भारत के शहरी भविष्य को दिशा देने वाला National Urban Conference 2025 दिल्ली में भव्य रूप से आरंभ किया गया। इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संबोधित किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया कि “शहरीकरण केवल भौगोलिक विस्तार नहीं, बल्कि विकसित भारत की आत्मा है।”
मंत्री ने इस अवसर पर ज़ोर दिया कि भारत का urban transformation नागरिक केंद्रित, inclusive और sustainable होना चाहिए, जिससे आने वाले वर्षों में शहरी विकास ही भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति की आधारशिला बनेगा।
भारत का शहरीकरण: एक नया विकास प्रतिमान
मनोहर लाल खट्टर ने अपने संबोधन में कहा कि आज भारत एक transformative phase of urbanization से गुजर रहा है। देश की लगभग 35% आबादी अब शहरी क्षेत्रों में निवास करती है, और यह आंकड़ा 2035 तक 40-42% तक पहुंचने की संभावना है। ऐसे में, शहरों का विकास आधारभूत ढांचे तक सीमित न होकर इसके नागरिकों की जीवन गुणवत्ता, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन से भी जुड़ा हुआ होने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा,
“हमारा उद्देश्य केवल शहरों का विस्तार करना नहीं है, बल्कि ऐसे शहर बनाना है जो स्मार्ट, सुरक्षित और सर्व-सुलभ हों।”
इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उन्होंने सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे Smart Cities Mission, AMRUT 2.0 (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation) और Pradhan Mantri Awas Yojana (Urban) की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ये योजनाएं देशभर में करोड़ों नागरिकों के जीवन में प्रत्यक्ष सुधार ला रही हैं और भारत को urban innovation के क्षेत्र में अग्रणी बना रही हैं।
Citizen Centric Urban Development: विकास का नया मंत्र
खट्टर ने कहा कि urban development की सफलता का असली पैमाना नागरिकों की भागीदारी और उनकी संतुष्टि है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि “People First, Infrastructure Next” । इस दृष्टिकोण के तहत शहरों में हर नीति और योजना को नागरिकों की ज़रूरतों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत के शहर अब Smart Governance and Digital Urban Ecosystem की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। Digital India Mission के साथ समन्वय में अब अधिकांश नगर निकाय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सेवाएं दे रहे हैं, जैसे property tax payments, building permissions, और public grievance redressal systems। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही में बड़ा सुधार हो रहा है।
मंत्री ने यह भी बताया कि देश के कई शहरों में अब Urban Data Exchange Platforms स्थापित किए जा रहे हैं, जो नीति-निर्माण और शहरी योजना को अधिक प्रभावशाली बना रहे हैं।
National Urban Conference में सतत विकास और पर्यावरणीय संतुलन पर जोर
मनोहर लाल खट्टर ने सम्मेलन में विशेष रूप से sustainability पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत का विकास तभी सार्थक हो पाएगा जब वह environmentally responsible होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए, शहरों को resilient urban design और green infrastructure की दिशा में अग्रसर होना होगा।
उन्होंने बताया कि सरकार National Clean Air Programme (NCAP), Green Mobility Corridors, और waste to energy projects जैसे उपायों के माध्यम से पर्यावरण संवेदनशील शहरी मॉडल तैयार कर रही है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकों को इस परिवर्तन में सक्रिय भागीदारी निभानी होगी ताकि भारत के शहर carbon neutral ecosystems की दिशा में आगे बढ़ सकें।
आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार के नए अवसर
खट्टर ने कहा कि शहरीकरण अब भवन निर्माण या अवसंरचना का विकास नहीं है, अब यह economic dynamism का केंद्र बन चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि शहरी क्षेत्र अब भारत के GDP में लगभग 63% योगदान दे रहे हैं, और आने वाले दशक में यह योगदान और बढ़ेगा। इसलिए, सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को financial autonomy देने और urban entrepreneurship ecosystems को मजबूत करने की दिशा में अनेकों कदम उठाए हैं।
इसके तहत Startup India और PM Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi (PM SVANidhi) जैसी योजनाएं छोटे उद्यमियों और स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही हैं। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि urban skilling के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि युवाओं को emerging sectors जैसे urban logistics, green construction, smart mobility, and waste management में रोजगार के अवसर मिल सकें।
शहरी भारत का भविष्य – समावेशी और आधुनिक
सम्मेलन के अंत में मनोहर लाल खट्टर ने यह दोहराया कि भारत के शहर अब भौगोलिक स्थान के साथ living organisms of opportunity and innovation बन चुके हैं। उन्होंने कहा,
“शहर केवल इमारतों का समूह नहीं, बल्कि लोगों की आकांक्षाओं, अवसरों और नवाचारों का संगम हैं।”
उन्होंने सभी राज्यों से आग्रह किया कि वे Integrated Urban Planning, Public Private Partnerships (PPP) और Smart Infrastructure Investments के माध्यम से भारत के Viksit Bharat Vision 2047 को साकार करें।
निष्कर्ष
National Urban Conference 2025 ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत का भविष्य उसके शहरों में बसता है। मनोहर लाल खट्टर का यह वक्तव्य नीति-निर्माण का एजेंडा ही नहीं, बल्कि एक ऐसा भारत बनाने की दृष्टि है, जो आधुनिक भी हो और मानवीय भी।
Citizen centric, Inclusive, and Sustainable Urban Development भारत को विकसित देशों की श्रेणी में लाएगा और इसे दुनिया के लिए एक आदर्श शहरी मॉडल भी बनाएगा। जैसा कि मंत्री जी ने कहा —
“विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब हमारे शहर प्रगति, संवेदनशीलता और स्थिरता के प्रतीक बनेंगे।”
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