धार्मिक न्यास समागम 2025: Samrat Ashok कन्वेंशन सेंटर में Nitish Kumar का भव्य उद्घाटन

बिहार के पटना में 18 सितंबर 2025 को धार्मिक न्यास परिषद द्वारा आयोजित धार्मिक न्यास समागम 2025 का भव्य आयोजन Samrat Ashok कन्वेंशन सेंटर के बापू सभागार में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने किया। समारोह में राज्यभर से आए साधु-संत, मठ-मंदिरों के प्रतिनिधि, न्यास समितियों के सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

Samrat Ashok कन्वेंशन सेंटर में Nitish Kumar का भव्य उद्घाटन
Samrat Ashok कन्वेंशन सेंटर में Nitish Kumar का भव्य उद्घाटन

समारोह का शुभारंभ और मुख्यमंत्री Nitish Kumar का स्वागत

सुबह 10 बजे कार्यक्रम की शुरुआत हुई और बापू सभागार में उपस्थित सभी लोगों ने मुख्यमंत्री Nitish Kumar का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने मंच से साधु-संतों और गणमान्य व्यक्तियों का अभिवादन किया और धार्मिक न्यास परिषद की भूमिका और महत्व पर भाषण दिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक न्यास समितियाँ केवल पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज में शिक्षा, संस्कार, सामाजिक सेवा और सांस्कृतिक जागरूकता फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उनका यह भी मानना है कि धार्मिक संस्थाओं को प्रशासन और राजनीति से स्वतंत्र रखा जाना चाहिए ताकि उनका मूल उद्देश्य आस्था और सेवा में बाधित न हो।

साधु-संतों और न्यास परिषद का योगदान

कार्यक्रम में उपस्थित साधु-संतों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि मठ-मंदिर और धार्मिक न्यास न केवल धार्मिक क्रियाओं के केंद्र हैं, बल्कि शिक्षा और सामाजिक सेवा के प्रमुख स्तंभ भी हैं। कई संतों ने बच्चों और युवाओं में संस्कार और धर्म की शिक्षा देने के अपने प्रयासों के बारे में जानकारी दी। परिषद के अधिकारियों ने बताया कि बिहार राज्य के धार्मिक न्यास परिषद से लगभग चार हजार मठ-मंदिर और न्यास समितियाँ जुड़ी हुई हैं, जो नियमित रूप से समाज सेवा और धार्मिक गतिविधियों में योगदान देती हैं।

मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि धार्मिक न्यास समागम जैसे कार्यक्रम समाज में आस्था, एकता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि धर्म का असली अर्थ केवल पूजा-अर्चना नहीं है, बल्कि यह समाज में सेवा, शिक्षा और संस्कृति के माध्यम से जीवन को संवारने में भी निहित है। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे अपने क्षेत्रों में न्यास समितियों के कार्यों को और प्रभावी बनाएं और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में इनके योगदान को और बढ़ावा दें।

आयोजन की तैयारियाँ और जन सहभागिता

समारोह के दौरान आयोजकों ने सुनिश्चित किया कि सभी व्यवस्थाएँ पूरी तरह से व्यवस्थित हों। सुरक्षा, बैठने की व्यवस्था, ध्वनि-व्यवस्था और यातायात प्रबंधन का पूरा ध्यान रखा गया। आम जनता, मीडिया और रिपोर्टर्स को भी आमंत्रित किया गया ताकि कार्यक्रम की व्यापक कवरेज हो सके। उपस्थित लोगों ने इस आयोजन को अत्यंत सफल और प्रेरणादायक बताया।

धार्मिक न्यास समागम का यह आयोजन केवल एक आध्यात्मिक या धार्मिक सभा नहीं था, बल्कि यह समाज में शिक्षा, संस्कृति और सेवा के मूल्यों को बढ़ावा देने वाला एक मंच साबित हुआ। मुख्यमंत्री Nitish Kumar के उद्घाटन से इस कार्यक्रम को राज्य सरकार का समर्थन और व्यापक मान्यता प्राप्त हुई। इससे यह संदेश भी गया कि धार्मिक संस्थाएँ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, यदि उन्हें उचित मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध कराए जाएँ।

निष्कर्ष

धार्मिक न्यास समागम 2025 ने यह स्पष्ट कर दिया कि बिहार में धार्मिक न्यास परिषद जैसे संगठन समाज के हर स्तर पर शिक्षा, संस्कार और सेवा को मजबूत करने में योगदान दे सकते हैं। मुख्यमंत्री Nitish Kumar की मौजूदगी और उनके संबोधन ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई और इसे जनता व साधु-संतों के बीच एक प्रेरणास्पद अवसर बना दिया। भविष्य में यदि धार्मिक न्यास समितियों को और समर्थन और प्रोत्साहन मिलेगा, तो यह कार्यक्रम समाज में आध्यात्मिक और सामाजिक विकास दोनों को बढ़ावा देने में और अधिक प्रभावशाली साबित होगा।

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