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Cyclone ‘मोंथा’ ने मचाई तबाही: आंध्र तट पर भारी बारिश, अब तक तीन लोगों की मौत

आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में बुधवार सुबह Cyclone ‘मोंथा’ ने दस्तक दी। जैसे ही यह तूफान आंध्र तट से टकराया, तेज हवाओं और भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, जबकि समुद्र में ऊँची-ऊँची लहरें उठने लगीं।

आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में बुधवार सुबह Cyclone

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात पहले severe cyclonic storm की श्रेणी में था, लेकिन तट से टकराने के बाद इसकी रफ्तार थोड़ी कम हुई और यह कमजोर पड़ गया। फिर भी, इसका असर अब भी कई जिलों में दिखाई दे रहा है।

तीन लोगों की मौत, कई घायल

मिली जानकारी के अनुसार, अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से दो की मौत बिजली गिरने और एक की मौत तेज हवा में पेड़ गिरने से हुई। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। तटीय जिलों में NDRF और SDRF की टीमें तैनात की गई हैं जो लगातार निगरानी कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने संबंधित जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री जैसे भोजन, पानी और दवाइयाँ समय पर पहुंचाई जाएँ। साथ ही मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है।

कई जिलों में भारी बारिश और तेज हवाएं

Cyclone ‘मोंथा’ के कारण विशाखापट्टनम, श्रीकाकुलम, विजयनगरम, और पूर्वी गोदावरी जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई। कुछ जगहों पर 100 से 120 मिमी तक वर्षा हुई, जबकि हवाओं की गति 70 से 90 किमी प्रति घंटा तक पहुँच गई।

बारिश के चलते कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने और जरूरी सेवाओं को अलर्ट मोड पर रखने का आदेश जारी किया है।

चक्रवात ‘मोंथा’ अब कमजोर पड़ा

IMD के अनुसार, ‘मोंथा’ अब तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया है, लेकिन इसका असर अभी भी उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर जा रहा है। यह तूफान अब लगभग 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों में यह चक्रवात deep depression में बदल सकता है और धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। हालांकि, अगले दो दिनों तक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।

किसानों और मछुआरों पर बड़ा असर

‘मोंथा’ तूफान ने जहां जनजीवन पर असर डाला है, वहीं किसानों और मछुआरों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है। कई किसानों की फसलें बारिश और हवा से बर्बाद हो गई हैं। खासकर धान और सब्जियों की फसल पर इसका बड़ा असर देखने को मिला है। मछुआरे अपनी नावों को समुद्र किनारे से दूर सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं। सरकार ने सभी तटीय इलाकों में राहत शिविर और अस्थायी आश्रय केंद्र भी बनाए हैं।

आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में बुधवार सुबह Cyclone

मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटे तक Andhra Pradesh, Odisha, और Telangana के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। साथ ही, समुद्र में ऊँची लहरें उठने का अनुमान है। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें, बिजली उपकरणों से दूरी बनाए रखें, और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें

Cyclone ‘मोंथा’ के तांडव की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। समुद्र की उफनती लहरें, तेज हवाओं में झूलते पेड़ और पानी से भरी सड़कों के दृश्य लोगों को चौंका रहे हैं।
कई यूज़र्स ने राहत कार्यों की तस्वीरें भी साझा की हैं जिनमें NDRF की टीम लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाती दिखाई दे रही है।

सरकार की तैयारी और राहत अभियान

आंध्र प्रदेश सरकार ने कहा है कि सभी जिलों में आपदा नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं। हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं ताकि कोई भी व्यक्ति मदद के लिए संपर्क कर सके।बिजली विभाग, जल संसाधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग को लगातार निगरानी में रखा गया है। बिजली आपूर्ति बहाल करने और सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है।

निष्कर्ष

हालांकि Cyclone ‘मोंथा’ अब कमजोर पड़ गया है, लेकिन इसका असर अब भी जारी है। तीन लोगों की मौत और भारी नुकसान के बाद यह साफ है कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने तैयारी ही सबसे बड़ा हथियार है। सरकार और प्रशासन दोनों सक्रिय हैं, और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में स्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाएगी।

ऐसे ही जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे, धन्यवाद।

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