Rabi Abhiyan 2025: देश में अनाज, फल और सब्जियों की कोई कमी नहीं आने देंगे, कृषि मंत्री का वादा

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन के तहत ‘Rabi Abhiyan 2025’ का शुभारंभ किया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देशभर के किसानों को आधुनिक तकनीक, गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक, और वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से रबी फसलों की खेती को अधिक सरल बनाना है।

National Agriculture Conference – Rabi Abhiyan 2025
National Agriculture Conference – Rabi Abhiyan 2025

कृषि मंत्री ने पूरे देश के अच्छे कृषि अधिकारियों से बातचीत करते हुए किसानों की समृद्धि, खाद्य सुरक्षा, और उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि देश में कभी भी अन्न, फल, और सब्जियों की कमी नहीं आने दी जाएगी। भारत को विश्व का खाद्य भंडार बनाने के संकल्प के साथ यह अभियान संचालित किया जा रहा है।

रबी अभियान 2025 का महत्व

रबी फसलें जैसे गेहूं, जौ, चना, मटर, सरसों आदि भारतीय कृषि की रीढ़ मानी जाती हैं। देश में हर साल रबी समय पर करोड़ों हेक्टेयर में इन फसलों की बुवाई होती है। इस बार रबी अभियान 2025 में सरकार ने किसानों को नई वैज्ञानिक खेती पद्धति से अवगत कराने पर विशेष जोर दिया है।

National Agriculture Conference – Rabi Abhiyan 2025
National Agriculture Conference – Rabi Abhiyan 2025

इस अभियान के माध्यम से किसानों को गुणवत्ता वाले बीज, जैव उर्वरक, और उन्नत सिंचाई तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी। किसानों को डिजिटल एग्रीकल्चर प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा, जिससे वे मौसम संबंधी अपडेट, कृषि तकनीक, बीज व उर्वरक संबंधी सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

नकली उर्वरक, बीज व कीटनाशक पर सख्त कार्रवाई

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह स्पष्ट किया कि नकली उर्वरक, घटिया गुणवत्ता वाले बीज और कीटनाशकों के व्यापार पर अब कड़ा रुख अपनाया जाएगा। केवल वे बायो-स्टिमुलेंट्स और उर्वरक ही बेच पाएंगे।

इस दिशा में सरकार ने सख्त निगरानी तंत्र बनाया है ताकि किसानों को सिर्फ प्रमाणित व सुरक्षित उत्पाद ही मिलें। नकली उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम देश के किसानों को सुरक्षित कृषि सामग्री उपलब्ध कराने और उनकी उपज बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगा। नकली खाद एवं उर्वरक से खेती में बहुत नुकसान होती थी जिससे फसलों की उपज कम होती थी, जो कि किसानों के लिए चिंता का विषय है। पर अब इन पर सुधार होगा।

कृषि में डिजिटल क्रांति का महत्व

रबी अभियान 2025 के अंतर्गत किसानों को डिजिटल तकनीक से जोड़ने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिसके माध्यम से कृषि से संबंधित परेशान का हल किया जाएगा। इस चीज से किसानों को खेती करने में मदद मिलेगी। कृषि मंत्री ने यह बताया कि सरकार ने कृषि मोबाइल एप्लिकेशन, ऑनलाइन पोर्टल, और SMS आधारित सेवा से किसानों को खेती की वैज्ञानिक जानकारी, मौसम पूर्वानुमान, बीज व उर्वरक की जानकारी उपलब्ध कराई है।

इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और बीमा योजनाओं से जुड़े फायदे भी विस्तार से समझाए जा रहे हैं। यह सब चीजें किसानों को मजबूत बनाएंगी और उन्हें बेहतर खेती करने में सहायता करेंगी।

भारत का लक्ष्य

कृषि मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत को विश्व का खाद्य भंडार बनाना केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक संकल्प है। इसके लिए रबी अभियान 2025 में सरकार किसानों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम, जागरूकता अभियान और अनुसंधान आधारित कृषि उपाय भी लागू कर रही है।

इस अभियान के माध्यम से फसल उत्पादन में गुणवत्ता और मात्रा दोनों को बढ़ाकर आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार किया जाएगा। भारत में फसल उपज की वृद्धि न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाकर देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगी।

किसानों के लिए लाभ और आगे की राह

रबी अभियान 2025 के तहत किसानों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिलेगा। उन्हें कृषि उपकरण, सब्सिडी, उन्नत बीज वितरण, कृषि सलाह, और फसल बीमा योजनाओं की सुविधा दी जाएगी।

कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि अभियान में शामिल हर कदम किसानों की आर्थिक समृद्धि को ध्यान में रखते हुए उठाया जा रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़कर किसान आसानी से अपने खेत की जानकारी अपलोड कर सकते हैं, और कृषि वैज्ञानिकों से सीधे बातचीत करके अपने परेशानी को दूर कर सकते है।

इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालय, राज्य सरकारें, और कृषि शोध संस्थान मिलकर किसानों के लिए रबी अभियान को सफल बनाएंगे। इससे न केवल उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीक में भी सुधार होगा।

निष्कर्ष:
‘रबी अभियान 2025’ देश के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान से किसानों को बेहतर तकनीक, गुणवत्तापूर्ण बीज, जैव उर्वरक, वैज्ञानिक सलाह, और डिजिटल सशक्तिकरण का लाभ मिलेगा।

केंद्र सरकार के इस प्रयास से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा और निर्यात संभावनाएँ भी बढ़ेंगी। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में यह अभियान किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और देश को विश्व का खाद्य भंडार बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

ऐसे ही जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे, धन्यवाद।


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