Bihar Politics: Prashant Kishor का बड़ा बयान बिहार के Gen Z पर Rahul Gandhi का कोई प्रभाव नहीं

बिहार की राजनीति में बढ़ी बहस Rahul Gandhi बनाम Prashant Kishor बिहार की राजनीति में इन दिनों बयानबाजी का दौर तेज है।आगामी Bihar Assembly Elections को देखते हुए नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी लगातार जारी है। इसी बीच Jan Suraj Party के प्रमुख Prashant Kishor ने कांग्रेस नेता Rahul Gandhi को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। किशोर ने कहा कि “बिहार के Gen-Z यानी नई पीढ़ी के युवाओं पर Rahul Gandhi का कोई प्रभाव नहीं है।”

Gen Z पर Rahul Gandhi का कोई प्रभाव नहीं: Prashant Kishor
Gen Z पर Rahul Gandhi का कोई प्रभाव नहीं: Prashant Kishor

इस बयान के साथ ही बिहार की सियासत में नई हलचल मच गई है। Rahul Gandhi को लेकर अक्सर चर्चा होती है कि वे युवाओं में लोकप्रिय हो रहे हैं, लेकिन Prashant Kishor का यह बयान उस दावे को पूरी तरह से नकारता दिखा।

कौन हैं बिहार के Gen-Z मतदाता?

Gen-Z शब्द का मतलब है वह पीढ़ी जो साल 1997 के बाद जन्मी है और जो आज 18 से 28 वर्ष की आयु के बीच है। यानी ये वही मतदाता हैं जो पहली या दूसरी बार वोट डालने जा रहे हैं। ये युवा social media पर सक्रिय रहते हैं, नए मुद्दों पर खुलकर राय रखते हैं और पारंपरिक राजनीति की बजाय विकास और रोजगार पर ध्यान देते हैं।

Prashant Kishor का कहना है कि Rahul Gandhi की राजनीति और भाषण शैली इस नई पीढ़ी से जुड़ नहीं पा रही है। उनके अनुसार, बिहार के युवा अब “नई सोच और स्थानीय नेतृत्व” की तलाश में हैं।

Prashant Kishor ने क्या कहा?

Jan Suraj Party के प्रमुख Prashant Kishor ने रविवार को कहा —
“बिहार के Gen-Z पर Rahul Gandhi का कोई प्रभाव नहीं है। जो लोग यह दावा कर रहे हैं कि Rahul Gandhi युवाओं में लोकप्रिय हैं, वे वास्तविकता से दूर हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि बिहार में Rahul Gandhi की सीमित भागीदारी और सीमित समझ के कारण उनका असर केवल पार्टी के कुछ पुराने कार्यकर्ताओं तक ही सीमित है। किशोर के मुताबिक, Rahul Gandhi बिहार की जमीनी राजनीति को उतनी गहराई से नहीं समझते जितनी स्थानीय नेता समझते हैं।

Rahul Gandhi की सीमित भागीदारी पर सवाल

Prashant Kishor ने Rahul Gandhi की बिहार में सक्रियता को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बिहार जैसे राज्य में युवाओं और किसानों से जुड़े मुद्दों को समझने के लिए निरंतर संवाद की ज़रूरत है। Rahul Gandhi केवल चुनावी समय पर ही सक्रिय दिखते हैं, जबकि बाकी वक्त में कांग्रेस की संगठनात्मक पकड़ कमज़ोर बनी रहती है।

यह टिप्पणी इसलिए भी अहम है क्योंकि Rahul Gandhi ने Bharat Jodo Yatra और Bharat Nyay Yatra जैसे अभियानों से युवाओं से जुड़ने की कोशिश की थी। लेकिन Prashant Kishor का दावा है कि इन अभियानों का प्रभाव बिहार के युवाओं पर बहुत सीमित रहा है।

Rahul Gandhi पर यह बयान क्यों अहम है?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि Prashant Kishor का यह बयान सिर्फ एक टिप्पणी नहीं बल्कि Congress की रणनीति पर सीधा प्रहार है। किशोर खुद कभी Congress Party के साथ रणनीतिकार के रूप में काम कर चुके हैं, इसलिए उनकी बात को गंभीरता से लिया जा रहा है। किशोर ने अपने बयान में यह भी संकेत दिया कि बिहार की राजनीति अब “स्थानीय मुद्दों और नेतृत्व” पर केंद्रित हो रही है, न कि राष्ट्रीय नेताओं की लोकप्रियता पर। यानी अब युवा अपने राज्य के विकास, शिक्षा और रोजगार की दिशा में काम करने वाले नेताओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।

किशोर ने कहा कि “बिहार के Gen-Z यानी नई पीढ़ी के युवाओं पर Rahul Gandhi का कोई प्रभाव नहीं है
किशोर ने कहा कि “बिहार के Gen-Z यानी नई पीढ़ी के युवाओं पर Rahul Gandhi का कोई प्रभाव नहीं है

Congress Party बिहार में लंबे समय से हाशिए पर रही है। महागठबंधन में शामिल होने के बावजूद पार्टी का वोट शेयर सीमित रहा। हाल के वर्षों में RJD (Rashtriya Janata Dal) और JDU (Janata Dal United) के बीच ही मुख्य मुकाबला देखने को मिला है। Congress के लिए युवा मतदाताओं तक पहुंच बनाना चुनौती भरा काम साबित हो रहा है। Prashant Kishor के बयान के बाद यह सवाल और गहराता है कि क्या Rahul Gandhi बिहार में अपनी राजनीतिक पकड़ दोबारा बना पाएंगे?

Jan Suraj Party की राजनीति

Prashant Kishor की Jan Suraj Party बिहार में धीरे-धीरे अपनी पकड़ बनाने की कोशिश में है। किशोर का जोर “जन संवाद” और “ग्राम पंचायत स्तर पर संगठन” को मजबूत करने पर है। वे लगातार ग्रामीण इलाकों का दौरा कर रहे हैं और लोगों से सीधे संवाद कर रहे हैं। उनका यह बयान एक तरह से युवा मतदाताओं को यह संदेश भी देता है कि Jan Suraj Party “नई सोच” और “स्थानीय समाधान” की राजनीति करना चाहती है।

Prashant Kishor के इस बयान के बाद Social Media पर भी चर्चा तेज हो गई है। कुछ यूजर्स ने किशोर के बयान को सही बताया और कहा कि Rahul Gandhi को युवाओं से जुड़ने के लिए अपनी रणनीति बदलनी होगी। वहीं, Congress समर्थकों ने इसे एक “राजनीतिक बयान” बताया जो बिहार में Jan Suraj Party की चर्चा बढ़ाने के लिए दिया गया है।

निष्कर्ष

बिहार की राजनीति में यह बयान सिर्फ Rahul Gandhi के प्रभाव की बात नहीं करता, बल्कि यह भी दिखाता है कि Gen-Z मतदाता अब पारंपरिक राजनीति से हटकर सोच रहे हैं। Prashant Kishor का कहना हो या Congress का दावा असली परीक्षा तो आने वाले Bihar Assembly Elections में होगी जब यह तय होगा कि बिहार के युवा किसे अपना नेता मानते हैं।

ऐसे ही जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे, धन्यवाद।


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