भारत के विदेश मंत्री (EAM) डॉ. एस. जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) और जर्मनी के फेडरल मिनिस्टर फॉर फॉरेन अफेयर्स Johann Wadephul के बीच हुई मुलाकात ने India-Germany संबंधों को नई गति देने का काम किया है। दोनों नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर आपसी रिश्तों की मजबूती को दर्शाया। European Union (EU) से जुड़ी रणनीतियों, और वैश्विक मामलों पर खुलकर चर्चा की गई।
India-Germany रणनीतिक साझेदारी पर जोर
डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच लंबे समय से गहरी Strategic Partnership है और यह बैठक उस सहयोग को नई दिशा देने ओर अग्रसर करेगी। चर्चा का मुख्य उद्देश्य भारत-जर्मनी के संबंधों को EU Framework के तहत और अधिक मजबूत करना था।
दोनों देशों ने Indo-Pacific क्षेत्र में स्थिरता और सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर भी निःसंकोच रूप से बातचीत किया।मल्टीलेटरल प्लेटफॉर्म्स (जैसे UN और G20) में दोनों देशों की साझेदारी पर विशेष जोर देने का काम किया गया।
जर्मन विदेश मंत्री का भारत दौरा
Johann Wadephul पहली बार जर्मनी के विदेश मंत्री के तौर पर भारत आए। उनका यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों में नई ऊर्जा को उजागर करने का प्रतीक है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि:
“भारत हमारे लिए केवल एक रणनीतिक सहयोगी नहीं, बल्कि एक ऐसा मित्र है जिसके साथ हम वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए काम करना चाहते हैं।”
भारत और जर्मनी के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे
• भू-राजनीतिक चुनौतियाँ (Geopolitical Challenges)
• Global South की प्राथमिकताएँ
• जलवायु परिवर्तन
• आर्थिक सहयोग
• Technology Partnership
व्यापार और निवेश पर भी चर्चा
दोनों देशों ने बढ़ते व्यापारिक संबंधों को और मज़बूत बनाने के लिए Market Access और Trade Facilitation की ओर सहमति जताई। जर्मनी ने भारत की Make in India और Digital India नीतियों की प्रशंसा की। ऑटोमोबाइल, नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) और Defence Manufacturing में सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी विचार विमर्श किया गया।
Indo-German Partnership की वैश्विक अहमियत
भारत और जर्मनी मिलकर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) को स्थिर और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को हासिल करने की दिशा में अपना अद्वितीय योगदान दे रहे हैं। यह बैठक संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में भारत-जर्मनी साझेदारी Innovation, Green Technology और Strategic Diplomacy को अधिक सुदृढ़ करेगी।
डॉ. जयशंकर का बयान
प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. जयशंकर ने कहा:
“हमने भारत-जर्मनी संबंधों और EU के साथ हमारे सहयोग पर बेहद उत्पादक चर्चा की। हमने वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर भी अपने विचार साझा किए। Johann Wadephul का भारत में स्वागत करना मेरे लिए सम्मान की बात है।”
निष्कर्ष
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि भारत-जर्मनी संबंधों के नए युग (New Era) की शुरुआत का प्रयास है। आने वाले समय में दोनों देशों का सहयोग न केवल Indo-Pacific क्षेत्र में स्थिरता लाने अपितु यह संबंध वैश्विक अर्थव्यवस्था और राजनीतिक संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।
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