नई दिल्ली में हाल ही में आयोजित एक विश्लेषणात्मक बैठक में केंद्रीय मंत्री Dr Jitendra Singh ने सरकार की संवाद (communication) रणनीति को नई दिशा देने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा है कि सिर्फ सूचनाओं का आदान-प्रदान सरलता से और Storytelling माध्यम से जनता तक पहुँचाना बेहद जरूरी है।
साथ ही उन्होंने Whole-of-Government दृष्टिकोण की बलशाली भूमिका पर प्रकाश डाला, जिससे सरकारी संदेशों को राष्ट्रीय लक्ष्यों (national goals) के अनुरूप संरेखित (aligned) करने में आसानी हो। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और Google Search में इस बैठक को लेकर चर्चाएँ तेज हो चुकी है— “government communication strategy India”, “science communication storytelling” जैसे keywords में बढ़ोतरी देखी गई है।

Storytelling के माध्यम से Science & Government Communication
मंत्री ने बैठक में विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि विज्ञान-संचार (science communication) को टेक्निकल भाषा में बंद रहने के बजाय सरल, कथात्मक (narrative) ढांचे में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि जब जनता को कहानी के रूप में समझाया जाए — “यह क्या है, क्यों है, कैसे आपके जीवन को प्रभावित करेगा” — तो संदेश का प्रभाव और पहुँच दोनों बढ़ जाते हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर देखने में आया है कि लोग तकनीकी रिपोर्ट्स के बजाय “story-based visuals” और “case studies” की ओर आकर्षित हो रहे हैं, इसलिए मंत्री का यह सुझाव ट्रेंड के अनुरूप है।
Whole-of-Government रणनीति: संवाद में समन्वय का महत्व
Dr Jitendra Singh ने यह स्पष्ट किया कि संवाद का अर्थ केवल सूचना देना ही नहीं है — बल्कि विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और सरकारी इकाइयों के बीच coordinated approach होने की अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एक whole-of-government strategy अपनाकर यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि संदेश राष्ट्रीय नीतियों (national goals) और सामाजिक अपेक्षाओं के अनुरूप हों।
इसका मतलब यह है कि किन्हीं खास अभियान, जैसे Digital India, Clean India, Skill India या Atmanirbhar Bharat, से जुड़े संवाद-मोडल को एकीकृत रूप से जनता तक पहुँचाया जाए। सोशल मीडिया पर ऐसे आरोप भी आते रहे हैं कि कभी संवाद में विभागीय “silos” रह जाते हैं — इसलिए मंत्री का यह दृष्टिकोण समयानुकूल माना जा रहा है।

डिजिटल युग में संवाद की चुनौतियाँ और अवसर
बैठक के बाद सोशल मीडिया-विश्लेषण में यह बात सामने आई कि आज संवाद की चुनौतियाँ केवल भाषा तक सीमित न होकर प्लेटफॉर्म-विशिष्ट स्वरूप (formats) जैसे short videos, infographics, reels, live Q&A sessions भी उतने ही महत्वपूर्ण हो गए हैं। इसी क्रम में minister ने सुझाव दिया कि सरकारी संदेशों को मोबाइल-प्रथम (mobile-first) और सोशल-फोकस्ड ढांचे में तैयार किया जाए।
इसके साथ ही उन्होंने राज्यों और जिलों स्तर पर संवाद उपकरणों (communication tools) तथा डेटा-एनालिटिक्स (data-analytics) का इस्तेमाल बढ़ाने पर भी जोर दिया, जिससे जनता की प्रतिक्रिया (public feedback) को समझा जा सके, और अभियान को समय-समय पर अनुकूलित किया जा सके। Google पर “mobile first government communication India” जैसे सर्च वॉल्यूम में हल्की बढ़त दिखाई दी है, जो इस दिशा में जागरूकता बढ़ने का संकेत है।
संदेश का लोक-अनुकूल (public-centric) होना: Jitendra Singh
बैठक में यह भी बात उठी कि संवाद का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि जनता के विश्वास (trust) और भागीदारी (engagement) को बढ़ाना होना चाहिए। Dr Singh ने कहा कि संवाद तभी सफल होगा जब जनता यह महसूस करे कि उस संवाद का प्रभाव सीधे उसके जीवन या उसके समुदाय पर पड़ रहा है — इसलिए सार्वजनिक-centre (public-centric) दृष्टिकोण अपनाना अनिवार्य है।
सोशल मीडिया पर कुछ उपयोगकर्ताओं ने यह पूछा है कि “क्या सिर्फ बड़े शहरों में संवाद समझ में आता है, ग्रामीण क्षेत्रों में इसका क्या उपयोग?” — इस तरह की प्रतिक्रियाओं से यह स्पष्ट है कि संवाद को स्थानीय संदर्भ (local context) में अनुवाद (translate) करना और असरदार बनाना बड़ी चुनौती है। यही कारण है कि minister ने सभी विभागों को सामूहिक प्रयास (collaborative effort) करने का आह्वान किया है।

निष्कर्ष
Dr Jitendra Singh की यह बैठक एवं उनकी रणनीतिक अपील इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि सरकार संवाद के आधुनिक तरीकों को अपनाने के लिए गंभीर है। सरकार science communication, storytelling, या whole-of-government के समावेश के लिए अग्रसर है। जब सरकारी संदेश जानकारी के साथ प्रेरणा, परिवर्तन और भागीदारी का माध्यम बनेंगे, तब उसे जनता बेहतर समझेगी और स्वीकार करेगी।
अगर इस दिशा में सफलता प्राप्त हो सकेगा, तभी संवाद एक असरदार उपकरण बन पाएगा। जिससे भारत में सरकारी पहलों की पहुंच और प्रभाव दोनों में सुधार संभव है। संवाद का यह नया युग, जहाँ टेक्नोलॉजी, कहानी-कहने की कला और जनता-केन्द्रीकरण मिलकर चलें। इससे सूचना का आदान-प्रदान तो बढ़ेगा ही, साथ ही एक सच-मुच की सरकारी-जन संवाद क्रांति (government-citizen communication revolution) की नींव रखेगा।
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1 thought on “Dr Jitendra Singh ने ‘Effective Government Communication’ रणनीति में Storytelling और Whole-of-Government दृष्टिकोण पर दिया जोर””