उन्हें अमर बना दिया। इसकी दोस्ती, डायलॉग और हावभाव आज भी भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे यादगार मानी जाती है। इसके अलावा “Phool Aur Patthar”, “Satyakam”, “Dharam Veer”, “Chupke Chupke”, “Yaadon Ki Baaraat” और “Seeta Aur Geeta” जैसी अनगिनत फिल्मों में उनके प्रदर्शन ने साबित किया कि वे सिर्फ एक्शन हीरो नहीं बल्कि एक बहुमुखी कलाकार थे।
खास तौर पर उनकी कॉमिक टाइमिंग, जिसका सबसे उम्दा उदाहरण “Chupke Chupke” है, आज भी लोगों की मुस्कान का कारण बनती है। दर्शक उन्हें हर तरह के रोल में पसंद करते थे, और यही उनकी सबसे बड़ी सफलता थी, हर किरदार में स्वाभाविक लगना।
फिल्मों से इतर, Dharmaendra का निजी जीवन भी जितना सरल था, उतना ही प्रेरणादायक भी। वे पंजाब के एक आम परिवार से आते थे और शुरुआती दिनों में उनकी जिंदगी किसी साधारण युवक की तरह ही थी। फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद भी उन्होंने कभी घमंड नहीं किया। सादगी ऐसी कि चाहे बड़े से बड़ा पुरस्कार मिला हो या बड़ी से बड़ी सफलता, वे हमेशा कहते थे कि वे सिर्फ एक आम आदमी हैं जिसे दर्शकों ने प्यार देकर बड़ा बनाया है।
उनकी पत्नी Hema Malini और बेटे Sunny Deol तथा Bobby Deol भी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े नाम हैं, लेकिन परिवार की एकता, सरलता और भारतीय मूल्य हमेशा उनके आचरण में झलकते रहे। उनके व्यवहार और इंसानियत के किस्से इंडस्ट्री में आज भी मिसाल माने जाते हैं।
Dharmendra ने राजनीति में भी छोड़ी गहरी छाप
Dharmaendra का योगदान केवल फिल्मों तक सीमित नहीं था। जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा, तब भी वे लोगों के बेहद करीब रहे। राजस्थान के बीकानेर से सांसद बनने के बाद उन्होंने कई मुद्दों पर काम किया। लोगों ने एक अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील प्रतिनिधि के रूप में उन्हें देखा। वे आम जनता के सुख-दुख में हमेशा शामिल रहे। राजनीति का हिस्सा होते हुए भी उन्होंने कभी अपनी विनम्रता नहीं छोड़ी, और यही कारण है कि आज भी जनता उनके काम और व्यवहार को याद करती है।
हालांकि पिछले कुछ महीनों से उनकी तबीयत में गिरावट की खबरें आ रही थीं। उम्र के साथ बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं ने उन्हें काफी कमजोर कर दिया था। परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनके अंतिम दिन शांतिपूर्ण थे और उन्होंने परिवार के बीच रहते हुए इस दुनिया को अलविदा कहा। उनके निधन के बाद मुंबई स्थित उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग जुटे, जिन्होंने अपने चहेते कलाकार को अंतिम विदाई दी। राजनीतिक जगत से लेकर फिल्मी सितारों तक सबने उनके जाने को एक बड़ी क्षति बताया और कहा कि Dharmaendra जैसे महान कलाकार दोबारा जन्म नहीं लेते।
फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर
सोशल मीडिया पर हजारों पोस्ट उनके नाम से ट्रेंड करने लगीं। Amitabh Bachchan, Shahrukh Khan, Salman Khan, Akshay Kumar, Karan Johar, Ajay Devgn जैसी तमाम हस्तियों ने उनकी याद में भावुक संदेश साझा किए। सभी ने एक सुर में कहा कि Dharmaendra सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि एक संस्था थे, जिनसे लाखों लोगों ने अभिनय ही नहीं, बल्कि इंसानियत भी सीखी। उनकी फिल्मों का असर भारत ही नहीं, दुनियाभर में फैला था और वे भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वालों में से एक थे।
निष्कर्ष
Dharmaendra का जाना सिर्फ एक महान अभिनेता का खो जाना नहीं है, बल्कि भारतीय फिल्मों के उस अध्याय का अंत है जिसने दशकों तक दर्शकों के दिलों पर राज किया। उन्होंने हमें सिखाया कि स्टारडम और लोकप्रियता तभी सार्थक है जब व्यक्ति अपने मूल्यों, सादगी और इंसानियत को नहीं भूलता। आज वे भले इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्में, उनके संवाद, उनका अंदाज और उनके द्वारा छोड़ी गई शानदार विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। Dharmaendra हमेशा के लिए भारतीय सिनेमा के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेंगे।
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