हाल ही में हुई भारी बारिश और लगातार हो रहे landslides ने Jammu Kashmir के Reasi district को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। स्थिति का जायज़ा लेने के लिए कल एक Inter-Ministerial Central Team ने जिले का दौरा किया और आपदा प्रबंधन से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुझाव को साझा किया। टीम ने खासतौर पर community-based disaster preparedness को मज़बूत करने और critical infrastructure की बहाली को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए लोगों को प्रेरित किया।

रियासी में भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही
पिछले कुछ दिनों से हो रही हुई मूसलाधार बारिश ने रियासी समेत कई इलाकों की road connectivity, बिजली आपूर्ति और पानी की व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। कई गाँवों तक पहुँचना भी मुश्किल हो चुका है और भूस्खलन के कारण लोगों को अपने घर छोड़ने पड़ रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य को शुरू कर दिया है, लेकिन infrastructural damage की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस टीम को मौके पर जाकर हालात का बारीकी से आकलन करने का आदेश दिया है।
Central Team की सिफारिशें
Reasi जिले का दौरा करने के बाद Inter-Ministerial Central Team ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में दो अहम बिंदुओं पर जोर दिया:
Community-Based Disaster Preparedness:
टीम का मानना है कि स्थानीय समुदाय को disaster management में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रशिक्षित और सक्षम बनाने की आवश्यकता है। इससे किसी भी आपदा की स्थिति में लोगों द्वारा त्वरित प्रतिक्रिया दी जाएगी और जान-माल की क्षति में कमी आएगी।

Restoration of Critical Infrastructure:
बारिश और भूस्खलन से सबसे अत्यधिक नुकसान roads, bridges और बिजली आपूर्ति में देखा गया है। टीम ने साफ कहा कि इन critical sectors में बहाली को तुरंत प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि आम जनता की ज़िंदगी जल्द से जल्द सामान्य हो सके और राहत कार्य भी तेजी से लोगों तक पहुँच पाए।
आपदा प्रबंधन के लिए सामुदायिक भागीदारी पर ज़ोर
विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि जम्मू-कश्मीर जैसे भौगोलिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में disaster resilience केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि सामुदायिक सहयोग से ही संभव हो पाएगा।
स्थानीय लोगों को early warning systems के उपयोग, आपातकालीन हालात में evacuation प्रक्रिया, और प्राथमिक उपचार (first aid) के प्रशिक्षण की जानकारी दी जानी चाहिए। यह ठोस कदम उठाने से किसी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष
Jammu Kashmir के रियासी जिले में हुई तबाही यह स्पष्ट संकेत है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए sustainable infrastructure और community engagement दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण है।
केंद्र सरकार की टीम द्वारा की गई सिफारिश इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है। अगर ये सुझाव समय पर लागू होते हैं, तो रियासी के साथ-साथ पूरे जम्मू-कश्मीर में disaster preparedness का स्तर बेहतर होगा और लोगों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने में आसानी होगी।
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