INS Trikand Greece Visit 2025: भारत और ग्रीस के बीच पहला समुद्री अभ्यास।

भारतीय नौसेना की शक्ति और क्षमताओं की दुनिया भर में तारीफ हो रही है। इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण घटना सामने आई है। भारतीय नौसेना ने 13 सितंबर 2025 को स्टील्थ फ्रिगेट INS Trikand Greece Visit में सालामिस बे पहुंचाया। यह यात्रा बहुत खास मानी जा रही है क्योंकि इसके दौरान भारत और ग्रीस के बीच पहला समुद्री अभ्यास आयोजित किया जा रहा है। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच साझेदारी को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

INS Trikand Greece visit 2025
INS Trikand Greece visit 2025

INS Trikand का महत्व और भूमिका

INS Trikand भारतीय नौसेना का एक अत्याधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट जहाज है। इसे आधुनिक युद्ध तकनीकों और सुरक्षा प्रणालियों से लैस किया गया है, ताकि यह दुश्मनों के रडार में कम दिखाई दे। INS त्रिकंड समुद्री सुरक्षा, तट रक्षक अभियान, खोज और बचाव मिशन, और अन्य सैन्य अभियानों में अहम भूमिका निभाता है। इसकी प्रमुख भूमिका भारतीय समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा को बनाए रखना और अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों पर शांति कायम करना है।

Greece में समुद्री अभ्यास क्यों महत्वपूर्ण?

भारत और ग्रीस के बीच यह पहला द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच नौसैनिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इस अभ्यास का उद्देश्य केवल युद्धक क्षमता का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच तालमेल को बेहतर बनाना भी है ताकि भविष्य में कभी भी जरूरत पड़ने पर एक दूसरे की सहायता कर सके जिससे दोनों देशों को लाभ होगा।

यह अभ्यास दोनों देशों को एक-दूसरे के संचालन प्रणाली, रणनीति और तकनीकी कौशल को समझने का अवसर देगा। इससे भविष्य में संयुक्त अभियान चलाने में आसानी होगी। इसके अलावा, यह अभ्यास दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करेगा और क्षेत्रीय सुरक्षा पर साझा सोच को विकसित करेगा।

INS त्रिकंड का Mediterranean Deployment

INS त्रिकंड वर्तमान में भूमध्य सागर में तैनात है। इस तैनाती का उद्देश्य भारतीय नौसेना की वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना है। इस दौरान INS त्रिकंड ने कई देशों के साथ मिलकर समुद्री सुरक्षा और परस्पर सहयोग के लिए अभ्यास किए हैं। Greece में यह विशेष अभ्यास उन प्रयासों में से एक है, जिससे भारत अपनी कूटनीति को मज़बूत बना रहा है।

अभ्यास में क्या-क्या शामिल होगा?

इस समुद्री अभ्यास में दोनों देशों के जहाज एक-दूसरे के साथ मिलकर कई प्रकार की गतिविधियाँ करेंगे। इनमें शामिल हैं:

  • नौसेना युद्धक रणनीति की ट्रेनिंग।
  • समान संचालन पद्धति पर तालमेल बनाना।
  • संचार प्रणाली का परीक्षण।
  • सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन का अभ्यास।
  • जहाजों के बीच कनेक्टिविटी का अभ्यास।

इन गतिविधियों से दोनों देशों की नौसेनाएँ एक-दूसरे की तकनीक और कार्य प्रणाली को अच्छे से समझेंगी। इसका सीधा फायदा भविष्य में संयुक्त अभियान चलाने में मिलेगा।

भारत-ग्रीस राजनीतिक साझेदारी

भारत और ग्रीस के बीच पहले से ही आर्थिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंध अच्छे चल रहे हैं। अब यह समुद्री अभ्यास दोनों देशों के बीच राजनीतिक सहयोग का नया आयाम जोड़ रहा है। खासकर समकालीन वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में ऐसे अभ्यास देशों के बीच विश्वास और पारस्परिक समझ को और बढ़ाते हैं।

भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यूरोपीय क्षेत्र में अपनी समुद्री उपस्थिति को बढ़ाने का अवसर भी है। वहीं, ग्रीस के लिए भी यह एक अच्छा मौका है कि वे भारतीय नौसेना की ताकत और वैश्विक दृष्टिकोण को समझें।इस अभ्यास से निकले अनुभवों के आधार पर आगे भविष्य में और भी संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किए जा सकते हैं। इससे ना केवल सामरिक समझ बढ़ेगी, बल्कि द्विपक्षीय व्यापार, पर्यटन और अन्य सहयोग क्षेत्रों में भी मजबूती आएगी। इसके अलावा, यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता और शांति बनाए रखने में भी मददगार साबित होगा।

निष्कर्ष

INS Trikand का Greece के Salamis Bay में दौरा और भारत-ग्रीस का यह पहला द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास है। इससे दोनों देशों की नौसेना शक्ति के बीच तालमेल बढ़ेगा, सामरिक समझ विकसित होगी और वैश्विक समुद्री क्षेत्र में शांति व सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा एवं दोनों देशों को व्यापार करने में भी आसानी होगी। भारतीय नौसेना की यह कदम भारत की वैश्विक कूटनीति में एक नया मुकाम साबित होगी और जिससे दोनों देशों को फायदा होगा।

ऐसे ही जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे, धन्यवाद।


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