Site icon Satyavarta

गुटखा–पान मसाला बनाने वालों पर बड़ी कार्रवाई, Government ला रही नया सख्त बिल

देश में गुटखा और पान मसाला जैसे स्मोकलेस तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल कई सालों से लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से स्वास्थ्य पर पड़ रहे खतरों के साथ-साथ Government को टैक्स चोरी की भारी शिकायतें मिल रही हैं। इन उत्पादों का अवैध कारोबार, नकली पैकिंग, मिलावटी सामग्री और बिना लाइसेंस वाली फैक्ट्रियों पर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं।

गुटखा पान मसाला बनाने वालों पर Government ला रही सख्त बिल

इसी के चलते Central Government अब इन उत्पादों पर अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। Government एक नया बिल लाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत ‘National Security & Public Health Cess’ लगाया जाएगा। यह न केवल निर्माताओं पर वित्तीय दबाव बढ़ाएगा, बल्कि इससे मिलने वाली रकम देश की सुरक्षा व्यवस्था और पब्लिक हेल्थ मिशनों को मजबूत करने में इस्तेमाल की जाएगी, जिससे यह बिल एक बेहद महत्वपूर्ण और व्यापक असर डालने वाला कदम बन जाता है।

गुटखा–पान मसाला उद्योग पर बढ़ता दबाव और बढ़ती शिकायतें

भारत दुनिया में स्मोकलेस तंबाकू का सबसे बड़ा उपभोक्ता माना जाता है। यहां करोड़ों लोग रोजाना गुटखा, पान मसाला और इससे जुड़े उत्पादों का सेवन करते हैं। विशेषज्ञ लगातार चेतावनी देते रहे हैं कि इन उत्पादों में मौजूद केमिकल्स और मिलावट लोगों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। इसके साथ ही, Government एजेंसियों को लंबे समय से यह शिकायतें मिल रही थीं कि बड़ी संख्या में निर्माता टैक्स चोरी कर रहे हैं, उत्पादन छिपा रहे हैं और डुप्लीकेट ब्रांड के नाम पर नकली सामान बेच रहे हैं।

कई राज्यों में छापों के दौरान यह भी सामने आया कि बिना लाइसेंस वाली कई छोटी फैक्ट्रियाँ बड़े शहरों और कस्बों में अवैध रूप से गुटखा उत्पाद बना रही थीं। इन सभी घटनाओं ने Government पर दबाव बनाया कि वह उद्योग को सख्त कानूनों और आधुनिक टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी के दायरे में लाए।

क्या है ‘National Security & Public Health Cess’ और क्यों जरूरी है?

Government जिस नए बिल को लागू करने जा रही है, उसका सबसे अहम हिस्सा है ‘National Security & Public Health Cess’ यह एक विशेष टैक्स होगा, जो सिर्फ उन उत्पादों पर लागू होगा जिनमें स्मोकलेस तंबाकू का इस्तेमाल होता है। यह उत्पाद बनाने वाली कंपनियों पर आर्थिक नियंत्रण बढ़ाएगा, जिससे अवैध उत्पादन और टैक्स चोरी पर रोक लगेगी। इससे मिलने वाली रकम को दो बड़े क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाएगा राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य।

गुटखा पान मसाला बनाने वालों पर Government ला रही सख्त बिल

यानी गुटखा और पान मसाला से जुटाई गई रकम अब देश की सुरक्षा योजनाओं, मेडिकल रिसर्च, कैंसर जागरूकता अभियान और स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रमों को मजबूती देगी। Government का मानना है कि तंबाकू उत्पादों से होने वाला सामाजिक नुकसान इतना बड़ा है कि उसके बदले में मिलने वाली राशि को सीधा हेल्थ और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश किया जाना चाहिए।

Government इस बिल को क्यों ला रही है?

Government के पास इसके कई बड़े कारण हैं। पहला कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरा है। AIIMS और ICMR जैसी संस्थाओं के अनुसार भारत में मुँह और गले के कैंसर के लगभग आधे मामले सीधे गुटखा और पान मसाला से जुड़े हैं। ये उत्पाद न केवल कैंसर का कारण बनते हैं बल्कि दांत, मसूड़ों, हार्ट और लीवर से जुड़े कई गंभीर रोग भी पैदा करते हैं। दूसरा बड़ा कारण टैक्स चोरी है। सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस उद्योग में हर साल हजारों करोड़ रुपये की टैक्स चोरी होती है, जिससे Government को भारी नुकसान पहुँचता है।

तीसरा कारण अवैध कारोबार है। लगातार छापों में कई मिलावटी और खतरनाक सामग्री बनाने वाली यूनिट पकड़ी गई हैं, जिनकी वजह से लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है। चौथा और सबसे महत्वपूर्ण कारण है युवाओं में बढ़ती लत। स्कूल-कॉलेज जाने वाले युवाओं और किशोरों में गुटखा और पान मसाला के सेवन का स्तर बढ़ता जा रहा है, जो देश के भविष्य के लिए बेहद चिंताजनक संकेत है।

नया बिल लागू होने के बाद क्या-क्या बदलेगा?

नया बिल आने के बाद उद्योग में कई बड़े बदलाव किए जाएंगे। सबसे पहले, हर निर्माता को डिजिटल रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के उत्पादन या बिक्री करना सीधा जुर्म माना जाएगा। इसके अलावा, हर पैकेट पर Barcode या QR Code लगाना अनिवार्य होगा, जिससे सरकार उत्पादन और सप्लाई चेन को रियल टाइम में ट्रैक कर सकेगी।

इससे टैक्स चोरी लगभग खत्म हो जाएगी। नया नियम लगने से इन उत्पादों की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे खपत में कमी आने की उम्मीद है। अवैध फैक्ट्रियों पर अब तुरंत कार्रवाई होगी, उन्हें सील किया जाएगा और भारी जुर्माने लगाए जाएंगे। इसके साथ ही, Government इस नियम की रकम से Public Health Funds को बढ़ाएगी, जिसमें डी-एडिक्शन कार्यक्रम, कैंसर उपचार, जागरूकता मिशन और मेडिकल रिसर्च को प्राथमिकता दी जाएगी।

कंपनियों में मचा हड़कंप

इस बिल की तैयारी की खबर के बाद गुटखा और पान मसाला कंपनियों में खलबली मच गई है। Manikchand, Vimal, RMD, RajniGandha जैसी प्रमुख कंपनियाँ चिंतित हैं कि नए नियमों से उनकी उत्पादन लागत बढ़ेगी। कई छोटी और मध्यम कंपनियों में डर है कि वे नए टैक्स और तकनीकी मानकों के मुताबिक अपने उत्पादन ढांचे को अपग्रेड नहीं कर पाएंगी, जिससे वे बाजार से बाहर हो सकती हैं। दूसरी ओर, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और कई NGOs का कहना है कि यदि इस बिल से तंबाकू उत्पादों की कीमत बढ़ती है तो यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा सकारात्मक कदम होगा।

उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा?

सबसे बड़ा असर कीमतों पर पड़ेगा। नया नियम लागू होने के बाद गुटखा और पान मसाला के दाम बढ़ जाएंगे, जिससे कई उपभोक्ताओं की खपत कम हो सकती है। आमतौर पर जब किसी लत वाली चीज की कीमत बढ़ती है तो उसका उपयोग धीरे-धीरे कम होता है। Government भी चाहती है कि इनके बढ़ते सेवन में कमी आए, खासकर युवाओं और किशोरों में। कीमतों में बढ़ोतरी के साथ-साथ जब हेल्थ अवेयरनेस कैंपेन और मजबूत होंगे, तो लोगों को इनसे दूर रखने में आसानी होगी।

यह बिल संसद के आने वाले सत्र में पेश किया जाएगा। यदि यह पास हो गया तो अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से इस पर अमल शुरू हो सकता है। यह बिल भारत के तंबाकू नियंत्रण इतिहास में सबसे बड़ा और सबसे सख्त कदम माना जाएगा।

निष्कर्ष

Government का यह कदम गुटखा और पान मसाला उद्योग को पूरी तरह से नए तरीके से नियंत्रित करने की दिशा में उठाया गया एक साहसिक निर्णय है। यह न केवल स्वास्थ्य और टैक्स चोरी की समस्याओं को लक्ष्य करता है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए एक नए वित्तीय मॉडल की शुरुआत भी करता है। अगर यह बिल पास होता है, तो इससे न केवल उद्योग पर सख्ती बढ़ेगी, बल्कि लाखों लोगों की सेहत बचाने में बड़ी मदद मिलेगी।

ऐसी ही जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे, धन्यवाद।

Exit mobile version