राजस्थान के जैसलमेर जिले के तपते रेतीले मैदानों में इस समय भारतीय सेना की ताकत गूंज रही है। थार मरुस्थल के बीचों-बीच हुए इस बड़े स्तर के Defence Exercise को “Maru Jwala Drill 2025” नाम दिया गया है। यह अभ्यास Indian Army की Southern Command द्वारा आयोजित किया गया, जो कि देश के सबसे बड़े त्रि-सेवा अभ्यास “Trishul Drill” का एक महत्वपूर्ण चरण है। इस ड्रिल में सेना ने अपनी युद्धक तैयारी, रणनीतिक क्षमता और तकनीकी दक्षता का शानदार प्रदर्शन करते हुए यह साबित कर दिया कि भारत किसी भी परिस्थिति में युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है।
क्या है Exercise Maru Jwala Drill?
Exercise Maru Jwala Drill भारतीय थलसेना का एक विशेष Desert Warfare Drill है जो पश्चिमी भारत के रेगिस्तानी इलाके में आयोजित किया गया। इस अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य था थल सेना, वायु सेना और विशेष बलों के बीच समन्वय (Coordination) को परखना, आधुनिक तकनीकों की उपयोगिता का परीक्षण करना और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देने की क्षमता को मजबूत बनाना।
Maru Jwala Drill अभ्यास पूरी तरह से Real-time Battle Scenario पर आधारित था, जहाँ सैनिकों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में संभावित दुश्मन के हमले के जवाब की रणनीति को practically लागू किया।nइसमें Sudarshan Chakra Corps, Armoured Divisions, Infantry Battalions, Helicopter Units और Paratroopers की यूनिट्स शामिल थीं, जिन्होंने दिन-रात चलने वाले इस अभ्यास में अपनी युद्ध क्षमता का प्रदर्शन किया।
अभ्यास की निगरानी स्वयं Lt. Gen. Dhiraj Seth, GOC-in-C Southern Command ने की। उन्होंने मौके पर जाकर सैनिकों का उत्साहवर्धन किया और बताया कि यह ड्रिल केवल प्रशिक्षण नहीं बल्कि देश की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
कब और कहाँ हुआ यह अभ्यास
Maru Jwala Drill युद्ध-अभ्यास 11 नवंबर 2025 से 12 नवंबर 2025 तक राजस्थान के Jaisalmer जिले में आयोजित हुआ। थार मरुस्थल की रेत, तेज हवाएँ और चरम तापमान जैसी परिस्थितियाँ इसे और अधिक कठिन बना देती हैं। यही कारण है कि भारतीय सेना इन इलाकों में नियमित रूप से अभ्यास करती रहती है ताकि सैनिक कठिनतम परिस्थितियों में भी पूरी दक्षता के साथ काम कर सकें।
इस अभ्यास का स्थल पाकिस्तान सीमा से महज कुछ ही दूरी पर था। इसलिए इसे भारत की Strategic Defence Readiness का एक सशक्त प्रतीक माना जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, इस दौरान सेना ने टैंकों की तैनाती, आर्टिलरी फायरिंग, हेलिकॉप्टर लैंडिंग, पैराड्रॉपिंग, और हाई-मोबिलिटी वाहन संचालन जैसी कई जटिल गतिविधियों का अभ्यास किया। थार की शांत रातों में जब टैंकों की गर्जना और रॉकेट लॉन्चर की आवाज गूंजी, तो पूरा मरुस्थल मानो रणभूमि में बदल गया।
Trishul Drill का अहम हिस्सा
Exercise Maru Jwala Drill असल में भारत की तीनों सेनाओं Army, Air Force और Navy के संयुक्त प्रशिक्षण अभियान “Exercise Trishul” का एक हिस्सा है। इस त्रि-सेवा अभ्यास का उद्देश्य है एकीकृत रक्षा क्षमता को और मजबूत करना, ताकि किसी भी आकस्मिक हमले या आपात स्थिति में तीनों सेनाएँ मिलकर तुरंत कार्रवाई कर सकें।
इस दौरान Indian Air Force ने हेलिकॉप्टरों के ज़रिए ‘Air Support Missions’ का अभ्यास किया। वायु सेना के पायलटों ने थार की रेत पर कम दृश्यता में भी टारगेट हिट करने की क्षमता दिखाई, वहीं थल सेना ने अपने T-90 टैंकों, BMP Vehicles और Artillery Guns के साथ ज़मीनी ताकत का प्रदर्शन किया। रेगिस्तानी इलाके में इतनी बड़ी सैन्य गतिविधि ने यह साबित कर दिया कि भारत किसी भी दिशा से आने वाले खतरे का जवाब देने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
तकनीकी और रणनीतिक तैयारी की झलक
Maru Jwala Drill 2025 में सेना ने कई आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जो भविष्य के युद्ध की झलक दिखाती हैं। इसमें AI-based Battle Simulation Systems, Real-time Drone Surveillance, Communication Jammers, और Night Vision Targeting Equipment शामिल थे। इन उपकरणों के उपयोग से सैनिकों को न केवल मॉक वार में बढ़त मिली बल्कि यह भी दिखाया गया कि भारतीय सेना तकनीकी दृष्टि से भी किसी से पीछे नहीं है।
इस अभ्यास का एक बड़ा उद्देश्य था सेना के विभिन्न अंगों के बीच बेहतर तालमेल बनाना। Ground Forces, Aviation Units और Command Control Systems के बीच Coordination को परखा गया ताकि वास्तविक युद्ध की स्थिति में निर्णय प्रक्रिया तेज और प्रभावी हो। इस अभ्यास ने यह भी सिद्ध किया कि भारतीय सैनिक न केवल ताकतवर हैं, बल्कि तकनीकी रूप से प्रशिक्षित और सटीक रणनीति बनाने में भी माहिर हैं।
Maru Jwala Drill का रणनीतिक महत्व
Exercise Maru Jwala 2025 केवल एक सामान्य युद्धाभ्यास नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक तैयारी का प्रतीक है। यह अभ्यास पाकिस्तान सीमा के निकट आयोजित हुआ, जो इस बात का संकेत है कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए हर समय चौकन्ना है। सेना ने इस दौरान अपनी “Quick Mobilization” और “Joint Operation Strategy” का प्रदर्शन किया, जिससे यह संदेश गया कि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी संभावित खतरे का सामना करने में सक्षम हैं।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के अभ्यास न केवल सैनिकों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं बल्कि दुश्मन देशों को यह संकेत देते हैं कि भारत अपनी सीमा की हर इंच जमीन की रक्षा करने के लिए तैयार है।
थार की रेत पर गूंजती Maru Jwala Drill ने यह दिखा दिया कि भारतीय सेना की जड़ें जितनी गहरी हैं, उसकी ताकत उतनी ही मजबूत है।
Maru Jwala Drill 2025 की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं। इनमें टैंकों की लंबी कतारें, हेलिकॉप्टरों की उड़ान, और सैनिकों की सटीक गतिविधियाँ देखकर लोगों में गर्व की भावना झलक रही है। कई Defence Analysts ने इसे “India’s Desert Thunder Operation” कहा है, जबकि कुछ ने इसे 2025 का सबसे प्रभावशाली सैन्य अभ्यास बताया है। जनता में भी इस अभ्यास को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है, क्योंकि यह भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
निष्कर्ष
Exercise Maru Jwala Drill 2025 ने यह साबित कर दिया कि भारतीय सेना हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा के लिए तैयार है चाहे वह बर्फीले पहाड़ हों या जलते हुए रेगिस्तान। राजस्थान के थार मरुस्थल में हुआ यह अभ्यास भारत की Defence Readiness, Strategic Depth, और Technological Strength का सटीक उदाहरण है। इसने यह संदेश भी दिया कि भारत की सेनाएँ किसी भी चुनौती का सामना निडर होकर कर सकती हैं और देश की सीमाएँ पूरी सुरक्षा में हैं।
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