भारत न्यूज़ीलैंड कृषि और व्यापार सहयोग में नई गति — Piyush Goyal ने Te Puke की kiwifruit बगिया में साझा सीख का संदेश दिया

भारत के Piyush Goyal ने न्यूज़ीलैंड के Te Puke Bay of Plenty क्षेत्र की kiwifruit बगिया का दौरा करते हुए कहा कि आज कृषि-व्यापार का भविष्य उत्पादकता, sustainability, innovation और गुणवत्ता के आधार पर बन रहा है। इस दौरान उन्होंने अपने न्यूज़ीलैंड समकक्ष Todd McClay के साथ मिलकर ऐसे अनुभव साझा किए जो दोनों राष्ट्रों के लिए कृषि-व्यापार को नई ऊँचाई देने का काम करेंगे।

Piyush Goyal ने Te Puke की kiwifruit बगिया में साझा सीख दिया
Piyush Goyal ने Te Puke की kiwifruit बगिया में साझा सीख दिया

साझा सीख का महत्व और ज्ञान-मंथन

Piyush Goyal ने Te Puke की kiwifruit बगिया में अपने दौरे का वर्णन very productive visit के रूप में किया, जहाँ Kiwi Indian किसान और उत्पादक बड़ी गर्मजोशी से मिले और उन्होंने किसानों को उन्नत खेती-प्रथाओं, गुणवत्तापूर्ण उत्पादन तथा साफ साथ सतत कृषि के आयामों से अवगत कराया।

यह दौरा एक ज्ञान-विनिमय का मंच था, जहाँ भारत न्यूज़ीलैंड के किसान, व्यवसायियों और कृषि निति निर्माताओं ने मिलकर आपस में चर्चा की कि कैसे फलों-उत्पादन, crop diversification तथा परिरक्षण कृषि (conservation-agriculture) को आगे लाया जा सकता है।

Piyush Goyal ने दिया कृषि ट्रेड सम्बन्धों का आयाम

दौरे के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि कृषि सिर्फ उत्पादन का मामला ही नहीं है बल्कि trade dialogue का भी केंद्र बन चुका है। भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच बातचीत में यह भी सामने आया कि दोनों राष्ट्रो को ऐसे मॉडल प्लेटफार्म चाहिए जहाँ कृषि उत्पाद, इनपुट्स, टिकाऊ प्रथाएँ एवं व्यावसायिक उद्यम एक दूसरे के पूरक बन सके। उदाहरण के लिए, kiwifruit की उत्कृष्ट किस्में, orchard management तथा export-pathways पर काफी चर्चा की गई। इस प्रकार यह दौरा संगठन-स्तर की मुलाकात के साथ Agriculture meets Trade की दिशा में भी एक व्यावहारिक कदम था।

Piyush Goyal ने Te Puke की kiwifruit बगिया में साझा सीख दिया
Piyush Goyal ने Te Puke की kiwifruit बगिया में साझा सीख दिया

सततता, नवाचार और उत्पादन-शक्ति को गहराई से जोड़ना

Te Puke का क्षेत्र kiwifruit के लिए विश्व प्रसिद्ध है। Piyush Goyal ने भी इस बात पर जोर दिया कि भारत के किसानों व्यवसायियों को इस तरह के कृषि हब से सीख लेने की आवश्यकता है कि किस तरह बगिया प्रबंधन, disease management, और quality standards निर्यात सर्वोत्तम कृषि के लिए अहम भूमिका निभाते हैं।

Kiwi Indian उत्पादक जिन्होंने न्यूज़ीलैंड और भारत के दोहरी पहचान के साथ काम किया है, उन्होंने स्पष्ट किया कि Innovation, Sustainability, Cultivation Excellence इस कृषि मॉडल की दीवारें हैं। भारत के MSMEs, किसान समूह तथा कृषि उद्यमियों के लिए यह दौरा प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।

व्यापार-रणनीति और भविष्य-दृष्टि

यह दौरा कृषि ज्ञान तक सीमित न होकर इसका व्यापार रणनीतिक आयाम भी विशेष देखा गया। भारत ने शुद्ध रूप से कहा है कि वह अपनी कृषि शक्तियों के साथ-साथ वैश्विक व्यापार मंच पर भी सक्रिय रूप से इच्छुक है। न्यूज़ीलैंड के साथ चल रही Free Trade Agreement की बातचीत के परिप्रेक्ष्य में यह दौरा विशेष महत्व रखता है।

Piyush Goyal ने स्पष्ट किया है कि भारत dairy and MSMEs जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा करते हुए भी अपनी वैश्विक उन्मुख कृषि व्यापार रणनीति को आगे ले जाएगा। इस तरह यह दौरा भारत न्यूज़ीलैंड संबंधों में trade collaboration को एक नया रंग दे रहा है।

निष्कर्ष

भारत न्यूज़ीलैंड के बीच यह kiwifruit बगिया दौरा कृषि मुलाकात के साथ साझेदारी की दिशा में एक commitment थी, जिसमें देश कीमत, गुणवत्ता, निष्पादन दृष्टि और टिकाऊ कृषि मॉडल सभी शामिल हैं। ऐसे समय में जब वैश्विक मंच पर कृषि सहयोग एक प्रमुख एजेंडा बन चुका है, भारत का यह कदम यह संकेत देता है कि वह सिर्फ उत्पादन राष्ट्र ही नहीं बल्कि नवाचार सहयोग और व्यापार मंच पर सक्रिय भागीदार भी बनना चाहता है।

अगर यह साझेदारी रणनीति सफल होती है, तो आगे आने वाले वर्षों में हमें वह मॉडल देखने को मिल सकता है जहाँ Farm to Fork पथ से लेकर Orchard to Export सप्लाई चेन तक, भारत न्यूज़ीलैंड का संयुक्त प्रयास नए कृषि युग की नींव रखेगा।

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