भारत की जांच एजेंसियों के लिए यह हफ्ता बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ है, क्योंकि लंबे समय से फरार और कई हाई-प्रोफाइल अपराधों में वांछित गैंगस्टर Anmol Bishnoi को आखिरकार अमेरिकी एजेंसियों ने भारत डिपोर्ट कर दिया है। यह बात किसी से छुपी नहीं है कि Lawrence Bishnoi Gang पिछले कुछ समय से सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कई देशों में अपना नेटवर्क फैला रहा था।
जेल में बंद लॉरेंस के निर्देश विदेशों से संचालित किए जा रहे थे और इस पूरे संचालन की रीढ़ माना जाता था उसका भाई Anmol Bishnoi, इसलिए NIA की निगाहें लंबे समय से उसकी गतिविधियों पर थीं, लेकिन उसका लगातार देश बदलना, फर्जी कागजात का उपयोग और विदेशी नेटवर्क का सहारा लेना उसे पकड़ना बेहद मुश्किल बना रहा था। बुधवार सुबह जैसे ही वह Delhi के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय Airport पर उतरा, NIA की टीम पहले से तैयार खड़ी थी और बिना समय गंवाए उसे हिरासत में ले लिया। यह गिरफ्तारी सिर्फ एक अपराधी की वापसी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट पर एक व्यापक प्रहार है।
ऑपरेशन कैसे हुआ पूरा?
जानकारी के अनुसार, Anmol Bishnoi अप्रैल 2022 में भारत से फरार हुआ था। उसने फर्जी पासपोर्ट का उपयोग कर पहले नेपाल का रुख किया, फिर वहां से दुबई और केन्या जैसे देशों में घूमता रहा। उसकी भागदौड़ सिर्फ छिपने के लिए नहीं थी, बल्कि वह लगातार अपनी लोकेशन बदलकर जांच एजेंसियों को भ्रमित करता रहता था ताकि उसकी गतिविधियों पर किसी तरह की निगरानी न रखी जा सके। कई खुफिया एजेंसियों को अनमोल की गतिविधियों की जानकारी मिलती रही, लेकिन वह हर बार देश बदल देता था, जिससे उसकी गिरफ्तारी प्रक्रिया जटिल होती चली गई।
अंततः वह अमेरिका पहुंचा और वहीं उसके फर्जी दस्तावेजों ने उसे मुश्किल में डाल दिया। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी को उसके पासपोर्ट और पहचान पर संदेह हुआ और जांच में पता चला कि वह भारत में गंभीर अपराधों में वांछित है। इसके बाद उसे कैलिफोर्निया में हिरासत में लिया गया, जहां वह पिछले साल से बंद था। भारत और अमेरिका की एजेंसियों ने मिलकर उसके डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू की और अंततः उसे भारत वापस भेजा गया। यह पूरा ऑपरेशन महीनों की खुफिया रणनीति, दस्तावेजी जांच और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का परिणाम था।
Airport से लेकर कोर्ट तक सख्त सुरक्षा
Anmol Bishnoi के भारत पहुंचते ही NIA ने उसे तत्काल हिरासत में ले लिया। यह प्रक्रिया सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक विस्तृत सुरक्षा प्लान तैयार किया गया था। क्योंकि Anmol Bishnoi सिर्फ एक सामान्य अपराधी नहीं, बल्कि एक सक्रिय इंटरनेशनल नेटवर्क का हिस्सा माना जाता है, इसलिए उसकी सुरक्षा और पूछताछ दोनों ही बेहद संवेदनशील मुद्दे हैं। Airport से उसे खास सुरक्षा व्यवस्था के साथ एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया, जहां उसकी प्रारंभिक मेडिकल जांच की गई।
अब उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा। NIA उसकी रिमांड मांगेगी ताकि उससे विस्तृत पूछताछ संभव हो सके। उसके खिलाफ दर्ज 18 से ज्यादा मामलों को देखते हुए, यह लगभग तय माना जा रहा है कि एजेंसियों को उसकी लंबी कस्टडी मिल जाएगी। NIA के अधिकारी भी साफ कह चुके हैं कि Anmol Bishnoi की गिरफ्तारी बिश्नोई गैंग के बाहरी संचालन को तोड़ने की कुंजी हो सकती है।
क्यों था Anmol Bishnoi इतने बड़े मामलों में वांछित?
Anmol Bishnoi का नाम कई बड़े मामलों में जुड़ा हुआ है और इन्हीं मामलों ने उसे भारत की सबसे वांछित सूची में पहुंचा दिया।
- सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड- इस हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। Anmol Bishnoi पर आरोप है कि उसने इस हमले में शामिल शूटरों को लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया था, उनकी मूवमेंट को मैनेज किया था और विदेश से प्लानिंग में अहम भूमिका निभाई थी।
- सलमान खान के घर पर फायरिंग- कुछ ही महीने पहले गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर हुई फायरिंग में भी Anmol Bishnoi का नाम सामने आया था। माना जाता है कि विदेश में रहते हुए उसने शूटर्स को निर्देश दिए और इस घटना को धमकी के रूप में अंजाम दिलवाया।
- बाबा सिद्धिकी मर्डर केस- इस केस में उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है और एजेंसियों के पास कई सुराग हैं कि वह इसमें शामिल था।
इन सभी मामलों की गंभीरता को देखते हुए NIA और दिल्ली पुलिस की संयुक्त पूछताछ बेहद महत्वपूर्ण होगी और इससे कई अहम खुलासों की उम्मीद भी है।
कैसे विदेश से चलता था Bishnoi Gang?
Lawrence Bishnoi गैंग पिछले कुछ समय में भारत में अपराध की दुनिया में एक बड़ी ताकत बनता गया है। इसका कारण सिर्फ उसकी स्थानीय ताकत नहीं, बल्कि उसका मजबूत विदेशी नेटवर्क है, जिसमें Anmol Bishnoi सबसे महत्वपूर्ण कड़ी था।
विदेश में रहते हुए वह गैंग के नए सदस्यों की भर्ती करता था, हथियारों की सप्लाई चेन संभालता था, फंडिंग मैनेज करता था और सोशल मीडिया पर धमकी संदेश जारी करता था। कई बार जो वीडियो और मैसेज Lawrence Bishnoi के नाम से वायरल होते थे, वे वास्तव में अनमोल के निर्देश पर बनाए जाते थे। इससे गैंग को भारत में तकनीकी और वित्तीय रूप से बड़ी मदद मिलती थी। Anmol Bishnoi की गिरफ्तारी से अब जांच एजेंसियों को इस पूरे नेटवर्क के संचालन, उससे जुड़े अन्य देशों, फंडिंग के स्रोत और लॉजिस्टिक सपोर्ट चेन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।
निष्कर्ष
अमेरिका से Anmol Bishnoi की वापसी भारतीय सुरक्षा तंत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह न सिर्फ Lawrence Bishnoi गैंग के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को कमजोर करेगा, बल्कि कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच को भी गति देगा। Anmol Bishnoi की पूछताछ से आने वाले दिनों में कई ऐसे राज सामने आ सकते हैं जो वर्षों से छिपे हुए थे। NIA को उम्मीद है कि उसकी कस्टडी में गैंगस्टर नेटवर्क की वह गुत्थी सुलझाई जा सकेगी जिसने देश में अपराध के नए तरीकों और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का चेहरा बदल दिया था।
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