Mumbai Airport पर कस्टम विभाग ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। विभाग ने एक विशेष अभियान के तहत करीब 13 करोड़ रुपये का हाईड्रोपोनिक गांजा बरामद किया है। यह बरामदगी चार अलग-अलग मामलों में हुई, जिसमें अधिकारियों ने 13.077 किलोग्राम गांजा जब्त किया। तस्करों ने इस नशीले पदार्थ को चिप्स पैकेट और शैंपू की बोतलों में छिपाकर भारत लाने की कोशिश की थी। इस सनसनीखेज मामले में पांच यात्रियों को गिरफ्तार किया गया है।
कैसे पकड़ी गई
कस्टम विभाग को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि विदेशी उड़ानों के जरिए Mumbai Airport पर नशीले पदार्थों की तस्करी की कोशिश की जा रही है। इसी सूचना के आधार पर जब चार संदिग्ध यात्रियों के सामान की जांच की गई, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।
अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों ने गांजे को एयरटाइट पैकेट्स में पैक कर रखा था और उसे कॉस्मेटिक बोतलों, शैंपू कंटेनर और स्नैक्स पैकेट्स में छिपाया गया था ताकि स्कैनिंग मशीन को भी धोखा दिया जा सके। लेकिन कस्टम अधिकारियों की सतर्कता के चलते पूरी चोरी पकड़ी गई।
क्या है हाईड्रोपोनिक गांजा?
हाईड्रोपोनिक गांजा एक ऐसी प्रजाति है जिसे मिट्टी की बजाय न्यूट्रिएंट वॉटर सिस्टम में उगाया जाता है। इसकी THC (Tetrahydrocannabinol) मात्रा सामान्य गांजे से कहीं अधिक होती है, जो इसे ज्यादा खतरनाक बनाती है। इसकी खुशबू भी तीव्र होती है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है करीब 1 करोड़ रुपये प्रति किलो तक।
अधिकारियों के अनुसार, पकड़े गए 13 किलो गांजे की बाजार कीमत लगभग 13 करोड़ रुपये आंकी गई है। माना जा रहा है कि यह चोरी अफ्रीकी देशों और दक्षिण-पूर्व एशिया से लाई जा रही थी।
कस्टम विभाग की जांच में क्या मिला?
कस्टम विभाग ने बताया कि गिरफ्तार किए गए यात्रियों से पूछताछ चल रही है। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि ये सभी यात्री एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट के लिए काम कर रहे थे। इन्हें पैकेज उठाने और भारत में किसी तीसरे व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए मोटी रकम दी जाती थी।
विभाग अब ड्रग नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में है और विभिन्न एजेंसियों जैसे NCB और DRI को भी जांच में शामिल किया गया है।
कानूनी कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया
गिरफ्तार यात्रियों पर NDPS Act (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act), 1985 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह एक गंभीर अपराध माना जाता है, जिसमें दोषी पाए जाने पर 10 से 20 साल तक की सजा और भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
कस्टम अधिकारियों ने कहा कि यह ऑपरेशन उनके अब तक के सबसे बड़े ड्रग सीजर में से एक है। इस कार्रवाई से ड्रग माफिया नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है और Mumbai Airport सुरक्षा को और मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।
ड्रग्स तस्करी पर Mumbai Airport की सख्ती
Mumbai Airport भारत का सबसे व्यस्त International हवाईअड्डा है, जहां से रोजाना हजारों यात्री अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों के माध्यम से आते-जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में यहां ड्रग्स तस्करी के कई मामले सामने आए हैं।
2025 की शुरुआत से ही कस्टम विभाग ने स्मार्ट स्कैनिंग सिस्टम, डॉग स्क्वॉड और पैसेंजर प्रोफाइलिंग तकनीक को अपग्रेड किया है, जिससे तस्करी के कई मामलों को समय रहते रोका जा सका है। यह हालिया मामला भी उन्हीं प्रयासों की सफलता का उदाहरण है।
एक वरिष्ठ कस्टम अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा —
“हम लगातार अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क पर निगरानी रख रहे हैं। यात्रियों को यह समझना होगा कि किसी के कहने पर बैग या सामान लेकर जाना बहुत बड़ा जोखिम है। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें सख्त सजा दी जाएगी।”
निष्कर्ष
Mumbai Airport Drug Case ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि भारत में ड्रग्स तस्करी नेटवर्क कितनी तेजी से फैल रहा है और सुरक्षा एजेंसियां इसे रोकने में कितनी सतर्क हैं। शैंपू की बोतलों और पैकेट्स में गांजा छिपाने जैसी चालें यह दर्शाती हैं कि तस्कर तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं।
कस्टम विभाग की यह कार्रवाई न केवल एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को भारत में सख्ती से लागू किया जा रहा है। आगे आने वाले समय में भी एयरपोर्ट्स और पोर्ट्स पर इस तरह की जांच और कड़ी होगी ताकि भारत को ड्रग-फ्री बनाने का लक्ष्य पूरा किया जा सके।
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