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भारतीय इतिहास के पुनर्निर्माण की दिशा में बड़ा कदम: राज्यपाल रवि ने जारी की डॉ. एम. एल. राजा की ऐतिहासिक कृतियाँ “Kali Yuga Dated Inscriptions”

भारत के इतिहास और कालक्रम की वैज्ञानिक पुनर्स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्यपाल आर. एन. रवि ने प्रसिद्ध इतिहासकार और अभिलेखविद डॉ. एम. एल. राजा द्वारा रचित दो महत्वपूर्ण ग्रंथ “Kali Yuga Dated Inscriptions – A Basis of Indian History and Chronology” (Volume 1 और 2) का विमोचन किया।

राज्यपाल रवि ने जारी की डॉ. एम. एल. राजा की ऐतिहासिक कृतियाँ “Kali Yuga Dated Inscriptions”

राजभवन में आयोजित इस गरिमामय समारोह में देशभर से आए सैकड़ों इतिहासकारों, शोधकर्ताओं, विद्वानों और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया, जिससे यह कार्यक्रम भारतीय इतिहास जगत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बन गया।

ये ग्रंथ लगभग 1,000 प्राचीन अभिलेखों, लगभग 5,000 वर्षों के दस्तावेज़ों और भारत तथा उसके पड़ोसी क्षेत्रों के विशाल सांस्कृतिक भंडार पर आधारित हैं। यह पहल इतिहास के लिए Evidence Based Chronology स्थापित करने में निर्णायक भूमिका निभाएगी और भारत के इतिहास को Decolonised Framework में पुनर्स्थापित करने की प्रक्रिया में गहरा योगदान प्रदान करेगी।

भारत का इतिहास केवल राजाओं, युद्धों और साम्राज्यों की कथा ही नहीं है, बल्कि हजारों वर्ष पुरानी दार्शनिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और ज्ञान परंपराओं का जीवंत दस्तावेज भी है। लेकिन लंबे समय तक, भारतीय इतिहास को औपनिवेशिक नजरिये से देखा और व्याख्यायित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कई मिथक, विसंगतियाँ और कालक्रम संबंधी भ्रम उत्पन्न हुए।

“Kali Yuga Dated Inscriptions” की यह श्रृंखला इस दिशा में एक कठोर, प्रमाणित और वैज्ञानिक प्रयास है, जो भारतीय इतिहास के वास्तविक स्वरूप को पुनः सामने लाने में महत्वपूर्ण होगी। राजभवन द्वारा नेतृत्व किए गए इस प्रकल्प ने इतिहास लेखन को एक नए अध्याय की ओर अग्रसर कर दिया है।

ग्रंथों का महत्व: 5,000 वर्ष पुरानी सभ्यता का प्रमाणिक खाका

डॉ. एम. एल. राजा की यह शोध आधारित कृति इसलिए विशेष महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसमें, भारत के विभिन्न राज्यों और प्राचीन क्षेत्रों से प्राप्त 1,000 से अधिक अभिलेख (Inscriptions), अभिलेखों में दर्ज Kali Yuga dates,विभिन्न शिलालेखों, ताम्रपत्रों, गुफा लेखों और दंडक लिपियों का समायोजन, और भारत की सभ्यता और सांस्कृतिक परंपरा का 5,000 वर्ष से अधिक का सतत कालक्रम को वैज्ञानिक तरीके से व्यवस्थित किया गया है।

कई इतिहासकारों ने इस मंच पर कहा कि यह कार्य Indian Epigraphy और Historical Chronology को नए सिरे से परिभाषित करेगा।

प्रमुख विशेषताएँ:

Decolonising Indian History: एक सशक्त पहल

कार्यक्रम में राज्यपाल रवि ने विशेष रूप से इंगित किया कि भारतीय इतिहास का पुनर्निर्माण अब औपनिवेशिक व्याख्याओं से मुक्त होकर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि—

“भारतीय इतिहास का वास्तविक स्वरूप हमारे पुरातन अभिलेखों, पुराणों, शिलालेखों और सांस्कृतिक दस्तावेज़ों में निहित है। यह कृति उसी विरासत को वैज्ञानिक ढंग से पुनर्स्थापित करने का प्रयास है।”

इन अभिलेखों पर आधारित कालक्रम:

इस प्रयास को भारतीय इतिहास में “Civilisational Narrative Restoration” की दिशा में एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है।

राज्यपाल रवि ने जारी की डॉ. एम. एल. राजा की ऐतिहासिक कृतियाँ “Kali Yuga Dated Inscriptions”

Kali Yuga Dated Inscriptions में विद्वानों और शोधकर्ताओं की व्यापक सहभागिता

समारोह में भाग लेने वाले सैकड़ों शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों ने दोनों वॉल्यूम के महत्व पर प्रकाश डाला।
इतिहासकारों ने कहा कि:

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कई विद्वानों ने कहा कि यह कार्य सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता की आत्मा को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है।

Dr. M. L. Raja: Indian Epigraphy के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान

डॉ. राजा लंबे समय से भारतीय अभिलेखों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने देशभर की यात्रा कर विभिन्न राज्यों जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और नेपाल-भूटान के पड़ोसी क्षेत्रों से प्राचीन अभिलेखों का संकलन किया है।

उनकी कृति की विशेषता है:

यह मेहनत न केवल इतिहास के दस्तावेजों को संरक्षित करती है, बल्कि उन्हें आधुनिक इतिहास लेखन के लिए उपयोगी भी बनाती है।

Chronology Building: भारत के इतिहास को समय की सटीक लकीर पर स्थापित करने का कार्य

भारतीय इतिहास में असंख्य कालक्रम संबंधी विरोधाभास मौजूद रहे हैं, कभी राजवंशों की तिथियाँ संदिग्ध, कभी पुराणों और शिलालेखों में विचलन। “Kali Yuga Dated Inscriptions” इन भूले हुए सूत्रों को जोड़कर एक credible timeline प्रदान करता है।

इससे होने वाले लाभ:

यह कार्य भविष्य के इतिहासकारों के लिए foundational source material बन सकता है।

निष्कर्ष

राजभवन में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह भारतीय इतिहास और भारतीय अकादमिक जगत के लिए एक turning point की तरह है। डॉ. एम. एल. राजा द्वारा संकलित “Kali Yuga Dated Inscriptions” न केवल अतीत को दस्तावेज़ों के माध्यम से जीवंत करता है, बल्कि भारत के इतिहास को औपनिवेशिक छाया से मुक्त कर evidence backed दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाने की दिशा में एक नई शुरुआत भी करता है।

यह कृति आने वाले वर्षों में भारतीय इतिहास के अध्यापन, शोध और लेखन को नई दिशा देगी और भारत की सांस्कृतिक सिविलाइज़ेशनल पहचान को वैश्विक मंच पर और अधिक मजबूती से स्थापित करेगी।

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