भारत में तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी गहरी छाप छोड़ते हुए IIT Roorkee ने एक बार फिर देश के वैज्ञानिक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री Dr. Jitendra Singh ने हाल ही में IIT Roorkee के दीक्षांत समारोह में इसे एक आदर्श संस्थान के रूप में सम्मानित किया। उन्होंने इस ऐतिहासिक संस्थान को अनुसंधान, नवाचार और सामाजिक सहभागिता का श्रेष्ठ उदाहरण बताया।

IIT Roorkee का गौरवमय इतिहास
IIT Roorkee की स्थापना सन 1847 में हुई थी, जब यह एशिया का पहला Engineering College बना। उस समय इसे Thomason College of Civil Engineering (IIT Roorkee) कहा जाता था। स्वतंत्र भारत बनने के बाद, 2001 में इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) का दर्जा प्रदान किया गया। तब से IIT Roorkee ने भारत में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में काफी अच्छी भूमिका निभाई है। देश-विदेश के छात्रों को Modern Engineering, Science और Technology के क्षेत्र में Cutting-edge Research उपलब्ध कराई जाती है।
अनुसंधान और नवाचार में भूमिका
Dr. Jitendra Singh ने अपने भाषण में IIT Roorkee के Research-oriented माहौल की विशेष रूप से तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह संस्थान केवल Classrooms तक सीमित नहीं है, बल्कि Artificial Intelligence (AI), Robotics, Renewable Energy, Infrastructure Development, Water Management, और Environmental Engineering जैसे Critical क्षेत्रों में देश की प्रगति में योगदान दे रहा है।
IIT Roorkee के विभिन्न Departments से Patents और Research Papers नियमित रूप से National और International Journals में प्रकाशित होते हैं। Government of India और Global Industries के साथ मिलकर Institute-industry Collaboration से Practical Solutions तैयार किए जा रहे हैं। इस पहल से भारतीय Industry को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण मदद मिल रही है।
सामाजिक विकास के क्षेत्र में भी योगदान
Dr. Jitendra Singh ने विशेष रूप से IIT Roorkee की Social Responsibility Projects पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि Sustainable Development Goals (SDGs) को ध्यान में रखते हुए संस्थान ने ग्रामीण और शहरी भारत में Low-Cost Technology Solutions तैयार किए हैं।
IIT Roorkee के Students और Faculty मिलकर Affordable Water Purification Systems, Solar-powered Irrigation Systems, और Renewable Energy-based Rural Electrification Solutions जैसे प्रोजेक्ट्स पर कार्यरत हैं। इसके माध्यम से कई गाँवों के किसानों और ग्रामीण नागरिकों को Self-sustainable Technology Solutions प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है।
देश का विकास
Dr. Jitendra Singh ने यह भी कहा कि IIT Roorkee का लक्ष्य केवल शिक्षा देना नहीं है, बल्कि इसे देश के National Development Goals के साथ जोड़कर Research and Innovation Hub बनाना है। उन्होंने Government of India की तरफ से Science & Technology Sector में Research Grants, Infrastructure Investment और International Collaboration को और तेज़ करने का भरोसा भी दिया।
IIT Roorkee की यह पहल देश को एक Scientific Superpower बनाने में भी सहायक होगी। भविष्य में भी यह संस्थान Cutting-edge Technologies जैसे Quantum Computing, Space Technology, Advanced Robotics आदि में Research को बढ़ावा देगा।
निष्कर्ष
1847 में स्थापित IIT Roorkee, न केवल भारत का पहला Engineering College रहा है, बल्कि यह Research, Innovation और Social Responsibility का आदर्श उदाहरण भी बन चुका है। Dr. Jitendra Singh के द्वारा इसे मिले सम्मान ने इस बात को और स्पष्ट कर दिया कि IIT Roorkee भारतीय Scientific and Technological Growth में हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।
आज की युवा पीढ़ी के लिए यह एक प्रेरणा है कि तकनीकी शिक्षा का लक्ष्य केवल व्यक्तिगत उन्नति नहीं, बल्कि देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान देना भी होना चाहिए।
ऐसी जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे। धन्यवाद!
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