छठवें National Water Awards में महाराष्ट्र को शीर्ष स्थान, गुजरात और हरियाणा ने दर्ज की बड़ी उपलब्धि

भारत मे water resource management की दिशा में संघर्ष और नवाचार को पहचान देते हुए, अब केंद्रीय सरकार ने 6th National Water Awards (2024) के विजेताओं की घोषणा कर दी है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह की शुरुआत 2018 में की गई थी। अब यह भारत के भविष्य Jal Samridh Bharat की दिशा के लिए एक प्रेरक संकेत बन गया है। इस वर्ष Best State की श्रेणी में पहला स्थान Maharashtra को दिया गया है, दूसरा स्थान Gujarat को तथा तीसरा स्थान Haryana को मिला है। राष्ट्रपति Draupadi Murmu के नेतृत्व में 18 नवंबर 2025 को पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया जाएगा।

छठे National Water Awards की घोषणा

National Water Awards चयन प्रक्रिया और पुरस्कार की रूपरेखा

इस साल के National Water Awards में कुल 10 श्रेणियों में विजेताओं को चुना गया है, जिनमें Best State, Best District, Best Village Panchayat, Best Urban Local Body, Best School/College, Best Industry, Best Water User Association, Best Institution (other than school/college), Best Civil Society एवं Best Individual शामिल हैं। इस वर्ष 2024 के लिए कुल 751 आवेदन प्राप्त हुए थे।

इनकी जांच पड़ताल Jury Committee ने की, एवं shortlisted प्रोजेक्ट्स की ground truthing Central Water Commission (CWC) तथा Central Ground Water Board (CGWB) द्वारा किया गया। इस तरह चयन प्रणाली में पारदर्शिता मानक स्थापित किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि पुरस्कार घोषणात्मक न होकर वास्तविक क्षेत्रीय प्रभाव (on ground impact) के आधार पर प्रदान किया जाए।

राज्यों की उपलब्धि एवं विविधता में उदाहरण

महाराष्ट्र ने Best State श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त कर यह संकेत दिया है कि उनके द्वारा जल संरक्षण, बहुविध जल प्रबंधन (multi dimension water management) एवं जन भागीदारी (public participation) में दमदार काम किया गया है।

गुजरात दूसरे स्थान पर रहा, जहाँ राज्य स्तर पर जल सिंचित कृषि (irrigated agriculture), पारदर्शी जमीन जल रिकॉर्डिंग (groundwater record) व स्मार्ट निगरानी उपकरण (smart monitoring tools) जैसे प्रयास सामने लाए गए हैं।

छठे National Water Awards की घोषणा
छठे National Water Awards की घोषणा

हरियाणा ने तीसरा स्थान प्राप्त कर दिखाया कि उत्तरी भारत में भी जल संकट प्रबंधन एवं स्थानीय नवाचार (local innovation) संभव है। इन राज्यों की सफलता सिर्फ राज्य सतर फलक पर नहीं है, बल्कि भारत के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जल संकट से निपटने की निरंतर चुनौती को प्रदर्शित कर रही है।

प्रेरणा कारक पहल और आगे की दिशा

इन पुरस्कारों का एक प्रमुख उद्देश्य है नागरिकों संस्थाओं को प्रेरित करना है कि वे जल उपयोग (water use) के सर्वोत्तम अभ्यास (best practices) को अपने नीजि जीवन में अपनाएँ तथा जल संपत्ति (water asset) को सुरक्षित एवं उत्पादक (productive) बनाएं। उदाहरण के तौर पर, जलीय जीव (water bodies) को रिकॉर्ड में शामिल करना, rooftop rainwater harvesting का विस्तार, माइक्रो इर्रिगेशन (micro-irrigation) का प्रसार आदि ऐसे पहल हैं जिनको अपनाकर इन पुरस्कारों के दिशा निर्देशों में एक महत्वपूर्ण स्थान को प्राप्त किया जा सकता है।

आने वाले समय में इन पुरस्कार निर्धारकों ने संकेत दिया है कि राज्यों और इकाइयों को जल प्रबंधन तथा नवाचार मॉडल में प्रतिस्पर्धा के रूप में आगे आना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय लक्ष्य जैसे कि Jal Samridh Bharat को व्यवहार स्तर पर साकार किया जा सके।

National Water Awards के प्रभाव और संदेश

जल प्रबंधन किसी इंजीनियरिंग का प्रश्न नहीं है, आज यह सामाजिक सहभागिता, डेटा आधारित निगरानी (data driven monitoring), एवं स्थान विशिष्ट रणनीतियों (location specific strategies) का समन्वय बन चुका है। इन पुरस्कारों से यह संदेश भेजा गया है कि जल स्थिरता (water sustainability) के लिए राज्य नीति, लोक भागीदारी व तकनीकी समर्थन ही एक दूसरे के पूरक हैं।

इन परिस्थितियों में राज्य सफलता को मॉडल के रूप में देखा जा सकता है, जहाँ जीवन चक्र (life cycle) के विभिन्न भाग जैसे वर्षा जल संचयन, भूमिगत जल पुनर्भरण (groundwater recharge), स्मार्ट मैपिंग व जागरूकता प्रकाशन (awareness campaigns) को सम्मिलित किया गया है।

इसके अलावा राज्य प्राप्ति (state achievement) सिर्फ एक पुरस्कार घोषणा नहीं बल्कि अगले वर्षों में अधिक से अधिक संस्थाओं, सामाजिक संगठनों व समुदायों को यह प्रेरणा देती है कि जल-सुरक्षा (water security) की दिशा में सक्रिय भागीदारी करें और परिणाम परक कदम उठाएँ।

निष्कर्ष

छठे National Water Awards की घोषणा एक प्रकार से भारत के जल प्रबंधन के बढ़ते मान दंडों (rising benchmarks) की दिशा में एक सफल कदम है। जब महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्य जल संकट, संसाधन प्रबंधन व नवाचार खातिर पुरस्कार का शीर्ष स्थान हासिल करते हैं, तो यह पुरस्कृत कार्य सिर्फ राज्यों तक सीमित नहीं रह जाता, बल्कि यह पुरस्कार देश‌भर में inspirational ecosystem बनाता है।

राष्ट्रपति द्वारा 18 नवंबर 2025 को पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया जाना इस दिशा में इस बात का प्रतिफल है कि water development वर्तमान राष्ट्रीय एजेंडा का अभिन्न हिस्सा है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अब जल सुरक्षा सिर्फ एक योजना शब्द न होकर व्यवहार परक जिम्मेदारी बन चुकी है, और इन पुरस्कारों ने उसे और बढ़ावा देने का काम किया है।

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