केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राजस्थान के अलवर ज़िले में आज एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की उन्होंने राज्य के पहले Namo Biodiversity Park का उद्घाटन किया। इस पार्क की गनना सिर्फ एक पार्क के तौर पर ही नहीं, बल्कि इसे भारत की sustainable development और climate action की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। इसके आरंभ होने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को eco-friendly lifestyle अपनाने के लिए प्रेरित करना और संरक्षण प्रयासों में जनसहभागिता को बढ़ावा देना है।
‘Namo Biodiversity Park’ Green Infrastructure का नया अध्याय
अक्सर शुष्क और रेगिस्तानी राज्य के रूप में जाना जाने वाला राजस्थान, अब हरित बुनियादी ढांचे (green infrastructure) में नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। Namo Biodiversity Park इस अध्याय का प्रथम चरण माना जा रहा है। यह स्थानीय जैव विविधता को संरक्षित करने के साथ राज्य की पर्यावरण नीतियों को भी मज़बूती प्रदान करेगा।
पार्क को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह स्थानीय flora और fauna को सुरक्षित माहौल प्रदान करेगा और साथ ही लोगों को पर्यावरण के महत्व से जोड़ने का भी काम करेगा।
Citizens को Eco-friendly Lifestyle अपनाने की प्रेरणा
इस पार्क की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका उद्देश्य जैव विविधता संरक्षण के अलावा इसका मुख्य संदेश “जीवनशैली में बदलाव से ही बदलाव संभव है” को जन जन तक पहुंचाने का है।
पार्क में ऐसे कई awareness zones और eco-learning spaces बनाए गए हैं जो नागरिकों को कचरा प्रबंधन (waste management), पानी संरक्षण (water conservation), और renewable energy के इस्तेमाल जैसी प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह पहल भारत के Lifestyle for Environment (Life Movement) की सोच को पूरी तरह से सुनिश्चित करती है, जिसका उद्देश्य है लोगों को जलवायु परिवर्तन से लड़ाई में भागीदार बनाने का है।
Public Participation और Conservation Efforts
इस पार्क का निर्माण और उसका विज़न पूरी तरह से public participation model पर आधारित किया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह सरकारी प्रोजेक्ट समाज की भागीदारी से जीवित रहने वाला प्रयास है।
विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि यदि नागरिक पार्क की गतिविधियों और संरक्षण अभियानों में सीधे तौर पर जुड़ते हैं तो इससे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक नतीजे मिलेंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत पर्यावरणीय आधार तैयार होगा।
National और International Commitments की ओर कदम
भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार climate change commitments और biodiversity conservation goals की बात को दुनिया के सामने लाने का प्रयास किया है। इस संदर्भ में Namo Biodiversity Park को एक practical implementation के रूप में देखा जा सकता है, जो Rajasthan के साथ पूरे देश के लिए एक model project साबित होने जा रहा है।
भारत दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दे रहा है कि green economy और sustainable lifestyle अब नीतियों तक सीमित नहीं रहेंगे, अब इसे ज़मीनी स्तर पर लागू भी किए जाने का वक्त आ चुका है और इसकी शुरुआत भारत ने कर दिया है
निष्कर्ष
राजस्थान के अलवर का Namo Biodiversity Park पूरे भारत के लिए एक प्रेरणादायी पहल है। यह पार्क जैव विविधता संरक्षण और हरित बुनियादी ढांचे का प्रतीक बनने जा रहा है। यह नागरिकों को पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली अपनाने की ओर भी प्रेरित करने का अहम स्रोत माना जा रहा है।
भविष्य में अगर ऐसे और प्रोजेक्ट्स देशभर में लागू किए जाते हैं, तो भारत अपने sustainable development goals (SDGs) को समय पर हासिल भी करेगा और जलवायु परिवर्तन की वैश्विक लड़ाई में भी एक अग्रणी की भूमिका निभाएगा।
ऐसे और खबरों के लिए हमसे जुड़े रहें। धन्यवाद।
