PM Narendra Modi की मॉरिशस के PM डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम से वाराणसी में भव्य मुलाकात।

भारत का धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र, वाराणसी में PM Narendra Modi ने मॉरिशस के PM डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम से भव्य और औपचारिक मुलाकात की। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच स्थायी संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ विकास, व्यापार, और सांस्कृतिक सहयोग को भी बढ़ावा देने का संदेश बनकर उभरी। आइए विस्तार से जानते हैं इस महत्वपूर्ण बैठक के सभी पहलू।

PM Narendra Modi meeting with Morisos PM
PM Narendra Modi meeting with Morisos PM

मुलाकात कहाँ और कैसे हुई

मॉरिशियस के पीएम नवीनचंद्र रामगुलाम अपने भारत दौरे पर पीएम मोदी से मिले जहां उन्हें काशी जैसे खूबसूरत और ऐतिहासिक शहर में ठहराया गया है। एक ऐसी जगह जिसका वर्णन आप शब्दों में जितना कर लें उतना कम है। वाराणसी को बनारस और काशी भी कहते हैं, जो दुनिया के सबसे पुराने बसे हुए शहरों में से एक है, जिसे भारत की धार्मिक राजधानी भी कहते हैं।

बनारस पवित्र गंगा नदी के किनारे बसा है और हिंदू धर्म का प्रमुख केंद्र है। इसे “सिटी ऑफ लाइट्स” भी कहते हैं, जहां प्राचीन और आधुनिक संस्कृति का सुंदर मेल देखने को मिलता है। इस जगह का आध्यात्मिक और पवित्र माहौल यहां आने वाले हर इंसान को भावुक कर देता है, लेकिन साथ में पुराने शहर की खूबसूरती से भी मंत्रमुग्ध भी कर देता है। अपने सदियों पुराने मंदिर, घाट, गंगा आरती और स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड के लिए मशहूर वाराणसी की छोटी-छोटी रस्में और परम्पराएं इंसान को कई चीजों को करीब ले जाती हैं। कहते हैं ये शहर इतिहास से भी अधिक पुराना है।

जब-जब आप वाराणसी का नाम सुनते होंगे तो दिमाग में घाट, मंदिर, पूजा-पाठ, भीड़ और रेशमी साड़ियां आती हैं। लेकिन यह पवित्र शहर सिर्फ घाटों तक ही सीमित नहीं है। यहां लोग अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए मनोकामना मांगते हैं। वहीं यहां आने वाले लोग जलती चिताओं और अंतिम संस्कार को देखकर जीवन का असली अर्थ समझते हैं। गंगा नदी के शोर से लेकर मंदिरों की घंटियों और घाटों पर चलने वाले कर्मकांड तक, वाराणसी जैसा दूसरा कोई स्थान आपको कहीं नहीं मिलेगा।

यह मुलाकात विशेष तौर पर आयोजित समारोह के तहत हुई, जिसमें दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी, विदेशी प्रतिनिधिमंडल और स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. रामगुलाम का पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाजों के तहत स्वागत किया।

स्वागत समारोह में उन्हें तिलक लगाया गया और फूलों की माला पहनाई गई।दोनों नेताओं ने वाराणसी की ऐतिहासिक विरासत और धार्मिक महत्व की भी सराहना की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरिशस प्रधानमंत्री को विशेष रूप से बनाए गए गंगा घाट और मंदिरों का भ्रमण भी कराया, जिससे डॉ. रामगुलाम बहुत प्रभावित हुए। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने दोनों देशों के बीच आर्थिक, व्यापारिक, और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा की।

स्वागत का विशेष महत्व

यह मुलाकात केवल एक औपचारिक राजनीतिक बैठक नहीं थी, बल्कि यह दोनों देशों के गहरे और ऐतिहासिक संबंधों की पुष्टि थी। वाराणसी में आयोजित इस कार्यक्रम ने भारत और मॉरिशस के रिश्तों को नई ऊँचाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. रामगुलाम के साथ इस वार्ता को बेहद सकारात्मक और भविष्य की दिशा में सहायक बताया। दोनों नेताओं ने मिलकर आगे आने वाले समय में संयुक्त परियोजनाओं पर भी काम करने की योजना बनाई।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरिशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम की यह भव्य मुलाकात न केवल एक राजनीतिक सफलता रही, बल्कि यह भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को भी बढ़ावा देने वाला कदम साबित होगी।

वाराणसी की पावन भूमि पर यह मुलाकात दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग, व्यापारिक साझेदारी और सांस्कृतिक समझ को और बढ़ावा देगी।

आने वाले समय में इस मुलाकात के प्रभाव दोनों देशों के विकास, सामाजिक समरसता, और वैश्विक मंच पर स्थिर सहयोग के रूप में देखने को मिलेंगे।

ऐसे ही जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे, धन्यवाद।


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