Site icon Satyavarta

भारत में Nursing Education के सुधार की गति तेज—नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में Competency Based Curriculum और Simulation Learning पर जोर

देश के हेल्थ सेक्टर को मजबूत करने के लिए Nursing Education और Workforce Reform अब राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में शामिल हो चुकी है। नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा WHO और Jhpiego के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय Experience Sharing Workshop के दूसरे दिन भारत में Nursing Ecosystem को आधुनिक, सशक्त और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने पर विस्तृत चर्चा की गई। आयोजित कार्यशाला में राज्यों, संस्थानों और विभिन्न स्वास्थ्य साझेदारों ने अपने-अपने नवाचार और Best Practices प्रस्तुत कर प्रत्यक्ष प्रमाण दिए।

भारत में Nursing Education के सुधार की गति तेज

Competency Based Curriculum की आवश्यकता पर हुई गहन चर्चा

कार्यशाला में विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि वर्तमान Nursing Education को 21वीं सदी की स्वास्थ्य ज़रूरतों के अनुसार पुनः डिज़ाइन करने की अत्यंत आवश्यकता है। Competency Based Curriculum एक ऐसा मॉडल है जिसमें छात्रों को सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान नहीं, बल्कि वास्तविक परिस्थितियों में काम करने के लिए आवश्यक कौशल, निर्णय क्षमता और क्लिनिकल दक्षता सिखाई जाती है।

प्रतिनिधियों का ऐसा मानना है कि हेल्थ केयर सेक्टर, चाहे वह Digital Health हो, Emergency Care हो या Chronic Disease Management हो, लगातार विकसित हो रहा है। ऐसे में नर्सिंग प्रोफेशनल्स को उस स्तर की योग्यता दी जानी चाहिए, जिससे वे आधुनिक अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य प्रणालियों की बढ़ती मांगों को आवश्यकता अनुसार पूरा कर सकें।

Simulation Based Learning से Nursing Education में आएगा बड़ा बदलाव

कार्यशाला का दूसरा प्रमुख फोकस था Simulation Based Learning, जिसे आज वैश्विक स्तर पर नर्सिंग और मेडिकल शिक्षा का सबसे प्रभावी प्रशिक्षण मॉडल माना जाता है। इसमें हाई फिडेलिटी मैनिकिन्स, वर्चुअल सिमुलेशन लैब्स, AR/VR Based Clinical Training जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

इसे नर्सिंग शिक्षा में शामिल करने से—

विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि यदि भारत इस मॉडल को राज्यों और संस्थानों में बड़े पैमाने पर लागू करता है, तो नर्सिंग Workforce की क्षमता कई गुना बढ़ाई जा सकती है।

राज्यों और संस्थानों ने साझा किए नवाचार—Nursing Education को मिली नई दिशा

इस राष्ट्रीय मंच ने भारत के राज्यों और प्रमुख नर्सिंग संस्थानों को एक ही छत के नीचे अपने काम और नवाचार साझा करने का महत्वपूर्ण अवसर दिया। कई राज्यों ने बताया कि कैसे मोबाइल आधारित प्रशिक्षण, डिजिटल मूल्यांकन (Digital Evaluation), Tele-Nursing समर्थन, और Community Linked Apprenticeship ने नर्सिंग शिक्षा को नई दिशा देने का काम किया है।

Jhpiego और WHO विशेषज्ञों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल रहे Nursing Workforce Models प्रस्तुत किए, जिनमें—

इन सभी विचारों का समावेश किया गया। इन पहलों का मुख्य उद्देश्य है कि नर्सिंग स्टाफ की कमी को दूर करना, उन्हें नेतृत्व क्षमता से लैस करना और भारत के हेल्थ सिस्टम को अत्यधिक सुदृढ़ बनाना।

भारत में Nursing Education के सुधार की गति तेज

Nursing Workforce Reform—भविष्य की सबसे आवश्यक स्वास्थ्य रणनीति

कार्यशाला में इस बात पर व्यापक सहमति बनी कि भारत को एक ऐसी नर्सिंग Workforce तैयार करने की आवश्यकता है जो Skilled, Tech Enabled, Patient Centric हो।

इसके लिए आवश्यक है कि हमारा प्रशिक्षण

इन सभी बिन्दुओं को संतुष्ट करता हो। प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि नर्सिंग क्षेत्र में शिक्षा और workforce reforms समय पर लागू किए गए, तो भारत निश्चित ही दुनिया के सबसे मजबूत हेल्थ केयर इकोसिस्टम में शामिल हो सकता है।

निष्कर्ष

नई दिल्ली में आयोजित यह तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला सिर्फ अनुभव साझा करने का मंच ही नहीं है, बल्कि भारत की Nursing Education और Workforce Reforms को एक नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक क्षण भी है। Competency based curriculum और simulation learning यह स्पष्ट करता है कि भारत अब Health for All को वास्तविकता बनाने के लिए वैज्ञानिक, तकनीकी और भविष्य उन्मुख नर्सिंग मॉडल अपनाने के लिए प्रयासरत है।

यदि राज्यों और संस्थानों के यह सामूहिक प्रयास जारी रहते हैं, तो भारत निश्चित ही अपनी नर्सिंग क्षमता को वैश्विक मानकों तक ले जाएगा और वैश्विक हेल्थ सेवा की गुणवत्ता को भी एक नए स्तर पर लाकर खड़ा कर देगा।

ऐसे ही और खबरों के लिए हमसे जुड़े रहें। धन्यवाद।

Exit mobile version