Hyderabad Airport पर Gold स्मगलिंग का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सुरक्षा एजेंसियों को भी हैरान कर दिया। Sharjah से आए एक यात्री के सामान में रखी गई एक साधारण सी दिखने वाली Iron Press Machine के अंदर से अधिकारियों ने लगभग 1.2 किलोग्राम Gold बरामद किया है, जिसकी कीमत करीब 1.55 करोड़ बताई जा रही है।
यह घटना इस बात को फिर साबित करती है कि सोने की तस्करी करने वाले अपने तरीकों को लगातार हाई-टेक और चालाक बना रहे हैं। आजकल स्मगलिंग सिर्फ सूटकेस या जैकेट की जेब में छिपाकर नहीं होती, बल्कि रोजमर्रा की उपयोगी वस्तुओं में नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। लेकिन DRI और Airport सुरक्षा की सतर्कता ने एक बार फिर करोड़ों की अवैध Gold को मार्केट में पहुंचने से रोक दिया।
Iron Press Machine में छिपे थे 11 Gold के बिस्किट
इस मामले का सबसे दिलचस्प और चौंकाने वाला हिस्सा यह है कि Gold को जिस तरह से छुपाया गया था, उससे यह अंदाजा लगाना भी मुश्किल था कि मशीन के अंदर किसी तरह की अवैध चीज मौजूद हो सकती है। बताया जा रहा है कि तस्कर ने अपनी Iron Press Machine को अंदर से बारीकी से खोला था और उसमें लगभग 11 Gold के बिस्किट फिट किए गए थे। प्रेस की बॉडी को इस तरह से वापस जोड़ा गया था कि बाहर से देखने पर यह बिल्कुल सामान्य और नई दिखने वाली मशीन लग रही थी।
एक्स-रे स्कैनिंग में भी धातु के भीतर धातु छुपाने से भ्रम पैदा हो जाता है और कई बार मशीन के असामान्य घनत्व को देखकर ही अधिकारियों को शक होता है। यह पूरा तरीका बताता है कि स्मगलर अब तकनीक, मशीन पार्ट्स और घरेलू उपकरणों का इस्तेमाल पहले से कहीं ज्यादा बुद्धिमानी से कर रहे हैं।
Sharjah से Hyderabad तक का सफर
Sharjah से आने वाली फ्लाइट के यात्रियों की नियमित जांच के दौरान जब इस यात्री का सामान स्कैनर से गुजरा तो Iron Press Machine का आंतरिक ढांचा स्कैनर में थोड़ा असामान्य दिखाई दिया। अधिकारियों ने मशीन को बाहर निकालकर फिर से स्कैन किया, और इस बार साफ दिखा कि बॉडी के भीतर धातु की मात्रा सामान्य से अधिक है। यह देखकर DRI और CISF की टीम ने तुरंत जांच का निर्णय लिया।
जब प्रेस मशीन को खोला गया तो उसके भीतर से एक-एक करके 11 Gold बिस्किट निकाले गए। सोना इतनी सफाई से फिट किया गया था कि अगर एक बार भी स्कैन से मशीन फिसल जाती, तो यह स्मगलिंग आसानी से पकड़ में नहीं आती।
Hyderabad Airport के बाहर खड़ा संचालक भी पकड़ा गया
Gold मिलने के तुरंत बाद DRI ने यात्री को हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू की। जांच में यह सामने आया कि यह व्यक्ति अकेले काम नहीं कर रहा था। एयरपोर्ट के बाहर एक संचालक पहले से मौजूद था, जो इस सोने को रिसीव करने वाला था और फिर उसे आगे नेटवर्क के अन्य लोगों तक पहुंचाने का काम करता। DRI और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में न केवल यात्री बल्कि संचालक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
संचालक आंध्र प्रदेश का रहने वाला बताया जा रहा है। अधिकारियों को संदेह है कि यह सिर्फ एक छोटा हिस्सा है, जबकि असली नेटवर्क इसके पीछे कहीं बड़ा है, जिसमें कई देशों और कई राज्यों के लोग शामिल हो सकते हैं।
Hyderabad Airport पर गोल्ड स्मगलिंग क्यों बढ़ रही है?
बीते कुछ महीनों में Hyderabad Airport Gold स्मगलिंग का एक प्रमुख टारगेट बन चुका है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मध्य पूर्व देशों खासकर Sharjah, Dubai और Abu Dhabi में Gold भारतीय बाजार की तुलना में काफी सस्ता होता है। इसी अंतर का फायदा उठाकर तस्कर Gold भारत लाकर भारी लाभ कमाते हैं। लेकिन अब वे पारंपरिक तरीकों के बजाय नए-नए नवाचारी और तकनीकी तरीके अपनाने लगे हैं।
कभी माइक्रोवेव में Gold छुपाकर लाया जाता है, कभी क्रीम कंटेनर में, कभी जूते की हील में, तो अब Iron Press जैसे उपकरणों के अंदर। इस तेजी से बदलती रणनीति ने सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है, क्योंकि इन्हें पकड़ने के लिए अत्याधुनिक स्कैनर, अनुभव और लगातार सतर्कता की आवश्यकता होती है।
DRI के सामने नई तकनीकी चुनौती
इस केस ने DRI की टीम को इस बात पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि तस्कर अब किस लेवल की तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। एक साधारण Iron Press Machine के अंदर इतनी गहराई से Gold फिट करना आसान काम नहीं है। इसके लिए न सिर्फ मशीन को खोलने का कौशल चाहिए, बल्कि उसके अंदर इस तरह Gold फिट करना भी कि मशीन की बाहरी संरचना में कोई बदलाव न आए और वह सामान्य दिखे।
एक्स-रे से छिपने की कोशिश करने के लिए स्मगलर अब मशीन की धातु संरचना का फायदा उठा रहे हैं। यह तकनीकी चुनौती DRI को भी अपने उपकरण अपग्रेड करने और मशीनों की जांच के पैटर्न को और बेहतर बनाने की आवश्यकता की ओर संकेत देती है।
पूछताछ में चौकाने वाली बातें
पूछताछ के दौरान यात्री ने स्वीकार किया कि वह इस काम के लिए सिर्फ एक ‘कैरियर’ की भूमिका निभा रहा था। उसके अनुसार उसे Gold भारत लाने के लिए मोटी रकम का लालच दिया गया था। उसे भारत आने पर केवल मशीन किसी खास व्यक्ति को सौंपनी थी, बाकी सभी काम संचालक करता। इसका मतलब साफ है कि यह एक सुव्यवस्थित और पहले से सेट किया गया नेटवर्क है, जिसके अपने कोड वर्ड्स, अपने तरीके और अपनी योजना होती है।
इस तरह के नेटवर्क में आमतौर पर कैरियर केवल एक मोहरा होते हैं, जबकि असली फायदा और नियंत्रण बड़े सरगनाओं के पास होता है। DRI अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि यह नेटवर्क कितने समय से सक्रिय था, इससे पहले कितनी खेपें लाई गईं और इसके पीछे कौन लोग बैठे हुए हैं।
1.2 किलो सोना जब्त होना अपने आप में एक बड़ी सफलता है। अगर यह सोना बाजार तक पहुंच जाता तो न सिर्फ सरकार के राजस्व को भारी नुकसान होता, बल्कि यह काले धन, अवैध व्यापार और अन्य आपराधिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देता।
DRI ने अदालत से आरोपियों की रिमांड मांगी है ताकि पूरे नेटवर्क की गतिविधियों, वित्तीय लेन-देन, संपर्कों और विदेशों में बैठे संचालकों के बारे में गहराई से जांच की जा सके। उम्मीद की जा रही है कि इससे कई और मामलों का भी खुलासा होगा।
निष्कर्ष
यह घटना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत में Gold स्मगलिंग के तरीके कितने तेजी से बदल रहे हैं। Iron Press Machine जैसे घरेलू उपकरण में 1.2 किलो Gold छुपाना इस अपराध की गंभीरता और स्मार्टनेस दोनों ही दिखाता है।
लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि DRI, CISF और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने इस चालाक रैकेट को समय रहते पकड़ लिया। हालांकि, स्मगलर नए तरीके अपनाते रहेंगे और इसी वजह से सुरक्षा एजेंसियों को भी लगातार अपनी तकनीक, निगरानी और इंटेलिजेंस को मजबूत बनाना होगा।
ऐसी जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े हैं, धन्यवाद।
