भारत सरकार लगातार स्वास्थ्य क्षेत्र में innovation और indigenous technology को बढ़ावा देने की दिशा में कार्यरत है। कुछ दिनों पहले Union Minister of State Dr. Jitendra Singh द्वारा दिल्ली स्थित Maulana Azad Institute of Dental Sciences (MAIDS) में Dental Technology Innovation Hub का उद्घाटन किया गया। इसका उद्देश्य देश को dental healthcare devices के क्षेत्र में research, start-ups और MSMEs की ओर प्रोत्साहित करना है, जिससे भारत आयातित उपकरणों पर अपनी निर्भरता घटाकर affordable और accessible solutions को खुद तैयार करे और दुनिया में निर्यात कर सके।
Innovation Hub: स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर
यह नवनिर्मित Dental Technology Innovation Hub तकनीकी विकास का केंद्र तो होगा ही साथ में यह inclusive facility के रूप में भी कार्य करने का काम करेगा। इस मंच पर innovators, start-ups और MSMEs को अपने विचार और शोध को वास्तविक उत्पादों में बदलने का भी महत्वपूर्ण अवसर मिलेगा।
Dr. Jitendra Singh ने इस अवसर पर यह स्पष्ट किया कि भारत में oral health care को लेकर जागरूकता को पूर्ण बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके बावजूद अभी भी भारत को affordable dental devices और innovative treatment solutions में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे परिस्थिति में यह हब स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देगा तथा आम जनता तक सस्ते और गुणवत्तापूर्ण दंत चिकित्सा उपकरण पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Public–Private Collaboration का महत्व
कार्यक्रम में MoS का ऐसा मानना है कि इस क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार प्रयासरत है ही परन्तु इसके लिए Public–Private Collaboration आवश्यकता भी है।
Private sector में मौजूद निवेश और संसाधन, Government institutions द्वारा प्रदान किया गया ढांचा और नीतिगत सहयोग और Start-ups और MSMEs की नवाचार क्षमता का संगम निश्चित ही भारत को global dental innovation hub बनाने में अद्वितीय सिद्ध होगा। यह मॉडल भारत और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य नवाचार का उदाहरण पेश करने का कार्य करेगा।
जागरूकता, पहुंच और affordability पर जोर
भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है जहां oral healthcare से जुड़ी चुनौतियों का समाधान सिर्फ तकनीक को सुदृढ़ करके नहीं किया जा सकता है। इसमें awareness, accessibility और affordability तीनों कारकों का एक महत्वपूर्ण योगदान है।
- Awareness (जागरूकता): ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के लोगों को भी दंत स्वास्थ्य को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। Innovation Hub से विकसित होने वाली awareness campaigns जो कि इस समस्या का समाधान कर सकती है, लोगों को इसमें हिस्सा लेना चाहिए।
- Accessibility (पहुंच): शहरी इलाकों में dental clinics की मौजूदगी देखी जा सकती है, लेकिन छोटे शहरों और गाँवों में आधुनिक सुविधाएँ अभी तक नहीं पहुंच पाई है। Indigenous devices और mobile dental units’ accessibility बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन सकता है।
- Affordability (सुलभता): महंगे उपकरणों और आयातित तकनीक के कारण दंत चिकित्सा आम जनता इस सुविधा का लाभ लेने से वंचित हो जाते हैं। स्वदेशी उपकरण के निर्माण से लोग ऐसी सुविधा में अपनी affordability को सुनिश्चित करेंगे।
Dental Innovation का भविष्य और भारत की भूमिका
भारत की बढ़ती जनसंख्या और बदलती जीवनशैली ने dental health sector की मांग को तेजी से बढ़ाने का काम किया है। Industry experts ऐसा मानते हैं कि आने वाले कुछ वर्षों में यह क्षेत्र multi-billion-dollar industry के रूप में विकसित होगा।
Dental Technology Innovation Hub के माध्यम से भारत निम्नलिखित क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर सकता है:
- AI-driven dental diagnostics
- 3D printing based dental implants
- Affordable oral care devices
- Digital dentistry solutions
इससे घरेलू बाजार में में वृद्धि के साथ भारत का वैश्विक स्तर पर भी dental innovation exporter बनने की संभावना बढ़ेगी।
निष्कर्ष
MAIDS में स्थापित किया गया Dental Technology Innovation Hub भारत की स्वदेशी तकनीक, स्टार्टअप इकोसिस्टम और Public–Private Collaboration को एक साथ लाकर स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए संकल्पित है।
Dr. Jitendra Singh का यह स्पष्ट संदेश है कि भारत अपने नागरिकों के लिए affordable और accessible dental solutions तैयार करने के साथ वैश्विक स्तर पर भी innovation leader के रूप में खुद की छवि को बुलंद करेगा। यह पहल अपने निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करेगी तथा निकट भविष्य में भारत को Dental Technology Innovation और Indigenous Healthcare Devices के क्षेत्र में एक game-changer के रूप में वैश्विक पटल पर पहचान दिलाएगी।
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