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Russia की निशाना बनी Ukraine की nuclear power substations — सात लोगों की मौत, ऊर्जा सुरक्षा संकट गहरा

एक बार फिर Ukraine पर Russian हमलों ने देश की ऊर्जा और nuclear safety को चुनौती देने का काम किया है। हफ़्ते के शुरुआती घंटे में Russia ने ड्रोन तथा मिसाइलों की बौछार करते हुए ऐसे substations को निशाना बनाया है जो दो प्रमुख न्यूक्लियर पावर प्लांट्स की विद्युत आपूर्ति किया करते थे। Khmelnytskyi और Rivne न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए क्रमश: सप्लाई लाइनों में आने वाले इन स्टेशनों के हमले में उममीद है कि सात नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिसकी अधिकारियों ने पुष्टि की है, यह आंकड़ा बढ़ने की भी संभावना बताई जा रही है।

Russia की निशाना बनी Ukraine की nuclear power substations

इस हमला मानव हानि व एक बड़ी रणनीतिक साज़िश का हिस्सा भी माना जा रहा है, अर्थात सर्दियों के आने से पहले energy infrastructure को बाधित करके नागरिक जीवन को प्रभावित करने की भरपूर साजिश की जा रही है।

Ukraine पर हमले की रूपरेखा और तकनीकी विश्लेषण

Russian attack की जानकारी देते हुए Ukraine के विदेश मंत्री Andrii Sybiha ने कहा कि ये कोई accidental strikes नहीं था बल्कि सुविचारित अभियान था, जिसका उद्देश्य nuclear safety in Europe को जानबूझकर खतरे में डालना था। राष्ट्रपति Volodymyr Zelenskyy ने बताया कि रूस ने रात के दौरान 450 से अधिक ड्रोन और लगभग 45 मिसाइल दागी थीं, जिनमें से अधिकांश intercept कर ली गई।

तीन लोग ‎Dnipro शहर में एक इमारत पर ड्रोन हमले के कारण मारे गए, साथ ही ‎Kharkiv एवं ‎Zaporizhzhia क्षेत्रों में भी नागरिक हताहत हुए हैं। उन राज्यों में जहाँ न्यूक्लियर पावर प्लांट्स स्थापित हैं, वहां यह हमला सीधे रूप से power supply को बाधित कर रहा है, जिसका असर शहरी तथा ग्रामीण दोनों स्तर पर महसूस किया जा रहा है।

ऊर्जा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर असर और नागरिक जीवन की चुनौतियाँ

हमले से प्रभावित प्रमुख क्षेत्रों में ‎Kyiv, ‎Poltava और Kharkiv शामिल हैं, जहाँ बिजली कटौती और water supply disruption की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। Ukraine की सरकारी ऊर्जा कंपनी ‎Centrenergo ने स्पष्ट कहा है कि यह हमले their largest‌ ever assault on generating capacity हैं। विशेषज्ञों का ऐसा कहना है कि Russia का उद्देश्य सिर्फ सैन्य मार्ग से आगे बढ़ना नहीं, बल्कि सर्दियों में ऊर्जा संकट पैदा करके नागरिकों के बीच असंतोष को बढ़ाना है।

Russia attacks on Ukraine

न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए बाहरी विद्युत आपूर्ति बाधित होने में अत्याधिक जोखिम निहित हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि ठंडे मौसम में cooling और सुरक्षा सिस्टम के लिए स्थिर पावर लाइन महत्वपूर्ण होती है। Ukraine के इस क्षेत्र में इस हमले को nuclear terrorism की श्रेणी में रखा जा रहा है।

रणनीतिक-परिदृश्य और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस हमले का व्यापक अर्थ यह है कि Russia ने ऊर्जा नेटवर्क को युद्ध का एक नया मोर्चा बना लिया है। पश्चिमी विशेषज्ञों के अनुसार रूस की रणनीति में एक महत्वपूर्ण हिस्सा grid fragmentation यानी विद्युत ग्रिड को टुकड़ों में तोड़ना है, ताकि पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों में असमर्थता और निर्भरता बढ़ाई जा सके।

Ukraine ने इस अनुभव को वैश्विक सुरक्षा और मानव हित के मसले से जोड़ते हुए कहा है कि यह हमला Ukraine देश पर हमला नहीं है, यह nuclear security और continental stability का विषय बन‌ गया है। सैनिक मोर्चे के साथ-साथ ऊर्जा और बुनियादी ढांचे पर यह हमला यह संकेत करता है कि युद्ध अब पारंपरिक रूप से क्षेत्रीय सीमाओं में नहीं सिमट रहा है,अब यह नागरिक जीवन, पर्यावरण तथा राज्य-प्रबंधन को सीधे प्रभावित कर रहा है।

निष्कर्ष

Russia द्वारा Ukraine के ऊर्जा सबस्टेशनों पर orchestrated हमला एक सिस्टमिक बाधा का उदाहरण है जहाँ ऊर्जा सुरक्षा, नाभिकीय चेन, नागरिक स्वास्थ्य और भू-राजनीति सभी एक साथ टकरा रहे हैं। Ukraine में वर्तमान परिस्थितियां बता रहीं हैं कि electricity as a weapon का युग शुरू हो चुका है और इस मोर्चे पर समर्थन, तैयारी और सुरक्षा-रणनीतियाँ अब अनिवार्य हैं।

अगर इस तरह की रणनीति व्‍यापक रूप से अपनाई जाती है, तो भविष्य के युद्ध परिदृश्यों में ऊर्जा इंफ़्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाना एक आम तरिका हो सकता है। इस लिहाज़ से, यह हमला हादसा नहीं बल्कि नई युद्ध तरकीब का उदाहरण है, जिसका मकसद सिर्फ सामने वाले को डायरेक्ट मारना नहीं बल्कि उसकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को निशाना बनाकर जीवन में असंतोष पैदा करना है।

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