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PM JANMAN: आदिवासी समाज के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की दिशा में ऐतिहासिक पहल

किसी भी देश के विकास की कहानी तब तक अधूरी रहती है जब तक समाज के सबसे पिछड़े वर्गों को बराबरी का अवसर नहीं मिलता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर 2023 को Janjatiya Gaurav Divas के अवसर पर झारखंड के खूँटी (Khunti) से Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan (PM JANMAN) की शुरुआत की।

PM JANMAN से सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की दिशा मे ऐतिहासिक पहल

लंबे समय तक Particularly Vulnerable Tribal Groups (PVTGs) यानी अत्यंत कमजोर जनजातियों को मुख्यधारा से जुड़ने में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। यह कार्यक्रम एक कल्याण योजना है, जिससे आदिवासी समाज की आत्मनिर्भरता और गरिमा को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाया जा सकता है।

PM JANMAN: लक्ष्य और दृष्टि

स्वतंत्रता के 75 वर्षों बाद भी देश के 75 जनजातीय समुदाय ऐसे थे जो विकास की दौड़ में सबसे पीछे रह गए थे। इन्हीं समुदायों के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए PM JANMAN का शुभारंभ किया गया।
इस अभियान का उद्देश्य है — समान अवसर, बुनियादी सुविधाओं की पहुंच, और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना है।

PM JANMAN को तीन वर्षों की अवधि में लागू किया जा रहा है, जिसमें 9 मंत्रालयों को आपसी समन्वय के साथ 11 प्रमुख उपायों को लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए केंद्र सरकार ने ₹24,104 करोड़ का व्यापक प्रावधान किया है — जो इस योजना के पैमाने और गंभीरता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है।

अभियान के प्रमुख उपाय: समग्र विकास की रूपरेखा

PM JANMAN का फोकस केवल आर्थिक सहायता या बुनियादी ढाँचा निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक holistic development model पर आधारित है।
इस योजना में शामिल प्रमुख उपायों में—

इन सभी पहलों का एक ही उद्देश्य है — आदिवासी समाज को self-reliant, digitally empowered, और socially inclusive बनाना।

सरकार की कार्ययोजना और मंत्रालयों की भूमिका

इस अभूतपूर्व पहल को सफल बनाने के लिए 9 मंत्रालयों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना है। इसमें प्रमुख मंत्रालय हैं — Ministry of Tribal Affairs, Ministry of Rural Development, Ministry of Health and Family Welfare, Ministry of Education, Ministry of Skill Development and Entrepreneurship, आदि।

प्रत्येक मंत्रालय को अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले उपायों की निगरानी और कार्यान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है।

उदाहरण के तौर पर, Tribal Affairs मंत्रालय community-based monitoring पर ध्यान देगा, जबकि Rural Development मंत्रालय infrastructure projects की समय पर डिलीवरी को सुनिश्चित करेगा।

इस तरह PM JANMAN एक सरकारी योजना ही नहीं, बल्कि एक inter-ministerial coordination model का सफल उदाहरण बनकर उभर रहा है।

जनजातीय गौरव और आत्मनिर्भरता की ओर कदम

PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि —

“PVTG समुदाय केवल भारत की पहचान नहीं हैं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और पर्यावरणीय संतुलन के प्रतीक भी हैं।”

PM JANMAN के माध्यम से सरकार इन समुदायों के भीतर शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्वावलंबन को मज़बूती से स्थापित करना चाहती है।

PM JANMAN से सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की दिशा मे ऐतिहासिक पहल

यह पहल उन हजारों गांवों तक विकास का प्रकाश पहुँचाने की कोशिश है जो आज भी कहीं न कहीं बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह रहा है।

इसके साथ ही, यह अभियान आदिवासी समाज को यह संदेश देता है कि सरकार विकास की बातों के साथ ground-level implementation पर वास्तविक काम भी कर रही है।

निष्कर्ष

Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan (PM JANMAN) भारत की सामाजिक-आर्थिक नीतियों में एक turning point साबित हो सकता है। यह एक ऐसी विकास योजना है जिससे inclusive governance की दिशा में एक सशक्त कदम है उठाया जा सके। यह भारत के आदिवासी समाज को सम्मान, शिक्षा, स्वास्थ्य और अवसरों की नई दिशा प्रदान करेगा।

तीन वर्षों की समयसीमा में यदि यह योजना अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा कर पाती है, तो यह भारत के tribal empowerment model को दुनिया के सामने एक प्रेरणादायक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करेगी।
PM JANMAN न केवल आदिवासी भारत की तस्वीर बदलने का वादा करता है, बल्कि यह उस भारत की झलक भी देता है जो वास्तव में “Sabka Saath, Sabka Vikas, Sabka Vishwas” के सिद्धांत पर आगे बढ़ रहा है।

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