Himachal Pradesh में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने राज्य के कई हिस्सों को तबाह कर दिया है। इस आपदा के कारण स्थानीय लोगों का जीवन काफी मुश्किलों से भर गया है, कई लोगों के घर तबाह हो गए और कई के तो खाने पीने पर भी परेशानियां आने लगी। इस भीषण बाढ़ से आर्थिक स्थिति में भी परिवर्तन हुआ है। इस आपदा के बीच, मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। हालांकि, उनका यह दौरा विवादों में भी घिर गया, क्योंकि स्थानीय लोगों ने उनकी देरी से पहुंचने और संवेदनहीन टिप्पणियों पर नाराजगी जताई।

दौरे की शुरुआत और प्रभावित क्षेत्र
Kangana Ranaut ने अपने दौरे की शुरुआत मनाली के सोलंग और पलचान क्षेत्रों से की, जो बाढ़ और भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में कई घरों को नुकसान हुआ है और स्थानीय निवासी सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। Kangana Ranaut ने इन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से मुलाकात की एवं उनकी सहायता करने की कोशिश करेंगी। हालांकि उनका यह दौरा विवादों से घिरा हुआ है, क्योंकि स्थानीय लोगों ने उनकी देरी से पहुंचने पर नाराजगी जताई।
स्थानीय लोगों का विरोध
जब Kangana Ranaut मनाली के पटलिकुहल क्षेत्र में पहुंचीं, तो स्थानीय लोगों ने उनका विरोध किया। लोगों ने काले झंडे लहराए और “कंगना गो बैक” के नारे लगाए। उनका आरोप था कि कंगना आपदा के समय में देरी से पहुंची हैं और उनकी उपस्थिति से कोई विशेष मदद नहीं मिल रही है। कुछ स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि बाढ़ के कारण उनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिससे उसने निजी जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ा है।इन सब को देखते हुए स्थानीय लोगों ने उनका विरोध किया।

Kangana Ranaut की प्रतिक्रिया
Kangana Ranaut ने स्थानीय लोगों से कहा कि वे उनकी स्थिति को समझें। उन्होंने बताया कि उनके अपने रेस्तरां ने पिछले दिन केवल 50 रुपए की बिक्री की, जबकि उन्हें 15 लाख की सैलरी देनी पड़ती है। उन्होंने यह भी कहा कि वह Himachal की बेटी हैं और यह परेशानियां उनकी भी परेशानी हैं। हालांकि, उनकी यह टिप्पणी कुछ लोगों को असंवेदनशील लगी और उन्होंने आलोचना की।
कांग्रेस पार्टी ने Kangana Ranaut की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई। कांग्रेस नेता प्रतिभा सिंह ने कहा कि कंगना को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कंगना के पास सांसद निधि के रूप में 5 करोड़ होते हुए भी उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

राहत कार्य और सरकारी पहल
Himachal Pradesh सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए 4,500 करोड़ का प्रावधान किया है। इसमें मंडी, कांगड़ा और शिमला जिलों को प्राथमिकता दी गई है। सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत, पेयजल आपूर्ति बहाल करने और असुरक्षित घरों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाए हैं। इन सब चीजों से वहां के स्थानीय लोगों को आश्वासन मिला है और स्थानीय लोग तेजी से कार्य की उम्मीद कर रहे हैं,जिससे उनकी दिनचर्या ठीक हो सके।
निष्कर्ष
Kangana Ranaut का Himachal Pradesh के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। हालांकि, उनकी देरी से पहुंचने और कुछ टिप्पणियों के कारण विवाद उत्पन्न हुआ, लेकिन यह भी दर्शाता है कि राजनीतिक नेताओं को आपदा के समय में त्वरित और संवेदनशील प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है। आगे बढ़ते हुए, यह आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दल और नेता मिलकर बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करें और उन्हें पुनर्निर्माण की दिशा में सहायता प्रदान करें।
ऐसी जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहे, धन्यवाद।
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