भारत के पूर्वोत्तर राज्य Sikkim का गौरव Khangchendzonga National Park एक बार फिर वैश्विक स्तर पर सुर्खियों में है। International Union for Conservation of Nature (IUCN) की नवीनतम “World Heritage Outlook Report 2025” में इस पार्क को “Good” रेटिंग दी गई है। यह सम्मान पाने वाला भारत का एकमात्र प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल है।

यह रेटिंग इस बात का प्रमाण है कि भारत ने पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता बचाने और पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने में अच्छे काम किया है।
कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान, भारत का प्राकृतिक खजाना
Khangchendzonga National Park, सिक्किम राज्य के उत्तर भाग में स्थित है। यह उद्यान 1784 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे 2016 में UNESCO World Heritage Site के रूप में मान्यता दी गई थी।
यहां का नाम दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंघा पर्वत (Mt. Khangchendzonga, 8,586 मीटर) से लिया गया है। यह स्थान न सिर्फ भौगोलिक दृष्टि से अद्भुत है, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
जैव विविधता और दुर्लभ प्रजातियों का घर
इस पार्क में रेड पांडा, स्नो लेपर्ड, हिमालयन ब्लू शीप, हिमालयन थार, मस्क डियर और भारतीय ब्लैक बेयर जैसी गायब हो रहे प्रजातियां पाई जाती हैं और यहां पर इन प्राणियों का विशेष ध्यान रखा जाता है।

यहां की वनस्पति में अल्पाइन घासभूमि, बर्फ से ढके ग्लेशियर, और घने समशीतोष्ण वन शामिल हैं। IUCN की रिपोर्ट के अनुसार, इस पार्क में प्राकृतिक पारिस्थितिक प्रक्रियाएं अत्यंत स्वस्थ हैं और मानव हस्तक्षेप बहुत कम है, यही वजह है कि इसे “Good” रेटिंग दी गई है।
IUCN की ‘Good’ रेटिंग का क्या मतलब है?
IUCN (International Union for Conservation of Nature) हर कुछ वर्षों में दुनिया भर के World Heritage Sites की स्थिति का मूल्यांकन करती है। इस रेटिंग के चार स्तर होते हैं —
- Good (अच्छा)
- Good with Some Concerns (कुछ चिंताओं के साथ अच्छा)
- Significant Concern (गंभीर चिंता)
- Critical (गंभीर स्थिति)
कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान को “Good” श्रेणी में रखा गया है, जिसका अर्थ है कि उद्यान में प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण प्रभावी ढंग से हो रहा है। जैव विविधता और पारिस्थितिकी संरचना सुरक्षित है और प्रबंधन प्रणाली अत्यधिक मजबूत है।
यह पार्क न केवल जैव विविधता के लिए बल्कि स्थानीय लोगों की आध्यात्मिक आस्था का केंद्र भी है। सिक्किम के लोग कंचनजंघा पर्वत को देवता स्वरूप मानते हैं और यहां कई बौद्ध मठों का अस्तित्व प्रकृति के साथ गहरे तालमेल को दर्शाता है।
IUCN रेटिंग से मिलने वाला संदेश
यह रिपोर्ट भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है। जो यह दर्शाती है कि देश में पर्यावरण संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन और वन्यजीव सुरक्षा को लेकर नीतियाँ सही दिशा में हैं। साथ ही, अन्य राज्यों को भी इस मॉडल से सीख लेकर अपने संरक्षण कार्यक्रमों को मजबूत करने की प्रेरणा मिल सकती है।

निष्कर्ष
Khangchendzonga National Park की “Good” रेटिंग सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि एक संदेश है कि जब प्रकृति और मानव के बीच संतुलन कायम रखा जाता है, तो धरती भी मुस्कुराती है। भारत के लिए यह गर्व का क्षण है, और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा कि संरक्षण ही विकास का असली मार्ग है।
ऐसी ही जानकारी के लिए साथ जुड़े है, धन्यवाद!
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2 thoughts on “Sikkim के Khangchendzonga National Park ने किया कमाल! IUCN की रिपोर्ट में ‘Good’ रेटिंग पाने वाला अकेला भारतीय पार्क”