भारत और फ्रांस के सैन्य संबंध लगातार मजबूत होते जा रहे हैं, और इसी कड़ी में Indian Air Force (IAF) द्वारा फ्रांस में आयोजित होने वाले द्विपक्षीय वायु अभ्यास Garuda 25 के 8वें संस्करण में हिस्सा लेने की आधिकारिक पुष्टि की गई है। 17 से 27 नवंबर 2025 तक चलने वाले इस महत्वपूर्ण एयर एक्सरसाइज का उद्देश्य दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच रणनीतिक तालमेल, operational synergy, और high intensity combat readiness को और अधिक मजबूत करना है। यह अभ्यास वैश्विक परिस्थितियों में बदलती सुरक्षा चुनौतियों के बीच भारत की वायु शक्ति को व्यापक अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ उभारने का एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
IAF की भागीदारी: उन्नत विमानों और विशेषज्ञ पायलटों की तैनाती
भारतीय वायु सेना ने Garuda 25 में अपने अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों और अनुभवी पायलटों को शामिल कर रही है। हालांकि आधिकारिक रूप से इस विषय पर विस्तृत सूची जारी नहीं की गई है, पर ऐसे अभ्यासों में सामान्यतः Rafale, Su-30 MKI, और C-17 Globemaster जैसे aircraft शामिल किया जाता है। फ्रांस के साथ यह joint exercise दोनों वायु सेनाओं को
- Tactical air combat
- Joint mission planning
- Beyond Visual Range (BVR) engagements
- Air to air और air to ground operations
जैसे critical operational क्षेत्रों में संयुक्त अनुभव प्रदान करती है।
इस तरह की हाई इंटेंसिटी ट्रेनिंग वायु सैनिकों को वास्तविक युद्ध परिस्थितियों की तरह माहौल में प्रशिक्षण देती है, जहाँ निर्णय लेने की क्षमता, समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया अहम प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
Garuda 25 का रणनीतिक उद्देश्य
Garuda 25 का केंद्रीय उद्देश्य दोनों देशों की वायु सेनाओं को एक यथार्थवादी संचालनात्मक वातावरण (Realistic Operational Environment) में अभ्यास का अनुभव देना है। जिसके अंतर्गत दोनों देशों की वायु सेना जटिल हवाई अभियानों का अभ्यास, Multi domain coordination, High pressure mission execution, Interoperability में सुधार और Rules of Engagement (ROE) का समझदारी से पालन करेंगे।
वर्तमान विश्व परिदृश्य को अगर गौर से समझा जाए तो air dominance किसी भी सैन्य रणनीति का मूलभूत हिस्सा बन चुका है। आने वाले समय की मांग को देखकर के यह अभ्यास दोनों देशों को कई स्तरों पर सहयोग और सीख का अवसर प्रदान करने का काम करेगा।
भारत और फ्रांस रक्षा सहयोग का मजबूत होता नेटवर्क
भारत और फ्रांस के रक्षा संबंध दशकों पुराने हैं। Rafale aircraft deal, Scorpene submarines और joint military exercises जैसे Garuda, Varuna (नौसेना) और Shakti (थल सेना) दोनों देशों के बीच defence partnership को लगातार मजबूती प्रदान करते रहे हैं।
Garuda 25 इसी श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो इस सहयोग को और व्यापक बनाता है। इसके तीन प्रमुख लाभ सामने आते हैं:
- Operational Familiarity: दोनों देशों के पायलट एक दूसरे की रणनीतियों और combat शैली को समझते हैं।
- Technological Exposure: भारत को world class Western air combat technologies और doctrines का बखूबी अनुभव मिलता है।
- Strategic Diplomacy: इंडो-फ्रेंच संबंधों में रक्षा क्षेत्र की भागीदारी बढ़ती है, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की कूटनीतिक स्थिति मजबूत होती है।
क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में अभ्यास का महत्व
आज Indo-Pacific क्षेत्र में बदलते भू-राजनीतिक समीकरण और वैश्विक शक्तियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा रक्षा सहयोग को अत्यंत आवश्यक बना चुके हैं। Garuda 25 अभ्यास इस क्षेत्र में:
- सुरक्षा सहयोग
- पारदर्शिता
- सामरिक स्थिरता
- संयुक्त तैयारी
जैसे पहलुओं को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।
फ्रांस Indo-Pacific में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है, और भारत इस क्षेत्र की स्थिरता का अग्रणी पक्षधर है, इसलिए दोनों देशों का यह सहयोग क्षेत्रीय संतुलन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
फ्रांस में आयोजित Garuda 25 का 8वाँ संस्करण भारतीय वायु सेना के लिए एक सैन्य अभ्यास ही नहीं है, बल्कि रणनीतिक साझेदारी, सामरिक मजबूती और वैश्विक सुरक्षा सहयोग का एक महत्वपूर्ण पड़ाव भी है। यह भारत की वायु शक्ति को आधुनिक सैन्य सिद्धांतों, उन्नत तकनीकों और अंतरराष्ट्रीय एयर कॉम्बैट अनुभव के साथ और सशक्त करता है।
इस अभ्यास के माध्यम से एक बार फिर यह सिद्ध होता है कि भारतीय वायु सेना क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर अपनी क्षमता और सहभागिता की नई मिसालों को कायम कर रही है। Garuda 25 आने वाले वर्षों में भारत–फ्रांस रक्षा संबंधों को और गहरा बनाएगा और दोनों देशों की वायु सेनाओं को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।
ऐसे ही और खबरों के लिए हमसे जुड़े रहें। धन्यवाद।
