नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आज आयोजित की गई डायमंड जयंती समारोह में Indian Telecommunications Service (ITS) के 60 साल पूरे होने पर भारत की दूरसंचार सेवा के विकास आधारों और भविष्य दृष्टि पर गहरी चर्चा की गई। समारोह के मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति C. P. Radhakrishnan ने बताया कि जब कभी भारत में टेलिफोन कनेक्शन विशेषाधिकार हुआ करता था, आज डिजिटल सशक्तिकरण हर भारतीय तक पहुँचने का माध्यम बन चुका है।

ITS का 60वाँ वर्ष मील पत्थर और दूरसंचार यात्रा
ITS की स्थापना 1965 में हुई थी, जिससे भारत में दूरसंचार विकास (telecom development) के लिए एक तकनीकी प्रशासनिक सेवा गठित हुई। उपराष्ट्रपति ने समारोह में कहा कि तब टेलीफोन कनेक्शन एक प्रतीक हुआ करता था, लेकिन आज के नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर में, 5G व आगे 6G की ओर भारत ने अपने मजबूत कदम बढ़ा दिए हैं।
उनका यह वक्तव्य इस अर्थ में महत्वपूर्ण है कि दूरसंचार केवल नेटवर्क तक ही नहीं बल्कि डिजिटल संवाद, सामाजिक आर्थिक समावेशन (digital inclusion) और शासन रूपांतरण (governance transformation) का भी केंद्र बन चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री Narendra Modi के नेतृत्व में भारत का telecom सेक्टर अभूतपूर्व परिवर्तन देख रहा है, जिसमें Infrastructure, Innovation और Digital Inclusion प्रमुख स्थान देखा जा रहा है।
डिजिटल समावेशिता और सेवा भावना का समन्वय
उपरोक्त समारोह में यह विशेष रूप से उजागर हुआ कि दूरसंचार सेवाओं के विस्तार के साथ सेवा भावना (sense of service) की भूमिका भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। Radhakrishnan ने ITS अफसरों की भूमिका को जन सेवा के प्रतिरूप के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि “service spirit of ITS officers remains central to this progress.”

आज भारत में नेटवर्क रोल आउट, ग्रामीण कनेक्टिविटी (rural connectivity) और डिजिटल सेवाओं की पहुंच में तेजी आ गई है। इसके पीछे ITS सीवक मंच ने नीतियों विनियमन, नेटवर्क निर्माण और मानव संसाधन प्रबंधन जैसे आयामों को नियंत्रित किया है। इस तरह, आज जो नेटवर्क हम इस्तेमाल कर रहे हैं, उसकी नींव 60 साल पहले ही रख दी गई थी।
6G युग और वैश्विक डिजिटल नेतृत्व की दिशा
उपराष्ट्रपति ने समारोह में यह भी कहा कि जैसे जैसे भारत 6G युग में प्रवेश कर रहा है, भारत के नेटवर्क हर नागरिक को सशक्त, समावेशी एवं आपस में जुड़ा हुआ बनाएँगे। उन्होंने India’s rise as a global digital leader को dignity, trust और progress की जड़ों से जोड़ने की बात कही।
यह दृष्टि महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज भारत सिर्फ उपभोक्ता रूप में नहीं बल्कि नेटवर्क निर्माता और निर्यातकर्ता की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। 6G तकनीक, Open RAN मॉडल, सैटेलाइट इंटरनेट जैसी प्रौद्योगिकियाँ इस बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण संकेत हैं। इसलिए ITS की भूमिका अब सिर्फ प्रशासन सेवा तक सीमित नहीं बल्कि रणनीतिक टेक लीडरशिप की तरफ मुड़ रही है।
समारोह में मौजूद प्रमुख हस्तियाँ और संदेश
इस समारोह में केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर विकास मंत्री Jyotiraditya M. Scindia, संचार राज्यमंत्री Dr. Chandra Sekhar Pemmasani, दूरसंचार विभाग (DoT) के सचिव एवं डिजिटल कम्युनिकेशंस कमीशन के अध्यक्ष Dr. Neeraj Mittal सहित ITS के अधिकारी भी उपस्थित थे। इस बात से यह संकेत मिलता है कि दूरसंचार नीति और डिजिटल रणनीति का मसला सिर्फ तकनीकी नहीं बल्कि उच्च स्तरीय राजनीतिक व प्रशासनिक स्तर पर निश्चित ही सामरिक दृष्टि से देखा जा रहा है।

निष्कर्ष
60 साल की दूरसंचार यात्रा का आज का यह समारोह सिर्फ ITS की उपलब्धियों का उत्सव नहीं बल्कि भारत के डिजिटल भविष्य दृष्टि का प्रतीक भी है। जब उपराष्ट्रपति ने कहा कि technology exemplifies how digital empowerment transforms lives and governance for every Indian, leaving no one behind, तो यह सिर्फ एक बयान नहीं बल्कि भारत की नीति दृष्टि की झलक थी।
अब समय है कि न केवल नेटवर्क रोल आउट हो बल्कि नेटवर्क उपयोग से राष्ट्र निर्माण की नींव को मजबूती प्राप्त हो। 6G युग, डिजिटल अवसंरचना और वैश्विक लीडरशिप की दिशा में भारत के कदम तेज हैं, और ITS की यह 60 साल की विरासत उस परिवर्तन यात्रा की शुरुआती कहानी कहती है।
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1 thought on “भारत के डिजिटल संचार में 60 साल का सफर: उपराष्ट्रपति C. P. Radhakrishnan ने ITS के डायमंड जयंती समारोह में दिखाई भविष्य दृष्टि”