मणिपुर में रणनीतिक मार्गों का विकास तेजः MoRTH ने NHIDCL के माध्यम से 1,774 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों को पूरी गति देने का लिया निर्णय

मणिपुर में केंद्र सरकार द्वारा Road infrastructure enhancement के अभियान को एक नया मोड़ दिया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री (Road Transport & Highways) Ajay Tamta की अध्यक्षता में आयोजित किया गया समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य में NHIDCL और मणिपुर PWD द्वारा 11 National Highways जो लगभग 1,774 किमी की लम्बाई तक फैले हुए हैं, उन्हें जल्द से जल्द समृद्ध व सुदृढ़ तरीके से बनाया जाएगा। इस विकास-योजना का प्रबंधन National Highways & Infrastructure Development Corporation Ltd. (NHIDCL) और मणिपुर PWD द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर में रक्षा एवं आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है।

MoRTH ने NHIDCL के माध्यम से 1,774 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों को पूरी गति देने का लिया निर्णय
MoRTH ने NHIDCL के माध्यम से 1,774 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों को पूरी गति देने का लिया निर्णय

NHIDCL के प्रोजेक्ट डिटेल्स और कार्य स्थिति

मंत्रालय के अनुसार, राज्य में कुल ₹12,000 करोड़ की लागत से 51 पैकेजों में ये निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। इन्हें विभिन्न प्रमुख कॉरिडोर जैसे National Highway 37 (Imphal–Jiribam), National Highway 202 (Yaingangpokpi–Finch Corner), National Highway 137 (Tamenglong–Mahur), National Highway 102B (Churachandpur–Tuivai) और National Highway 129A (Maram–Peren) में विभाजित किया गया है।

इनमें से 747 किमी दो लेन में उन्नत हो चुके हैं, जबकि शेष 332 किमी को वार्षिक सत्र 2026–27 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह स्पष्ट संकेत है कि मंत्रालय ने निर्माण काल में तेजी से बढ़ोतरी लाने के लिए समय सीमाएँ निर्धारित की गई है।

रणनीतिक महत्व और रक्षा-सम्मिलित कनेक्टिविटी

बैठक के दौरान Ajay Tamta ने यह भी समीक्षा की कि आगे के प्रोजेक्ट जैसे National Highway 02 (Churachandpur–Tipaimukh एवं Mao–Senapati) और 658 किमी लंबी Indo–Myanmar Border Road, साथ ही Imphal–Moirang चार-लेन परियोजना और नागालैंड से कनेक्टिविटी सुधारने वाले मार्ग भी शामिल किए गए हैं। यह प्रस्तावित कनेक्शन्स परिवहन सुविधा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा (national security) और सीमा विकास (border development) के दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

NHIDCL के माध्यम से 1,774 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों को पूरी गति
NHIDCL के माध्यम से 1,774 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों को पूरी गति

पूर्वोत्तर भारत में इस तरह की हाई क्वालिटी रोड्स से आर्थिक विकास, उद्योग प्रवेशन और सशस्त्र बलों की गतिशीलता (mobility) को बहुत हद तक बढ़ावा मिलेगा। NHIDCL का उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कार्य प्रबंधन इस पहल को मजबूती से गति प्रदान कर रहा है।

चुनौतियाँ एवं क्रियान्वयन की दिशा

हालाँकि बड़े पैमाने पर योजनाएँ सामने आई हैं, लेकिन मणिपुर की भौगोलिक वितान (terrain), मानसून मौसम (monsoon conditions) और पहाड़ी संवेदनशीलता (hill terrain) इन परियोजनाओं के लिए चुनौती बनी हुई है। NHIDCL की वेबसाइट में भी इन रफ्तार टुकड़ों की स्थिति सूचीबद्ध है।

इसके अतिरिक्त पीएम के नेतृत्व में Pragati Ka Highway जैसे टैगलाइन के माध्यम से मंत्रालय ने यह संकेत दिया है कि सिर्फ निर्माण मापदंड पर नहीं बल्कि गुणवत्ता मान (quality standards), समय पालन (timely completion) व स्थानीय सशक्तीकरण (local empowerment) पर भी ध्यान केंद्रित कर काम किया गया है।

बैठक में यह भी तय किया गया कि राज्यों वाले विभागों, NHIDCL व स्थानीय ठेकेदारों को नियमित मॉनिटरिंग, गति जांच (progress review) व बाधा पहचान (bottleneck identification) के माध्यम से कार्यन्वयन फोकस बढ़ाना होगा।

आर्थिक-सामाजिक लाभ और क्षेत्रीय प्रभाव

जब ये मार्ग तैयार होंगे, तो मणिपुर में माल वाहन, पर्यटन सहगमन (tourism connectivity) व स्थानीय उत्पादन शक्ति (local industry) से संबंधित ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी। इसके परिणामस्वरूप, रोजगार निर्माण (employment generation), ग्रामीण शहरी संपर्क व जीवन स्तर (standard of living) में बहुत अधिक सुधार होने की संभावना है।

विशेष रूप से Imphal–Jiribam मार्ग इस बड़े कॉरिडोर का हिस्सा है, जो भारत म्यांमार सीमा वाला कनेक्शन भी है, तथा इससे Act East Policy को बल मिलेगा। इन प्रमुख हाईवे नेटवर्क्स से भारत, म्यांमार और थाईलैंड के बीच व्यापार मार्ग (trade route) में वृद्धि हो सकती है।

निष्कर्ष

मणिपुर में NHIDCL द्वारा 1,774 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास सिर्फ सड़क बिछाने का काम नहीं है, अपितु यह पूर्वोत्तर भारत में सिंगल लेंस दृष्टि से कनेक्टिविटी, सुरक्षा और विकास को एक साथ जोड़ने की दिशा में एक सार्थक कदम है। जब मंत्री Ajay Tamta ने समीक्षा बैठक में इन प्रोग्राम्स की समीक्षा की, तो यह स्पष्ट था कि केंद्र सरकार यहां सिर्फ रोड निर्माण ही नहीं कर रही, वो निर्माण के साथ समेकित इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल पर भी काम कर रही है।

यह पहल राष्ट्रीय मिशन भावना (national mission) को धरातल पर ले आने का अद्भुत प्रमाण है, जहाँ Building Infrastructure, Building India का नारा सिर्फ शब्दों तक नहीं बल्कि क्रियात्मक तरीके से वास्तविकता की ओर सफलता प्राप्त कर रहा है।

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