केंद्रीय पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने तमिलनाडु के VOC Port, Tuticorin में Green Hydrogen Pilot Project का शुभारंभ कर दिया है। यह पहल भारत की renewable energy और sustainable shipping को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक शुरुआत है।
इस अवसर पर मंत्री ने महान स्वतंत्रता सेनानी VO Chidambaranar की 154वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सोनोवाल ने इस मौके पर कहा कि भारत वर्ष को 2030 तक दुनिया के Top 10 shipbuilding nations में शामिल किया जाएगा और 2047 तक यह स्थान बढ़कर Top 5 तक पहुंच जाएगा।
ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट: भारत की समुद्री क्रांति की ओर
Green Hydrogen जो कि भविष्य की ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। दुनिया भर में इसे clean fuel के रूप में विकसित किया जा रहा है, क्योंकि इसके इस्तेमाल होने से zero carbon emission होता है।
VOC Port पर शुरू किया गया यह pilot project भारत को green shipping technology की दिशा में आगे ले जाने के लिए बहुत उपयोगी है, और देश की maritime sector को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा। इस प्रोजेक्ट से जहाज़ों के लिए पर्यावरण-अनुकूल ईंधन तैयार करना ताकि समुद्री प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलती रहे।
आत्मनिर्भर भारत और वैश्विक लक्ष्य
मंत्री सोनोवाल ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि भारत का लक्ष्य सिर्फ समुद्री व्यापार को बढ़ाने के साथ green economy को मजबूत बनाना भी है। भारत की National Green Hydrogen Mission पहले ही लॉन्च कर दी गई है और VOC Port पर यह प्रोजेक्ट उसी दिशा में एक ठोस कदम की शुरुआत है।
उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने से पूर्व यानी 2047 तक Top 5 shipbuilding nations बनने का संकल्प लिया गया है। इससे रोजगार का नए अवसर पैदा होंगा और भारत global supply chain में भी एक मजबूत स्थिति को हासिल करेगा।
स्वतंत्रता सेनानी VO चिदंबरनार को श्रद्धांजलि
VOC Port का नाम महान स्वतंत्रता सेनानी वी. ओ. चिदंबरनार (V.O. Chidambaranar) के नाम पर रखा गया है, जिन्हें “Kappalottiya Tamilan” भी कहा जाता है। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ देश की समुद्री स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
154वीं जयंती के मौके पर मंत्री सोनोवाल ने उन्हें हृदय से नमन करते हुए कहा कि भारत की नई maritime policy उनके सपनों को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। VOC Port पर ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट का शुभारंभ होना ही उनके योगदान को सच्ची श्रद्धांजलि देने जैसा है।
भारत की शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री के लिए नया विज़न
भारत की शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री लंबे समय से विकास की राह पर थी। सरकार अब इसे global competitiveness की ओर ले जाने के लिए तेज़ी से काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत को दुनिया के Top 10 shipbuilding nations में जगह बनाना है तथा 2047 तक यह लक्ष्य और आगे बढ़कर Top 5 में शामिल होने का होगा।
सरकार ने ship repair hubs, green shipping corridors और port modernization जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम को शुरू कर दिया है। VOC Port पर ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट इस देश के विज़न को पूरा करने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया गया है।
ग्रीन फ्यूल से पर्यावरण को लाभ
समुद्री व्यापार में पारंपरिक ईंधन के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन लगातार बढ़ता जा रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन के प्रयोग किए जाने से जहाज़ों से होने वाले carbon emissions में बड़ी कमी आएगी। sustainable shipping को अधिक बढ़ावा मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को eco-friendly maritime power के रूप में नई पहचान मिलेगी। यह प्रोजेक्ट आने वाले वर्षों में VOC Port के साथ-साथ देश के अन्य बंदरगाहों के लिए भी एक राॅल मॉडल साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
VOC Port पर शुरू किया गया Green Hydrogen Pilot Project भारत की समुद्री शक्ति को नई दिशा देने वाला है। यह प्रोजेक्ट भारत को clean energy transition और sustainable maritime economy की ओर ले जाएगा।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा रखी गई दृष्टि के अनुसार, आने वाले दशकों में भारत दुनिया के प्रमुख shipbuilding nations में शामिल होगा और VO Chidambaranar की जयंती पर इस पहल का शुभारंभ होना देश की स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को सम्मानित करने का एक प्रतीक है।
भारत की यह पहल साबित करती है कि विकास और पर्यावरण संतुलन को साथ लेकर चलना ही अच्छी भविष्य के निर्माण की असली दिशा को निर्धारित करता है।
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