केरल पुलिस के Thunderbolt कमांडो ने BSF Karahalli campus में पूरा किया आठ सप्ताह का विशेष जंगल युद्ध प्रशिक्षण

भारत के सुरक्षा तंत्र में सीमा क्षेत्र के साथ आंतरिक सुरक्षा के लिए तैयार कमांडो बलों की भूमिका भी लगातार बढ़ती जा रही है। इसी दिशा में, केरल पुलिस के प्रतिष्ठित कमांडो विंग Kerala Thunderbolts (India Reserve Battalion) ने Border Security Force (BSF) के Karahalli campus में आठ सप्ताह का Specialised Commando Training (Jungle Warfare) सफलतापूर्वक पूरा किया। यह प्रशिक्षण अभियान उन्हें उन चुनौतियों के लिए तैयार करता है जिनका सामना आज तक सुरक्षा बल जंगलों, अस्थिर इलाकों और विशेष अभियानों में करते रहे हैं।

Thunderbolt कमांडो ने BSF Karahalli campus में पूरा किया आठ सप्ताह का विशेष जंगल युद्ध प्रशिक्षण
Thunderbolt कमांडो ने BSF Karahalli campus में पूरा किया आठ सप्ताह का विशेष जंगल युद्ध प्रशिक्षण

Karahalli campus में प्रशिक्षण का स्वरूप और उद्देश्य

इस आठ सप्ताह के ट्रेनिंग प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य Thunderbolt कमांडो को Jungle Warfare, Combat Firing, Endurance, Tracking और इन विशिष्ट अभियानों में उपयोगी अन्य कौशलों से लैस करना था। BSF Karahalli campus में आयोजित की गई इस कोर्स में कमांडो को विषम भू प्रकृति, घने वनों, दुर्गम इलाकों और संभावित छुपे खतरे वाले अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

इस तरह का प्रशिक्षण फायरिंग या लक्षित मिशनों तक सीमित न होकर इसमें कमांडो को टीम वर्क, समय संकट प्रबंधन, ट्रैकिंग सिग्नल विश्लेषण और खुद की मानसिक एवं शारीरिक सहनशक्ति (endurance) को बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। यह आधुनिक सुरक्षा परिस्थितियों में तेजी से सक्षम बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम साबित होने वाले प्रशिक्षणों में से एक है।

Thunderbolt कर्मियों की तैयारी और चुनौतियाँ

Thunderbolt कमांडो विगत कुछ वर्षों में नक्सल प्रवण व कठिन इलाकों में तैनात करने योग्य बनाए गए हैं, जिससे उनका गठन anti insurgency, jungle patrolling और high risk tactical operations के लिए किया गया था। इस प्रशिक्षण से यह स्पष्ट होता है कि केरल पुलिस और BSF को इस साझेदारी के माध्यम से उनके कमांडो बलों को और अत्यधिक सक्षम बनाने का अवसर मिल रहा है।

Karahalli campus में प्रशिक्षण का स्वरूप
Karahalli campus में प्रशिक्षण का स्वरूप

जंगल युद्ध की प्रशिक्षण में शामिल होने वाले कमांडो सैनिकों को अफ्रीका शैली के प्रशिक्षकों, छुपा खतरा मौडल्स, night operations और अत्याधुनिक कवच व उपकरणों के उपयोग की जानकारी दी गई है। यह तैयारियाँ विशेष रूप से उन अभियानों के लिए जरूरी हैं जहाँ पारंपरिक व्यवस्था काम नहीं करती, जैसे कि घने जंगल, पहाड़ी मार्ग, असम क्षेत्र या आतंक सक्रियता क्षेत्रों में।

प्रशिक्षण के परिणाम और प्रमाणपत्र वितरण

प्रशिक्षण के अंत में BSF Karahalli campus में एक समारोह आयोजित किया गया, जिसमें जिन कमांडो ने Endurance और Combat Firing में श्रेष्ठता साबित की थी, उन्हें Certificates of Excellence देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान पत्र उनकी तैयारी, समर्पण और प्रदर्शन का एक उचित प्रतिफल था। इस तरह के प्रमाणपत्र कमांडो मोराली को बढ़ाते हैं और उन्हें भविष्य मिशनों में नव उत्साह व जिम्मेदारी भाव से आगे बढ़ने का प्रोत्साहन देते हैं।

साथ ही इस तरह की ट्रेनिंग विंदु यह सुनिश्चित करती है कि कमांडो टुकड़ी को जंगल युद्ध, छुपा खतरा परिस्थिति और विशेष मिशन प्रस्तुतियों की तैयारी में वास्तविक समय अनुभव मिलता रहे। जब सुरक्षा बल ऐसे माहौल में परीक्षण से गुजरती है, तो अपराध तस्करी, उग्रवाद व अस्थिरता क्षेत्रों में उनका परिचालन बेहतर तरीके से हो पाता है।

रणनीतिक महत्व और आगे की दिशा

इस प्रशिक्षण पहल का सामरिक महत्व इसलिए भी है क्योंकि भारत आज के समय में विभिन्न इलाकों में बहुआयामी खतरे से जूझ रहा है, जैसे कि नक्सलवाद, जंगलों में छुपे अपराधी, अराजकता और प्राकृतिक अफ़रा तफ़री इत्यादि कारक सुरक्षा चैनलों को निरंतर प्रभावित कर रहे हैं। ऐसे में Thunderbolt कमांडो का बेहतर तैयार होना देश की आंतरिक सुरक्षा रणनीति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

Karahalli campus में प्रशिक्षण का स्वरूप
Karahalli campus में प्रशिक्षण का स्वरूप

BSF Karahalli campus में हुए इस मॉडल प्रशिक्षण से यह संदेश भी जाता है कि केंद्र व राज्य स्तर पर सुरक्षा संघों में capability building पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यदि इस तरह के प्रशिक्षण अधिक नियमित और विस्तारित रूप से हों, तो भविष्य में देश में special operations क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

निष्कर्ष

Thunderbolt कमांडो द्वारा Karahalli campus में पूरा किया गया यह आठ सप्ताह का Jungle Warfare प्रशिक्षण कार्यक्रम एक प्रशिक्षण मॉडल के साथ आज की बदलती सुरक्षा परिस्थितियों में सफलता प्रतिभा बनाने की दिशा में एक प्रतीक क्रम भी है। जब कमांडो तैयार होंगे, जब उन्हें वास्तविक मिशन अनुकूल अवस्थाओं में प्रशिक्षित किया जाएगा, तभी सुरक्षा बलों की क्षमता सचमुच बढ़ाई जा सकेगी।

इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया है कि जंगल युद्ध, कठोर प्रशिक्षण, लंबी सहनशक्ति और प्रभावी फायरिंग कौशल अब परंपरा के अलावा आधुनिक सुरक्षा अपेक्षाओं का हिस्सा भी हैं। इस प्रयास के साथ भारत का सुरक्षा ढांचा और अधिक सक्षम, लचीला और तैयार बन रहा है, और इस तैयारी से सिर्फ आज ही नहीं, बल्कि हमारा आने वाला कल भी सुरक्षित होगा।

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