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सिक्किम सरकार का बड़ा फैसला: पहली बार पर्यटकों के लिए खुलेंगे Doklam और Cho La—सीमांत पर्यटन को मिलेगी नई रफ्तार

सिक्किम सरकार ने सीमांत पर्यटन (border tourism) को नई ऊँचाइयों पर ले जाते हुए एक ऐतिहासिक घोषणा की है। रणनीतिक रूप से अत्यंत संवेदनशील माने जाने वाले Doklam और Cho La जैसे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों को पहली बार पर्यटकों के लिए खोलने की तैयारी पूरी हो चुकी है। सरकार के अनुसार, यह दोनों स्थल 15 दिसंबर 2025 से आम नागरिकों के लिए खोल दिए जाएंगे। यह कदम सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ाएगा साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और क्षेत्रीय विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

पर्यटकों के लिए खुल रहे हैं सीमांत पर्यटन Doklam और Cho La

Doklam और Cho La: सामरिक महत्व वाले क्षेत्र अब पर्यटन मानचित्र पर

Doklam जहाँ 2017 का India और China standoff हुआ था, एशिया के सबसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ट्राई जंक्शन में से एक माना जाता है। यह भारत, भूटान और चीन की सीमा के निकट स्थित एक उच्च सुरक्षा क्षेत्र है। इसी तरह Cho La Pass, जो नाथू ला क्षेत्र के समीप स्थित है, सैन्य दृष्टि से दक्षिण सिक्किम का बेहद महत्वपूर्ण दर्रा माना जाता है।

ऐसे क्षेत्र पहली बार पर्यटकों के लिए खोले जा रहे हैं, जो यह दर्शाता है कि सिक्किम सरकार क्षेत्रीय सुरक्षा को बनाए रखते हुए आर्थिक विकास और सीमांत पर्यटन को संभावनाओं के नए पथ पर ले जाना चाहती है। यह पहल अपने आप में ऐतिहासिक है क्योंकि इससे पहले नागरिकों का इन क्षेत्रों में प्रवेश केवल विशेष परिस्थितियों में ही संभव हो सकता था।

सीमांत पर्यटन को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन

Border Tourism हाल के वर्षों में भारत के उत्तर-पूर्व के राज्यों में तेजी से उभरता हुआ सेगमेंट रहा है, लेकिन Doklam जैसे संवेदनशील क्षेत्र को खोलना इससे पहले किसी राज्य ने नहीं किया था। इससे तीन बड़े लाभ होने की संभावना है:

Sikkim सरकार की रणनीति: सुरक्षा के साथ विकास

संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटन खोलना आसान निर्णय नहीं है, लेकिन सिक्किम सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी गतिविधियाँ भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से ही संचालित किया जाएगा।

 

सीमांत पर्यटन

इस तरह सरकार का उद्देश्य है कि development without compromising national security का बखूबी ध्यान रखा जाए। सरकार द्वारा निर्देश दिया गया है कि किसी भी तरह के अमानवीय व्यवहार का सघनता से अवलोकन किया जाए।

उत्तर-पूर्व में मजबूत हो रहा रणनीतिक पर्यटन मॉडल

Ladakh के Siachen Base Camp, Arunachal Pradesh के Vijoynagar, और अब Sikkim के Doklam-Cho La जैसे स्थल भारत के पर्यटन मॉडल में एक नया अध्याय को जोड़ने जा रहे हैं।

यह निर्णय स्पष्ट दिखाता है कि भारत अब अपनी सीमाओं को रक्षा क्षेत्रों के साथ strategic tourism zones के रूप में विकसित कर रहा है, जहाँ सुरक्षा, संस्कृति, प्रकृति और भू राजनीति का अनूठा मिश्रण पर्यटकों को आकर्षित करने का काम करेगा। Sikkim सरकार की यह पहल निश्चित ही इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

सीमांत पर्यटन

निष्कर्ष

Doklam और Cho La जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को पर्यटकों के लिए खोलने का निर्णय सिक्किम की आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि का अनूठा उदाहरण है। यह कदम सीमांत पर्यटन को नई उड़ान देगा, स्थानीय लोगों को नए अवसर प्रदान करेगा और भारत के पूर्वी हिमालयी क्षेत्र को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और भी प्रभावशाली बना देगा।

सुरक्षा की प्राथमिकता के साथ विकास की यह रणनीति के साथ Sikkim पूरे देश के लिए एक प्रेरक मॉडल बन सकती है। अब 15 दिसंबर के बाद Doklam और Cho La की ऊँचाइयों में कदम रखने वाले यात्री सिर्फ प्रकृति ही नहीं, बल्कि भारत की सामरिक शक्ति और सांस्कृतिक विरासत की धड़कन भी महसूस कर सकेंगे।

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