दक्षिण एशिया की राजनीति हमेशा से India-Pakistan relations को लेकर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का अहम हिस्सा रहे हैं। पाकिस्तान के Foreign Minister और Deputy PM Ishaq Dar का एक बड़ा बयान आया है कि भारत ने साफ़ तौर पर यह स्पष्ट कर दिया दिया है कि Kashmir का मुद्दा bilateral (द्विपक्षीय) है और किसी भी तीसरे पक्ष, यहाँ तक कि US mediation के हस्तक्षेप को भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब Ishaq Dar ने US Secretary of State Marco Rubio से टेलीफोन पर बातचीत करके दोनों देशों ने Pakistan-US ties की मज़बूती पर सहमति जताई।
India का साफ़ रुख: “No third-party mediation”
Ishaq Dar के अनुसार, जब US mediation का प्रस्ताव भारत के सामने आया तो भारत ने इसे खारिज कर दिया। भारत का कहना है कि Kashmir एक bilateral issue है, जिसे केवल India और Pakistan के द्वारा आपसी बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है।
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने ऐसा बयान दिया हो। इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत ने यह स्पष्ट कहा है कि किसी भी तीसरे देश या संस्था का दखल उसकी sovereignty और territorial integrity के खिलाफ माना जाएगा।
Pakistan-US ties पर चर्चा
इस दौरान Pakistan-US relations पर भी बातचीत की गई। Ishaq Dar और Marco Rubio ने टेलीफोनिक वार्ता में दोनों देशों के बीच strategic cooperation और bilateral ties को मज़बूत करने में आपसी सहमति जताई।
दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर भी काफी चर्चा किया। बातचीत के दौरान counter-terrorism cooperation और regional peace पर जोर दिया गया। Ishaq Dar ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में Pakistan-US partnership नए अवसरों और निवेश के रास्ते को सुनिश्चित करेगी।
South Asia में Geopolitical Impact
India ने US mediation को ठुकरा कर इस बात का ठोस संकेत दिया है कि नई दिल्ली अपनी foreign policy में किसी भी तरह के बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। दूसरी ओर, Pakistan लगातार अमेरिका के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है ताकि वह क्षेत्रीय राजनीति में अपनी स्थिति में मज़बूती ला सके।
विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि यह घटना South Asia में एक बार फिर से India-Pakistan dynamics को अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बनेगा। यह भी स्पष्ट हो गया है कि भारत की प्राथमिकता अपने द्विपक्षीय मुद्दों पर पूर्ण नियंत्रण रखना है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया विश्लेषण
जैसे ही Ishaq Dar का बयान सामने आया, यह Twitter, LinkedIn और international media platforms पर चर्चा का विषय बन चुका है। कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने इसे भारत की मजबूत कूटनीतिक स्थिति का प्रमाण बताया, और कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों ने इसे अपनी विदेश नीति की चुनौती बताया।
निष्कर्ष
Ishaq Dar का यह बयान भारत-पाकिस्तान संबंधों की हकीकत को एक बार फिर से उजागर करता है। भारत का “Kashmir is a bilateral issue” वाला रुख यह स्पष्ट करता है कि भारत अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर किसी भी तरह से समझौता करने के लिए तैयार नहीं है।
दूसरी ओर, पाकिस्तान अमेरिका के साथ रिश्ते मजबूत करके अपनी अंतरराष्ट्रीय स्थिति में परिवर्तन लाने की निरंतर कोशिश कर रहा है। हालांकि, दक्षिण एशिया की राजनीति में स्थिरता तभी संभव हो सकता है जब दोनों देश आपसी संवाद और विश्वास की राह को अपनाए।
यह घटनाक्रम संकेत देता है कि आने वाले समय में India-Pakistan relations और US role in South Asia अंतरराष्ट्रीय कूटनीति सुर्खियों में रहेगी।
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